आजतक के महामंच 'एजेंडा आजतक' पर शुक्रवार को पहले दिन राजनीति से लेकर बॉलीवुड तक की कई दिग्गज हस्तियों ने शिरकत की. इस दौरान दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने आगामी चुनाव को लेकर अपनी रणनीति पर चर्चा की तो वहीं छत्तीसगढ़ के सीएम ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. इसके अलावा किसान नेता राकेश टिकैत और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अलग अलग सेशन के दौरान मंच पर कृषि कानून वापसी बात चर्चा की.
आजतक के महामंच 'एजेंडा आजतक' पर शुक्रवार को पहले दिन राजनीति से लेकर बॉलीवुड तक की कई दिग्गज हस्तियों ने शिरकत की. इस दौरान दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने आगामी चुनाव को लेकर अपनी रणनीति पर चर्चा की तो वहीं छत्तीसगढ़ के सीएम ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. इसके अलावा किसान नेता राकेश टिकैत और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अलग अलग सेशन के दौरान मंच पर कृषि कानून वापसी बात चर्चा की. दूसरी तरफ बॉलीवुड की फेमस अभिनेत्री कृति सेनन और कियारा आडवाणी समेत सोनू सूद और आयुष्मान खुराना ने भी महामंच पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. आज के 'एजेंडा आजतक' के सभी सेशन हमारे यूट्यूब पर मौजूद हैं. कल यानी कि शनिवार को एक बार फिर यह महामंच सजेगा, हम एक बार फिर राजनीति जगत के दिग्गजों के साथ चर्चा करेंगे. फ़िलहाल के लिए शुभरात्रि.
सारा देश अपना है और हमें पूरे देश के बारे में सोचना है. इसी बात के साथ आजतक के महामंच एजेंडा आजतक पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपनी बात शुरू की. कई राज्यों में आगामी चुनाव को लेकर भी सीएम केजरीवाल ने मंच पर चर्चा की.
पंजाब को लेकर उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जितने भी वादे किये उन्हें पूरा नहीं किया. इसी बीच वो पंजाब में चन्नी साहब को ले आए और वो भी सिवाए ऐलान के कुछ नहीं कर रहे. वहीं अमरिंदर सिंह के जाने पर उन्होंने कहा कि इससे पंजाब को ही नुकसान हुआ है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 'एजेंडा आजतक' के मंच पर कहा कि टीकाकरण हमारी प्राथमिकता है, टीकाकरण अभियान को तेजी से चलाया गया. जिसका आंकड़ा आज सबके सामने हैं. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर कई कदम उठाए गए हैं. जिसके परिणाम दिखने को मिल रहे हैं. जीडीपी में लगातार सुधार भी देखने को मिल रहा है. वहीं कोरोना के नए वैरिएंट आने पर उन्होंने कहा कि कोई भी वैरिएंट हो सरकार एक्शन लेने के लिए तैयार है. राज्यों को केंद्र सरकार ने लेटर लिखा है. प्राथमिकता पूरी तरह से वैक्सीनेशन पर है, फिर भी प्रोटोकॉल फॉलो कर रहे हैं. वैरिएंट कितना फैलेगा अभी कोई क्लैरिटी नहीं.
आजतक के महामंच 'एजेंडा आजतक' पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर सरकार की तैयारियां और अन्य मुद्दों पर चर्चा की. कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि सरकार कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर चिंतित भी है और सतर्क भी. वहीं कोरोना की वजह से हुई इकॉनमिक नुकसान पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि हम जल्द ही रिकवर करेंगे, और हम कर रहे हैं. वहीं कार्यक्रम में वित्त मंत्री विपक्ष पर भी हमलावर रहीं.
विपक्ष को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि जहां कांग्रेस की सरकार है वहां वो अपने राज्य की चिंता क्यों नहीं करते हैं, अगर वो वहां ध्यान देंगे तो देश को मदद मिलेगी. वहीं कृषि कानून वापसी से सरकार पर कोई असर पड़ सकता है, सवाल पर उन्होंने कहा कि इससे कोई असर नहीं आने वाला.
शुक्रवार को आजतक के महामंच 'एजेंडा आजतक' पर बॉलीवुड की फेमस अभिनेत्री कियारा आडवाणी भी पहुंची. जहां उन्होंने अपनी हाल ही में आई फिल्म शेरशाह पर बात की. कियारा ने मंच पर फिल्म में अपने किरदार पर बातचीत की. कियारा ने यहां डिंपल चीमा के किरदार के लिए खुद को कैसे तैयार किया? इस पर चर्चा की.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फिल्म में डिंपल का किरदार निभाना मेरे लिए खुशनसीबी ही है. वहीं फिल्म कबीर सिंह में क्रिटिक्स की नजर में घिरे 'स्लैप' पर कियारा ने कहा कि हालांकि ऐसा होना गलत है, लेकिन फिल्म में वो अपनी जरुरत के हिसाब से था और वो सीन क्यों था इसके लिए फिल्म को देखना ही होगा.
एजेंडा आजतक के मंच पर बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद ने भी शिरकत की. यहां उन्होंने कोरोना काल में उनके द्वारा जरुरतमंदों की मदद करने पर चर्चा की. वहीं उन्होंने फ़िल्मी दुनिया में अपने सफ़र पर भी बात की. उन्होंने कहा कि मेरे लिए मेरा सोनू सूद मेरा ईश्वर है. वहीं मंच पर सोनू सूद के साथ EBIXCASH के सीईओ रॉबिन रैना भी मौजूद रहे.
मंच पर सोनू सूद का नाम राजनीति से जोड़े जाने पर बात करते हुए कहा कि राजनीति बहुत कमाल का फील्ड है. बहुत अच्छा लगता है जब लोग कहते हैं कि आप जो काम अभी कर रहे हैं उसे राजनीति में आकर करेंगे तो और बेहतर होगा. हालांकि इस दौरान ख़ास बात यह रही सोनू सूद ने राजनीति में आने को लेकर इनकार भी नहीं किया. सोनू ने कहा कि नेता कमाल का वो जिसे लोग पकड़ कर सत्ता की कुर्सी पर बिठा दे.
यूपी चुनाव को लेकर सीएम भूपेश ने कहा कि साफ है जनता जिसे पसंद करती है वो ऊपर आती है. अभी तक अन्य सरकारों को पसंद किया अब हमें कर रही है. उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी के नेतृत्व में हमारी पार्टी ने संगठन के ढांचे को खड़ा किया है. और इसी संगठन की ताकत पर हम यूपी में खड़े होंगे. वहीं यूपी में सीएम के चेहरे पर बघेल ने कहा कि यह हाईकमान का फैसला है.
गठबंधन पर बात करते हुए सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि यह समय की मांग है. यह दौर चल रहा है कि आपको गठबंधन करना होगा. लेकिन यूपी में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के सवाल पर भूपेश बघेल ने कहा कि सामने वाला ही नहीं चाहता कि गठबंधन हो तो हम कैसे कर लेंगे. वैसे भी प्रियंका गांधी ने तो साफ कर दिया है कि यूपी हम अकेले लड़ेंगे.
आजतक के महामंच 'एजेंडा आजतक' पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी पहुंचे. यहां उन्होंने छत्तीसगढ़ के विकास के साथ साथ राज्य में राजनीतिक अटकलों को भी इशारा दे दिया कि यहां कांग्रेस सरकार में कुछ भी हलचल नहीं है. सरकार यहां अपना पूर्ण कार्यकाल निभाएगी.
पीएम आवास योजना को लेकर केंद्र से तनातनी पर सीएम बघेल ने कहा कि पीएम आवास की अगर बात करें तो उसमें चालीस फीसदी यदि राज्य सरकार देगी तो किस बात का पीएम आवास? उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से तकरीबन पन्द्रह से बीस हजार करोड़ रुपए लेना है अगर हमारा हिस्सा वो हमें दे देते हैं तो कितनी ही मुश्किलें आसान हो जाएगी. उन्होंने मंच पर साफतौर पर केंद्र सरकार पर राज्य का पैसा रोकने का आरोप लगाया है.
राज्यपाल धनखड़ ने पश्चिम बंगाल की हालत पर चिंता जताते हुए कहा कि आप मेरी बात नोट कर लीजिये, पश्चिम बंगाल के हालत ज़रा भी ठीक नहीं हैं. उन्होंने ममता सरकार पर इशारों इशारों में निशाना साधते हुए कहा कि बंगाल में अगर जीना है, व्यापार करना है... या चाहे जो करना है तो एक ही विकल्प है आप उनके के साथ रहिये.
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने आजतक के महामंच पर ममता सरकार पर कई आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि राज्यपाल का अधिकार है कि वो राज्य की सरकार से, मुख्यमंत्री से कोई भी जानकारी मांग सकता है. उन्होंने कहा कि पिछले दो साल से मैं ममता सरकार से जानकारी मांग रहा हूं, लेकिन मुझे एक भी जानकारी नहीं दी जा रही है.
उन्होंने कहा कि राज्य में इतनी भयानक हिंसा हुई, लेकिन मुख्यमंत्री ने इस पर ध्यान ही नहीं दिया. ऐसे में एक राज्यपाल होते हुए मैं कैसे चुप रहता. लोगों में इतना डर है कि वो उस डर के मारे बंगाल के डर की बात नहीं कर पाते. उन्होंने ममता सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में संविधान का पालन नहीं हो रहा है.
जब राज्य में अलग पार्टी की सरकार हो तो राज्यपाल पंचिंग बैग बन जाता है. बहुत से लोग राज्यपाल की भूमिका पर सवाल उठाते हैं. ऐसा वो इसलिए कहते हैं क्योंकि राज्यपाल की शपथ के दूसरे भाग पर नहीं जाता. जिसमें वो राज्य के लिए निष्ठा की शपथ लेता है.
पश्चिम बंगाल को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि वहां हालत चुनौतीपूर्ण हैं. वहां के हालत चिंताजनक हैं. उन्होंने कहा कि राज्यपाल मुख्यमंत्री से कोई भी जानकारी मांग सकता है, दो साल से ममता सरकार से जानकारी मांग रहे लेकिन एक भी जानकारी नहीं मिली.
थलसेना अध्यक्ष एमएम नरवणे ने कहा कि 1971 में हुआ युद्ध सिर्फ एक युद्ध नहीं था, बल्कि इस युद्ध के बाद एक नया देश बना. जिसके साथ आज हमारे हर लेवल पर अच्छे संबंध हैं. और मुझे यह उम्मीद भी है कि हम धीरे धीरे बेहतर की तरफ बढ़ेंगे. थलसेना अध्यक्ष ने कहा कि जब भी हम सेना के इतिहास और लड़ाइयों को पढ़ते हैं तो हर नेतृत्व हमें गौरवान्वित करते हैं.
आजतक के महामंच पर थलसेना अध्यक्ष एमएम नरवणे ने बतौर सैनिक अपनी कई यादें शेयर कीं. उन्होंने सीमा पर 1971 के युद्ध की बात करते हुए कहा कि जब हम सेना के इतिहास को पढ़ते हैं तो पाते हैं कि मार्च के अंतिम दिनों में ही युद्ध की खबर हो गयी थी. उन्होंने कहा कि जीत भारत की तीनों सेना की थी, देश की थी. उन्होंने कहा कि हालांकि उस दौर का युद्ध और अब समय में बेहद फर्क है. अब टी-20 है. आज के जमाने में शायद 1971 न देखने को मिले.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार ने अनेक बार चर्चा के दौरान अपनी बात समझाने की कोशिश की, लेकिन मुझे दुख है कि समझा नहीं सके. आजादी का अमृत महोत्सव का साल है और पीएम मोदी की इच्छा है कि सभी को साथ लेकर संकल्प पूरे करना है. नए भारत के लिए संकल्प लेना है. किसी भी कोने में असहमति हो, उसे समाप्त करना चाहिए. इसीलिए कानूनों को वापस लेने का फैसला लिया गया.
Bill Atka, Krishi Sudhaar Latka! सेशन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कभी-कभी फैसला व्यापक दृष्टिकोण के आधार पर देश को सामने रखकर लेना जरूरी होता है. कृषि कानून भारत सरकार किसानों की भलाई के लिए लाई थी. सारा देश इस बात का साक्षी है कि कृषि कानून के अंतर्गत कृषि उत्पादन पर टैक्स खत्म हो जाए तो इस कानून में क्या कमी हो सकती है. ऐसा कानून जो वैकल्पिक हो, उस पर किसे क्या शिकायत हो सकती है? किसान अपना उत्पादन कहीं पर भी बेचने को स्वतंत्र है. इस दृष्टि से सरकार ये कानून लेकर आई थी.
राकेश टिकैत को किसान आंदोलन का फूफाजी कहा जाने लगा है कि सरकार उनकी हर बात मानती जाए और वे टस से मस नहीं हो रहे? इस सवाल का जवाब देते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने कौन सी मांगें मान ली है. उन्होंने कहा कि कृषि कानून खत्म होने से किसानों की बीमारी दूर नहीं हुई. राकेश टिकैत ने कहा कि असली बीमारी तो एमएसपी है. इसका इलाज दिल्ली से ही होगा. उन्होंने सरकार पर लोगों को बरगलाने का आरोप लगाया और एमएसपी का मसला उठाया. राकेश टिकैत ने कहा कि नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उनके नेतृत्व में कमेटी बनी थी. उन्होंने स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट का भी राग अलापा.
Ye Dil Maange More! सेशन में किसान नेता राकेश टिकैत और बीजेपी सांसद राजकुमार चाहर पहुंचे हैं. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कानून खत्म होने से किसानों की 'बीमारी' खत्म नहीं हुई है. टिकैत ने कृषि कानूनों की तुलना कोरोना जैसी बीमारी से की. उन्होंने कहा कि कोविड की भांति कानून का इलाज तो हो गया लेकिन अब किसानों की दूसरी बीमारियों के उपचार की भी जरूरत है. उन्होंने कहा कि कृषि कानून कोरोना की तरह थे, किसानों की दूसरी 'बीमारी' का भी इलाज हो.
ओवैसी ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन्हें हर चीज में जिन्ना नजर आता है, जबकि जिन्ना की जरूरत नहीं है, गन्ने की सही कीमत की जरूरत है. ओवैसी ने कहा कि हमने जिन्ना का नाम नहीं लिया, न हम ख्वाब में भी सोचते, जितना नाम जिन्ना का सपा और बीजेपी ने लिया, हम नहीं लेते. ओवैसी ने कहा कि भारत के मुसलमान को जिन्ना से क्या करना, जो जिन्ना को मानने वाले थे वो पाकिस्तान चले गए. उन्होंने कहा कि यूपी को जिन्ना की जरूरत नहीं है, गन्ने की कीमत की जरूरत है. भारत के मुस्लिम को जिन्ना से मतलब नहीं है. बाबा सीएम ने ठाकुरवाद फैलाया है.
हम आपके हैं कौन? सत्र में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुधांशु त्रिवेदी ने शिरकत की है. इस सत्र में ओवैसी बीजेपी के एजेंट हैं या समाजवादी पार्टी के सवाल पर खुद जवाब दिया. वहीं, जब एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख से यूपी के सीएम पर निशाना साधते हुए खुद की तुलना 'लैला' से किए जाने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि आप पहले ये तय कर लीजिए कि मैं क्या हूं. उसके बाद आप सर्टिफिकेट दे दीजिए. दरअसल, असदुद्दीन ओवैसी ने यह तुलना 'मिशन यूपी' पर रहने के दौरान की थी. वहीं, असदुद्दीन ओवैसी द्वारा खुद की तुलना लैला से किए जाने पर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि मुस्लिम लैला बन गए हैं. इन दिनों उनके कई मजनूं खड़े हो गए हैं. उन्होंने कहा कि एक मजनूं समाजवादी पार्टी है, दूसरी कांग्रेस पार्टी है. उन्होंने कहा कि ऐसे कई मजनूं हैं.
लव-जिहाद के मुद्दे पर शिवराज सिंह ने कहा कि लव से किसी को कोई परेशानी का सवाल ही नहीं पैदा होता. लेकिन उसके पीछे कोई गलत करता है तो उसके लिए यह कानून है. वहीं, मध्य प्रदेश में कई नामों को बदले जाने के सवाल पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मुझे कहते हुए तकलीफ हो रही है कि जिस पार्टी ने सबसे ज्यादा शासन किया, उन्होंने एक खानदान को प्रतिष्ठित करने का काम किया. इसलिए मुझे गर्व है कि नाम बदला.
'Mama Raaj' सेशन में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिरकत की है. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अगर मेरे मित्र एक्टर या डायरेक्टर कहते हैं तो साफ नजर आता है कि उनका विरोध कितना छिछला है. वे काम पर विरोध नहीं कर पाते हैं. अगर हम किसानों के खाते में डेढ़ साल में एक लाख 50 हजार करोड़ रुपये डालते हैं तो वे कहते हैं कि ये एक्टर हैं. अगर हम गरीबों के लिए संबल जैसी योजना को चालू करके लाखों लोगों की जिंदगी बदल देते हैं, तब भी वे मुझे एक्टर कहते हैं. इस एक्टिंग में मुझे कोई आपत्ति नहीं है और गर्व है कि अपनी जनता की सेवा के लिए बेहतरी के लिए काम कर रहा हूं. तो वे एक्टर कहें तो मुझे एक्टिंग पसंद है.
महंगाई का मुद्दा! सेशन शुरू चुका है. इसमें केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर और कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने शिरकत की है. केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने महंगाई के सवाल पर कहा कि हम 19 महीने के कोविड काल के बाद बाहर निकल रहे हैं. ग्लोबल इकोनॉमी में बहुत कुछ हुआ है. इसे हमें नहीं भूलना चाहिए. उन्होंने पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को लेकर कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फ्यूल प्राइसेस से भारत का प्रभावित नहीं होना असंभव है. केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतें बढ़ती हैं तो उसका प्रभाव भारत पर भी पड़ता है. वहीं, मनीष तिवारी ने कहा कि सरकार की आर्थिक सोच सिर्फ कुछ उद्योगपतियों के लिए है.
'Kriti Ki Kirti' सेशन शुरू हो चुका है. इसमें एक्स्ट्रेस कृति सेनन ने शिरकत की है. आजतक एजेंडा में कृति सेनन ने अपनी निजी जिंदगी और करियर के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि कई बार उनके साथ ऐसा होता है कि उन्हें लोगों के बारे में बाद में चीजें पता चली हों. कृति कहती हैं कि वह जल्दी लोगों पर विश्वास कर लेती हैं. यह उनके लिए कई बार अच्छा साबित नहीं हुआ है. कृति ने अपने करियर के बारे में बताया कि वह साउथ की फिल्मों में रट्टा मारकर काम किया करती थीं. उन्हें हिंदी फिल्में ज्यादा सहज लगती हैं.
कृति सेनन ने अपनी फिल्म मिमी के बारे में भी बात की. उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने इस फिल्म के लिए 15 किलो वजन बढ़ाया था. कृति कहती हैं कि वह बचपन से दुबली-पतली रही हैं. उनके लिए वजन बढ़ाना काफी मुश्किल रहा है. ऐसे में मिमी में ऐसा करना उनके लिए बड़ा चैलेंज था.
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एअर इंडिया की बिक्री पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ये सबके फायदे के लिए है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राज में 25 सरकारी कंपनियों का विनिवेश हुआ था, आज वे इसका विरोध कर रहे हैं. एअर इंडिया पर जो 2 लाख करोड़ रुपये का कर्ज का बोझ आया क्या यह देश के पैसे का सदुपयोग था? यह सरकार का बहुत साहसी निर्णय है और देशहित में है.
क्या हवाई चप्पल वाला भी करेगा हवाई यात्रा? ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिया ये जवाब
नई उड़ान सत्र की शुरुआत हो चुकी है. इस सत्र में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिरकत की है. Omicron कितनी बड़ी चुनौती है? इस पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हमें ऐसी चुनौतियों के लिए तैयार रहना चाहिए. अभी दुनिया में जीनोम सिक्वेंसिंग के आधार पर इसकी तहकीकात हो रही है, लेकिन हमें इसके लिए सावधान रहना चाहिए. हमने संक्रमण वाले 11 देशों को चिह्नित कर इन देशों से आने फ्लाइट पर विशेष निगरानी है और यात्रियों को रैपिड आरटीपीसीर करने के बाद एयरपोर्ट से आने दिया जा रहा है. करीब 8.5 हजार यात्रियों का टेस्ट किया गया है. कनेक्टिविटी जरूरी है, तो सेफ्टी और सुरक्षा भी जरूरी है. क्या रिस्क वाले देशों से आने वाली फ्लाइट पर रोक लगाई जा सकती है? इस पर उन्होंने कहा कि अभी ये ऑनगोइंग प्रोसेस है और जरूरत पड़ने पर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे. लगातार बदलाव होगा.
'किसान बहाना मोदी निशाना' सत्र की शुरुआत हो चुकी है. इस सत्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला और केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने शिरकत की है. पीएम मोदी और सरकार किसानों को क्या-क्या नहीं समझा पाए, इसके जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानूनों को यह कहते हुए वापस लेने की घोषणा की हम किसानों को समझा नहीं पाए. सुरजेवाला ने कहा कि किसानों को ये भी नहीं समझा पाए कि किसान को मिलने वाला उचित मुआवजा कानून खत्म कर दिया गया. फसल बीमा योजना प्राइवेट बीमा कंपनी क्यों बना दी गई, ये तीन कृषि कानून क्यों लेकर आए. वहीं, केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने भी अपनी बातें इसे मुद्दे पर बेबाकी से रखी.
किसान नेता Rakesh Tikait से कांग्रेस का रिश्ता क्या कहलाता है? रणदीप सुरजेवाला ने किया 'खुलासा'
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा और कन्हैया कुमार के बीच नोकझोंक देखने को भी मिली. संबित पात्रा ने कहा कि हम लोगों को एजुकेशन का सर्टिफिकेट व्यवहार से देना चाहिए. हम लोगों को मुर्गा लड़ाने वाला काम नहीं करना चाहिए. इसके जवाब में कन्हैया कुमार ने कहा कि ये रोज मुर्गा लड़ाते हैं. इसी वजह से ये आईटीडीसी का चेयरमैन बने हैं. संबित पात्रा ने कहा कि मैं पिछले चेयरमैन से ज्यादा पढ़ा-लिखा हूं. मैंने एमबीबीएस किया, लंदन से एमआरसीएस किया और फिर यूपीएससी पास की. आप लोगों द्वारा डॉक्टरों की क्यों बेइज्जती की जाती है? जो लोग 50-50 साल तक थीसिस करते हैं, वे यूपीएससी वालों से पूछेंगे कि क्वालिफिकेशन क्या है?
राष्ट्रवाद पर भिड़ गए संबित पात्रा और कन्हैया कुमार, बताई अपनी-अपनी परिभाषा
कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने कहा कि मुझे बीजेपी के राष्ट्रवाद से कोई दिक्कत नहीं है. यह एक देश है, जिसे आप नेशन या कंट्री कहें. देश संविधान से चलेगा. आजादी के बाद जब संविधान लागू हुआ. पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की जयंती है. तमाम अलग-अलग धाराओं के लोगों ने अंग्रेजों से लड़कर देश को आजाद करवाया और गुलामी को समाप्त करवाया. संबित पात्रा की पार्टी की एक नेता ने कहा कि आजादी 99 साल की लीज पर है. इसीलिए कहता हूं कि ये न तो आजादी को मानते हैं और न ही संविधान को मानते हैं. कोई भी राष्ट्र जो नियम-कानून से चलेगा, उसकी जो पुस्तिका देश का संविधान है.
Rashtra Ya Rashtravad सेशन शुरू हो चुका है. इस सेशन में बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा, कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार, हार्दिक पटेल और ABVP सेंट्रल वर्किंग कमेटी के साकेत बहुगुणा ने शिरकत की है.
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि देश और राष्ट्र दोनों अलग-अलग शब्द हैं. देश की अपनी एक छवि होती है, प्रधानमंत्री होते हैं और अर्थनीति होती है. लेकिन राष्ट्र एक सोच होती है और उसकी कोई बाउंड्री नहीं होती है. उदाहरण के तौर पर देश की नजर से गंगा एक नदी है, लेकिन राष्ट्र की नजर से देखें तो यह गंगा मां हैं. गंगा एक सोच, जननी हैं. इसीलिए राष्ट्र को बांधा नहीं जा सकता है. वह व्यापक है. राष्ट्र को लेकर कोई दो मत नहीं हो सकते हैं. वहीं, राष्ट्रवाद क्या है? संबित पात्रा ने जवाब दिया कि राष्ट्र को मां मानना. राष्ट्र ने ही मुझे जन्म दिया है, उसके लिए मैं कुछ भी कर सकता हूं. राष्ट्र के लिए बलिदान भी दे सकता हूं. यही राष्ट्रवाद है.
Vikas Ka Expressway सत्र में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शिरकत की है. गडकरी ने कहा कि पेट्रोल की गाड़ी पर अगर खर्च 20,000 रुपये आएगा तो इलेक्ट्रिक गाड़ी पर ये खर्च 1500 से 2000 रुपये होगा. इससे आपकी महीने की 18000 रुपये की बचत होगी. उन्होंने कहा कि देश में 26 ग्रीन एक्सप्रेस हाईवे बन रहे हैं. दो साल में सड़क के जरिए दिल्ली से श्रीनगर 8.5 घंटे में पहुंचेंगे. सड़क बनाने में हम ट्रांसपरेंट, रिजल्ट ओरिएंटेड, टाइम बाउंड और क्वालिटी कान्शियस हैं.
सांसद-विधायक टोल क्यों नहीं देते? केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दिया ये जवाब
कार्यक्रम के आगाज पर इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने कहा कि एजेंडा आजतक में आप सबका स्वागत करना हमेशा मेरे लिए एक प्रिविलेज रहता है. पर इस समय क्योंकि एजेंडा दो साल के बाद हो रहा है, तो आप सबको देखकर और भी अच्छा लग रहा है. इस कोरोना काल ने सबकुछ बदल दिया. और कुछ चीजें तो हमेशा के लिए. इसलिए यहां आपके सामने खड़े होकर 9वें एजेंडा आजतक को प्रजेंट करना ज्यादा खास है. उन्होंने कहा कि आगे बढ़ने से पहले मैं इस मंच से और आजतक के माध्यम से उन बहादुर पत्रकारों को बधाई देना चाहती हूं जिन्होंने इस महामारी में अपनी सुरक्षा की परवाह न करते हुए अपना कर्तव्य निभाया.
कोरोना के मुश्किल समय में आजतक के पत्रकारों का जज्बा सराहनीय: कली पुरी
इस बार की थीम है- नए दौर में लिखेंगे नई कहानी. एजेंडा आजतक के महामंच पर देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्री अपने राज्यों का एजेंडा रखेंगे. ऐसे में शिवराज सिंह चौहान, अरविंद केजरीवाल, भूपेश बघेल और चरणजीत सिंह चन्नी से तीखे सवाल भी होंगे.
इस पूरे साल हिंदुस्तान कोरोना की महामारी से जूझता रहा, लेकिन देश अब कोरोना के दंश से उबर रहा है. वहीं नए साल का काउंटडाउन भी शुरू हो रहा है. अब सवाल ये भी है कि 2022 में क्या होगा देश का एजेंडा? कोरोना काल में जख्मी हुई अर्थव्यवस्था 2021 में क्या पूरी तरह पटरी पर आ जाएगी? एजेंडा विकास का है तो राजनीति का भी है. 2022 में देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होंगे. तो जाहिर है, बात सियासी भी भरपूर रहेगी.
'एजेंडा आजतक' दो साल बाद फिर सजने जा रहा है. आज और 4 दिसंबर को आजतक के महामंच पर कई दिग्गज आएंगे जो राजनीति से लेकर मनोरंजन और इतिहास से लेकर विज्ञान तक पर मंथन करेंगे. आज से दो दिनों के लिए सजने वाले आजतक के महामंच पर राजनीति के 'खिलाड़ी' चुनाव पर भी चर्चा करेंगे.