
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सोमवार को एजेंडा आजतक 2019 के मंच पर थे. बदले- बदले से अंदाज में नजर आए केजरीवाल ने सधे सियासतदां की तरह अपनी पांच साल की उपलब्धियां गिनाईं. विधानसभा चुनाव के ऐलान से पहले वह विपक्ष पर प्रहार करने से भी बचते नजर आए.
मुख्यमंत्री केजरीवाल से जब शुरुआती चार साल और बाद के एक साल में उनके बदले तेवरों को लेकर सवाल किया गया, तो जवाब में उन्होंने कहा कि मेरे बच्चे सेटल हैं. मैं लोगों के लिए लड़ता हूं. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटा सा आदमी हूं. दिल्ली के लोगों ने जिम्मेदारी सौंपी है. कोई काम फंस जाए तो प्रधानमंत्रीजी और एलजी के पास जाकर हाथ जोड़ता हूं. उनके पैर पकड़ता हूं और जब वह नहीं मानते, तब संघर्ष करता हूं.
केजरीवाल ने कहा कि सीसीटीवी की फाइल साइन कराने के लिए एलजी के घर 10 दिन बैठ गया. वह काफी दिनों तक फाइल लटकाए थे. धरना देने वाली अपनी छवि के संबंध में पूछे गए सवाल पर उन्होंने हल्के अंदाज में कहा कि पिछले पांच साल में एक ही बार दिया. केजरीवाल ने कहा कि पहले सारी फाइलें अप्रूवल के लिए एलजी के पास जाती थीं. इससे बड़ी दिक्कत हो रही थी.
उन्होंने कहा कि डेढ़ साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने लैंड, पुलिस और लॉ एंड ऑर्डर को छोड़कर सभी फैसले लेने का मुख्यमंत्री को अधिकार दिया. केजरीवाल ने कहा कि इसके बाद दिल्ली में काम की रफ्तार बढ़ी है. विपक्षी भारतीय जनता पार्टी की ओर से लगाए जा रहे आरोपों पर उन्होंने कहा कि वह कुछ भी कहें, सरकार के काम से जनता खुश है.
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि भाजपा जब हरियाणा के चुनाव में जाती है तब जाट और गैर जाट के नाम पर वोट मांगती है, देश के चुनाव में हिंदू और मुसलमान के नाम पर राजनीति करती है, लेकिन मुझे खुशी है कि जब वह दिल्ली में आते हैं तो उन्हें कच्ची कॉलोनियों की याद आती है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है और दिल्ली की जनता ने फिर से सरकार बनाने का निर्णय कर लिया है. हम अगले पांच साल में क्या करना है, अब इस तरफ ध्यान दे रहे हैं.