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यूनिफॉर्म सिविल कोड चुनावों का एजेंडा नहीं था, ये उत्तराखंड की ज़रूरत थी: पुष्कर सिंह धामी

विचारों का महामंच 'एजेंडा आजतक' कार्यक्रम के दूसरे दिन, राजनीति और सिनेमा से जुड़े दिग्गज मंच पर शिरकत कर रहे हैं. कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने भी शिरकत की. उन्होंने कई मसलों पर बात की और उत्तराखंड का एजेंडा बताया.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:38 PM IST

दिल्ली में विचारों का महामंच 'एजेंडा आजतक' दूसरे दिन भी जारी है. कार्यक्रम में राजनीति से लेकर मनोरंजन जगत से जुड़े दिग्गजों ने हिस्सा लिया. 'उत्तराखंड का एजेंडा' नाम के सेशन में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने भी शिरकत की.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सवाल-जवाब कर रही थीं आजतक की वरिष्ठ पत्रकार श्वेता सिंह. कार्यक्रम में पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के एजेंडे पर बात की. साथ ही, धर्मांतरण और यूनिवर्सल सिविल कोड पर भी अपने विचार साझा किए. जहां तक बात धर्मांतरण की है, तो धर्मांतरण बहुत बड़ी समस्या है.

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'धर्मांतरण पर कानून बनाना ज़रूरी था'

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धर्मांतरण को लेकर कहा कि उत्तराखंड धर्म, संस्कृति और अध्यात्म का केंद्र बिंदू है. वहां लगातार तेजी से धर्मांतरण हो रहा था, मतांतरण हो रहा था. वहां के भोले-भाले लोगों को प्रलोभन देकर, बहला-फुसलाकर और कुछ मनगड़ंत चीजें बताकर, जोर जबरदस्ती से धर्मातरण किया जा रहा था. ये वहां एक बड़ी समस्या बन गया था. इसलिए हमने इसपर कानून बनाने का फैसला किया. कानून भी कड़ा. इस कानून के तहत, अगर कोई भी धर्मांतरण करेगा तो जिलाधिकारी से इसकी इजाज़त लेनी होगी. और अगर कोई जबरदस्ती इसमें पाया जाएगा, तो उसके खिलाफ प्रशासन कार्यवाही करेगा और इसमें 10 साल की सजा का भी प्रावधान रखा गया है. 

हमारे प्राकृतिक स्रोत उत्तराखंड में हैं, जो पूरे देश के काम आते हैं. जो उत्तराखंड से शुरू होता है वो पूरे देश में जाताा है. इसमें कोई पॉलिटिकल बात नहीं है. ये समाज हित में, राज्य हित में और राष्ट्र के हित में है. 

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मंच पर चर्चा करते हुए पुष्कर सिंह धामी और पत्रकार श्वेता सिंह

'UCC चुनावों का एजेंडा नहीं था'

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूनिवर्सल सिविल कोड (UCC) चुनावों का एजेंडा नहीं था, ये उत्तराखंड की ज़रूरत थी. हमने वादा किया था कि नई सरकार के गठन के बाद हम इसपर काम करेंगे, और अब हमने ये काम कर दिया है. उन्होंने कहा कि ये किसी धर्म के खिलाफ नहीं है. 12 फरवरी 2022 को हमने ये संकल्प लिया था कि जब सरकार बनेगी तो हम इसपर एक कमेटी बनाएंगे. कमेटी सबसे बात करेगी, स्टेक होल्डरों से बात करेगी, लोगों के विचार लेगी. उत्तराखंड राज्य में कोई चाहे कोई किसी धर्म, समुदाय, प्रांत का होगा उसके लिए कानून समान होगा. अब देश भर के सभी राज्य इसपर आगे आएंगे. 

'अंकिता हत्याकांड के आरोपियों को कठोर सजा मिलेगी'

अंकिता हत्याकांड पर भी उनसे सवाल किया गया. धामी ने बताया कि ये बहुत ही जघन्य और घिनौना काम था. हर व्यक्ति को इस पर गुस्सा और पीड़ा थी. इसपर हमने तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को उसी दिन गिरफ्तार किया और उन्हें जेल भेजा. वहीं एसआईटी का गठन किया. एक महिला ऑफिसर की निगरानी में SIT की जांच शुरू कराई. इसपर तेजी से काम हो रहा है. हम इसपर एक पर्सेंट की ढील भी नहीं देने वाले हैं. अपराधी जेल के अंदर हैं और जो भी सख्त से सख्त कार्रवाई हो सकती है, वो की जा रही है. हमारी कोशिश रहेगी कि उन्हें कठोर सजा मिले. 

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'भर्ती घोटाला मेरे सीएम बनने के बाद नहीं हुआ' 

भर्ती घोटाले पर युवाओं के रोश पर उन्होंने कहा कि लोगों को लगता है कि भर्ती घोटाला इस समय का भर्ती घोटाला है. ये घोटाला अभी का नहीं है. ये घोटाला तो 2014-15 से चल  रहा था. हर बार शिकायतें होती थी, हर बार जांच की बात होती थी, लेकिन जांच नहीं होती थी. इस बार भी ये बात सामने आई. हमने इसपर प्रारंभिक जांच करवाई. हमने पाया कि इसमें गड़बड़ी हुई थी. आज तक 55 लोग भर्ती घोटाले में जेल में पहुंच चुके हैं. जब तक इससे जुड़ा आखिरी आरोपी नहीं पकड़ा जाता, तब तक इसपर जांच चलती रहेगी. हम इसमें भी कठोर से कठोर कार्रवाई कर रहे हैं. 

बदल रहा है उत्तराखंड 

सुना गया कि जितने पर्यटकों को जाना था वे उत्तराखंड चले गए हैं, सरकार ने ऐसा क्या किया वहां. इसपर उन्होंने कहा कि इस बार की चार धाम यात्रा बहुत बड़ी चुनौती थी. क्योंकि ये दो साल बाद हो रही थी और हमारे ऊपर बहुत दवाब था. केदारनाथ की कैपेसिटी 6000 से 8000 लोगों की है, ज्यादा से ज्यादा 10,000 लोग वहां आ सकते हैं , लेकिन जिस दिन कपाट खुले, वहां 25 हजार लोग पहुंच गए थे. हमारे लिए ये कठिन समय था कि हम सुरक्षित तरह से काम कर पाए. 

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उन्होंने बताया कि 2013 में केदारनाथ परिसर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था. अब ये नया केदार बन गया है. एक साल बाद आपको वहां का नजारा बिलकुल बदला नजर आएगा. बद्रीनाथ में भी मास्टर प्लान पर काम चल रहा है. हमने समय सीमा तय की हुई है कि हम इन दोनों जगह का काम दिसंबर 2023 तक पूरा कर लेंगे. आने वाले समय में आप दो घंटे में दिल्ली से देहरादून पहुंच जाएंगे. आने वाले समय में जब आप यहां आएंगे, तो उसके हिसाब से वहां हर तरह की व्यवस्था पर प्लान किया जा रहा है. 

रोपवे को लेकर क्या काम चल रहा है? सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि गौरीकुंड से केदारनाथ तक 7 किलोमीटर का पैदल मार्ग है जो अब रोपवे से किया जाएगा, इसका शिलान्यास हो गया है. इसके साथ-साथ, गोविंद घाट से हेमकुंड साहब का रास्ता 16 किमी का है, जो 3-4 दिन में होती थी जो अब कुछ ही घंटों में हो जाएगी. 

'उत्तराखंड को लेकर विपिन रावत के बहुत सारे सपने थे'

स्वर्गीय विपिन रावत के बारे में बात करते हुए श्वेता सिंह ने उनसे पूछा कि विपिन रावत का एक सपना था कि उनके गांव तक सड़क पहुंचे. इसपर उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को लेकर विपिन रावत के बहुत सारे सपने थे. बागवानी के क्षेत्र में , पर्यटन के क्षेत्र में, नौजवानों के लिए, रोजगार के लिए. उनका सपना था कि उनका गांव आदर्श गांव बने, तो हम इस तरफ भी काम कर रहे हैं.

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'अग्निपथ योजना से युवा नाराज नहीं थे'

अग्निपथ योजना पर उत्तराखंड के युवाओं को भी गुस्सा रहा? इसपर उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा महसूस नहीं होता. नौजवानों के लिए अभी भर्ती मेले आयोजित हुए जिसमें हजारों लाखों लोगों ने भाग लिया. चुनाव के परिणाम सामने आते हैं तो इस तरह की बातें सामने आती हैं. अग्निवीर योजना तो सभी नौजवानों को अच्छी जीवनशैली देगी और इसके बाद उन्हें हर जगह प्राथमिकता दी जाएगी. 

 

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