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कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल बोले- हर कोई 'लालू' की तरह मजबूत नहीं होता

विचारों का महामंच 'एजेंडा आजतक' कार्यक्रम के दूसरे दिन, मंच पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल (Shakti Singh Gohil) ने भी शिरकत की. उन्होंने गुजरात चुनाव में हार पर अपनी बात कही, साथ ही यह भी कहा कि हर कोई 'लालू' की तरह मजबूत नहीं होता. जानिए क्यों.

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 3:01 PM IST

राजधानी दिल्ली में विचारों का महामंच 'एजेंडा आजतक' दूसरे दिन भी जारी है. कार्यक्रम में राजनीति से लेकर मनोरंजन और खेल जगत से जुड़ी नामचीन हस्तियां हिस्सा ले रही हैं. '24 का चक्कर' सेशन में अलग-अलग पार्टियों के 4 राज्यसभा सांसदों ने हिस्सा लिया.

इनमें कांग्रेस के राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल (Shakti Singh Gohil) भी शामिल थे. इनसे सवाल-जवाब कर रही थीं आजतक की वरिष्ठ पत्रकार अंजना ओम कश्यप. शक्ति सिंह गोहिल ने राहुल गांधी की राजनीति और गुजरात पर हुई हार पर अपने विचार रखे. 

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'राहुल गांधी आम नेता नहीं हैं'

शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि लोकतंत्र में लोग महान हैं, जनता जीत भी देती है हार भी. जिसकी सोने की नगरी थी, अहंकार तो उसका भी नहीं टिका था. राहुल गांधी आम नेता से अलग नेता हैं. उन्होंने कहा कि दल से ऊपर देश का हित होता है. 155 दिन 3500 किलोमीटर कोई नेता नहीं चलता, पावर हथियाना उनका आखिरी मकसद नहीं है. राहुल गांधी को जो प्यार समर्थन मिल रहा है, मुझे विश्वास है कि यही जनता राहुल गांधी को पीएम बनाएगी.

2024 में कैसे लाइट माइंडेड होंगे?

शक्ति सिंह गोहिल ने विपक्षी पार्टियों को लेकर कहा कि हमारे इश्यू भले ही अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन जब जनता के इश्यू पर मिलना होता है तो हम राजनीति और इश्यू को छोड़कर, जनता जनार्दन के लिए लाइट माइंडेड हो जाते हैं. हमारा ट्रैक रिकॉर्ड देख लीजिए, हमने जब भी सरकार बनाई है, तो हम भले ही राज्य में लड़ते होंगे, हमारे राजनीतिक इश्यू होंगे, लेकिन देश हित में, जनता के हित में साथ हो जाते हैं. हमने भ्रष्टाचार पर कभी कॉम्प्रोमाइज न कभी किया है, न करेंगे.

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'अब संविधान के विपरीत, व्यक्ति पूजा होती है'

उन्होंने कहा कि जब हमारा संविधान बन रहा था, तब सभा में बहस हुई थी कि हम अमेरिकन पैटर्न ऑफ डेमोक्रेसी लें या ब्रिटेन पैटर्न. बहस के बाद ये तय हुआ कि हमें व्यक्ति पूजा वाला अमेरिकन लोकतंत्र नहीं चाहिए, हमें ब्रिटेन वाली डेमोक्रेसी चाहिए. इसलिए हमारे संविधान में व्यक्ति पूजा वाली बात नहीं है. जो दल बहुमत में आता है, जनता जिसे बहुमत देती है, उस दल के चुने गए लोग नेता तय करते हैं और वो प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री बनते हैं. लेकिन अब, देश के संविधान के विपरीत, व्यक्ति पूजा की बात आ गई है.

'सब लालू जी जैसे मजबूत दिल के नहीं होते'

शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि भाजपा अब कैडर बेस्ड नहीं रही. बीजेपी कांग्रेस मुक्त भारत तो नहीं कर पाई, लेकिन कांग्रेस युक्त बीजेपी ज़रूर हो गई है. आप कैबिनेट देख लीजिए कांग्रेस से निकले लोग वहीं मंत्री बने हुए हैं. इसपर अंजना ओम कश्यप ने कहा कि आपकी सारी बोगियां हैं भी तो ढीली, जो जाकर बीजेपी के पीछे लग जाती हैं. तब शक्ति सिंह गोहिल बोले, 'बोगी ढीली नहीं है, ऊपर बैठे आका ऐसे हैं कि एक हाथ में तो लालच देते हैं कि आओ, करोड़ों रुपया है, टिकट भी देंगे और मंत्री भी बनाएंगे. और दूसरे हाथ में डर का डंडा होता है, CBI, Income Tax, ED, ये पुरानी FIR है, कर दूंगा अंदर, लालू जी की तरह जेल में रहना है या इधर आकर मंत्री बनना है?'

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उन्होंने कहा कि सब लालू जी जैसे मजबूत दिल के नहीं होते, कि जेल में ज़िंदगी जाए तो जाए, तेरे कदमों में नहीं झुकूंगा. टिकते भी हैं लोग, बिकते भी हैं लोग, लेकिन कौन करता है ये जनता देखती है. 

'हम चुनाव हारे हैं, लेकिन हिम्मत नहीं'

गुजरात पर भी उन्होंने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि हार अनाथ होती है. मैं मानता हूं कि हम लोगों जिम्मेवार हैं कि हम लोगों को वोट में बदलने में कमजोर रहे. गुजरात की जनता का जनादेश है वो सरआंखों पर है. हम चुनाव हारे हैं, लेकिन हिम्मत नहीं हारे हैं. हम आखिर तक हिम्मत नहीं हारने वालों में से हैं.

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