
भारतीय टीम के चैम्पियन ऑलराउंडर रहे युवराज सिंह ने वर्ल्ड कप-2019 में टीम इंडिया की हार के पीछे की बड़ी वजह का खुलासा किया है. पांच दिन पहले ही 38 साल के हुए युवराज सिंह ने मंगलवार को एजेंडा आजतक के दौरान कहा कि इस वर्ल्ड कप के पीछे हार की बड़ी वजह खराब प्लानिंग थी. उन्होंने टीम प्रबंधन की कड़ी आलोचना की और कहा कि इस 50 ओवरों के टूर्नामेंट के लिए उनकी योजना पूरी तरह से गलत थी. खिताब का प्रबल दावेदार भारत विश्व कप में नंबर चार पर स्थापित बल्लेबाज के बिना उतरा था, जिससे टीम प्रभावित हुई और विराट कोहली की टीम को सेमीफाइनल से बाहर होना पड़ा.
युवराज सिंह ने कहा कि 2019 के वर्ल्ड कप के लिए नंबर-4 को लेकर टीम प्रबंधन का मेरी ओर बिल्कुल ध्यान नहीं था, लेकिन मुझे इस बात का बेहद अफसोस है कि अंबति रायडू के साथ क्या हुआ. वह मेरे बाद नंबर-4 पर बेहद फिट बैठते थे. एक साल तक वह टीम में रहे. न्यूजीलैंड में रायडू ने 90 रनों की पारी (फरवरी 2019) खेली और वह मैन ऑफ द मैच भी रहे.
युवराज ने कहा कि इसके बाद वर्ल्ड कप में रायडू को ड्रॉप कर दिया गया. विजय शंकर (5 वनडे पारियां) और ऋषभ पंत (वर्ल्ड कप से पहले पांच वनडे) जैसे कम अनुभवी खिलाड़ियों को मौका दिया गया. बाद में शंकर चोटिल हो कर बाहर हो गए थे, फिर भी इतने कम अनुभव के साथ कोई खिलाड़ी बड़ा मैच कैसे निकाल सकता है.
युवराज ने टीम प्रबंधन की रणनीति को आड़े हाथों लिया. युवराज ने कहा, ‘मेरी नाराजगी उन चीजों से है जो थिंक टैंक ने की. दिनेश कार्तिक अचानक सेमीफाइनल खेलते हैं. उन्हें पहले से मालूम नहीं रहता कि उन्हें किस नंबर पर बल्लेबाजी करनी है. एमएस धोनी जैसे अनुभवी खिलाड़ी नंबर-7 पर बल्लेबाजी करने उतरते हैं. यानी किसी को कुछ पता नहीं था कि सेमीफाइनल में किसे कहां उतरना है.'
युवराज ने कहा कि सेमीफाइनल जैसे इतने बड़े मैच में आप ऐसा नहीं कर सकते. उस वक्त नंबर-4 के बल्लेबाज (पंत) का उच्चतम स्कोर 48 रन था. युवराज ने कहा, ' मेरा मानना है कि हार की प्रमुख वजह कमजोर प्लानिंग थी. उस वक्त समझा गया कि रोहित और विराट बड़े फॉर्म में हैं और वह आसानी से मैच निकाल लेंगे. आप वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया की पिछली टीमों (2003, 2007, 2011, 2015 वर्ल्ड कप) को देखिए उनके पास पहले से ही एक सेट बैट्समैन रहा. उनका मध्यक्रम पहले से ही तय था.'
एजेंडा आज तक के मंच पर युवराज सिंह के साथ हरभजन सिंह भी मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि भारतीय क्रिकेट में सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर, कपिल देव और अनिल कुंबले की चर्चा होती है...लेकिन युवराज नहीं होते, तो हम दो वर्ल्ड कप (2007 टी-20 वर्ल्ड कप, 2011 वर्ल्ड कप) नहीं जीत पाते.
हरभजन ने कहा कि वर्ल्ड कप से युवराज सिंह के प्रदर्शन को हटा दें, तो भारतीय टीम सेमीफाइनल तक जरूर पहुंच जाती, लेकिन आगे की राह आसान नहीं होती. युवराज ने ऑलराउंड प्रदर्शन कर भारत को चैम्पियन बनाया.