
एजेंडा आजतक के मंच पर पहुंचे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि बंगाल में अगर जीना है, अथवा व्यापार करना है या यहां राजनीति करनी है तो बस एक ही विकल्प है. आप उनके साथ हो जाइए. यहां सरकार के इशारे पर सभी काम हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि बंगाल में संवैधानिक व्यवस्था को ताक पर रख दिया गया है. मैं रबर स्टैंप को बर्दाश्त नहीं कर सकता. बंगाल को मानवाधिकार की प्रयोगशाला बना दिया गया.
राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि मुझे डर लगता है. उन्होंने कहा कि ये सोचते हुए डर लगता है कि अगर मीडिया न हो तो जाने क्या हो. धनखड़ ने कहा कि बंगाल में संविधान का पालन नहीं किया जा रहा है.
एजेंडा में जब राज्यपाल से पूछा गया कि तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि बंगाल में 1232606 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव आया है. काम शुरू किया जा रहा है. इस पर धनखड़ ने कहा कि बंगाल के किस भूभाग पर ये विकास हो रहा है. उन्होंने कहा कि विकास केवल यात्रा से नहीं होगा, विज्ञापनों से नहीं होगा. विकास के लिए जमीनी स्तर पर काम करना पड़ेगा. लोगों में विश्वास जगाना होगा.
राज्य में मनमाने तरीके से काम कर रही हैं ममता बनर्जी
उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ कदम कदम से कदम मिलाकर विकास कार्यों को बढ़ावा देना चाहते हैं, लेकिन उनकी ओर से कोई काम नहीं किया जा रहा है. धनखड़ ने कहा कि एक बार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मिलकर कहा था कि वे राज्य के मुख्य कार्यों को लेकर तीन अफसरों को नामित करेंगी, जो समय समय पर राज्यपाल से मिलकर उन्हें जानकारी देंगे, लेकिन आज तक कोई अधिकारी किसी भी मामले को लेकर मिलने नहीं आया.
फाइनेंश कमीशन में की जा रही है मनमानी
उन्होंने भारत के संवैधानिक ढांचे के बारे में बात करते हुए कहा कि संविधान के अनुसार सीधी सी व्यवस्था है कि वित्त आयोग राज्यपाल को रिपोर्ट देगा. राज्यपाल उस रिपोर्ट को विधानसभा में रखवाएगा, जिससे जनता के चुने गए प्रतिनिधि उस पर विवेचन कर सकें. उन्होंने कहा कि पांच साल का समय निकल गया, सिफारिशों का समय निकल गया, लेकिन इस व्यवस्था के तहत राज्यपाल को कोई भी रिपोर्ट नहीं दी गई. उन्होंने आरोप लगाया कि अपने ही चुने गए लोगों को सरकार फाइनेंस कमीशन में लगाना चाहती है.
निष्पक्षता से काम नहीं कर रहा स्टेट इलेक्शन कमीशन
एजेंडा कार्यक्रम में जब सवाल पूछा गया कि स्टेट इलेक्शन कमीशन किस तरह से काम कर रहा है. इस पर राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि स्टेट इलेक्शन कमीशन का कानून में वही दर्जा है, जो इलेक्शन कमीशन आफ इंडिया का है. इसके बावजूद स्टेट में इलेक्शन कमीशन निष्पक्ष होकर काम नहीं कर रहा है. राज्य में चुनाव आयोग सरकार के दबाव में आकर कार्य को अंजाम दे रहा है.
राज्यपाल ने कहा कि जब केंद्र में कोई दूसरी सरकार हो और राज्यपाल उस प्रांत में जाता है जहां दूसरी पार्टी की सरकार हो उसे वहां शक की नजरों से देखा जाता है. उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए. धनखड़ ने कहा कि राज्य में डर का माहौल है. मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि वहां मुझे डर नहीं लग रहा है.