
Agenda AajTak 2024: एजेंडा आजतक के मंच पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर बातचीत की. इस दौरान उन्होंंने कहा, "इसके लागू होने से देश की अर्थव्यवस्था पर पॉजिटिव असर पडे़गा. एक साथ चुनाव लागू करने से देश की जीडीपी में 1 से 1.15 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है."
पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, "हमारी कमेटी में एक प्रॉमिनेंट इकोनामिस्ट एनके सिंह हैं. उन्होंने एक इकोनॉमिस्ट्स का ग्रुप बनाया. सबने रिसर्च किया तो ये पाया कि चुनाव पर 5 से साढ़े 5 लाख करोड़ का खर्च आता है. 'वन नेशन, वन इलेक्शन' होगा, तो 50 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी, इससे भारत की जीडीपी का ग्रोथ होगा, मंहगाई कम होगी, इंडस्ट्रियल ग्रोथ में पैसे लगेंगे. इससे भारत की जीडीपी में करीब 1 से डेढ़ फीसदी की बढ़ोतरी होगी."
'एक देश, एक चुनाव' नई चीज नहीं- कोविंद
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बताया कि 'वन नेशन, वन इलेक्शन' नई चीज नहीं है. साल 1952 से लेकर 1967 तक देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हुए.
एजेंडा आजतक में राम नाथ कोविंद ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' से वोटिंग पर्सेंट पर मुमकिन असर पड़ने की बात कहते हुए कहा, "इसके लागू होने के बाद, जब सबको लगेगा कि हमें पांच साल में एक ही बार वोट करना है, तो इससे लोग किसी भी हाल में वोट करने की कोशिश करेंगे."
उन्होंने आगे कहा कि 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर जो पैसा खर्च होगा, वो मौजूद वक्त में चुनावों पर खर्च होने वाले पैसों से बहुत कम खर्च होगा. हमने अखबारों में विज्ञापन के जरिए लोगों से राय मांगी और इस पर प्रतिक्रिया देने वाले 80 फीसदी लोगों ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' को सपोर्ट किया.
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'वन नेशन, वन इलेक्शन' कब लागू होगा?
'वन नेशन, वन इलेक्शन' के लागू होने के सवाल पर जवाब देते हुए राम नाथ कोविंद ने कहा, "ये हम नहीं बता सकते कि ये कब लागू होगा, ये सरकार और संसद पर निर्भर करता है."