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क्या बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे? जानें मुख्यमंत्री बनने पर क्या बोले चिराग पासवान

Agenda Aajtak: चिराग से सवाल किया कि वो बिहार विधानसभा चुनाव किस वर्ष में लड़ेंगे. इस पर उन्होंने कहा, "मेरा राजनीति में आने का कारण ही बिहार रहा है.

Chirag Paswan (Photo Credit-Arun Kumar) Chirag Paswan (Photo Credit-Arun Kumar)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 5:30 PM IST

एजेंडा आजतक के सत्र "बिहार का गेम चेंजर" में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री, चिराग कुमार पासवान ने शिरकत की और राजनीतिक मुद्दों पर खुलकर बात की. चिराग ने 2024 लोकसभा चुनाव में बिहार के हाजीपुर सीट से जीत हासिल की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री बनें.

2024 के लोकसभा चुनाव में हासिल किया 100% स्ट्राइक रेट

साल 2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी ने एक सीट हासिल की थी, वो भी विधायक के पार्टी बदलने पर हाथ से चली गई थी. इसके बाद साल 2024 में लोकसभा चुनाव में LJP ने 5 में से 5 सीटें हासिल की. चिराग पासवान इसके पीछे सकारात्मक सोच को बताया. अब बिहार में अगले साल यानी साल 2025 में बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में विधानसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर भी चिराग पासवान ने अपनी बात रखी.

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CM बनने पर क्या बोले चिराग पासवान?

आजतक एंकर अंजना ओम कश्यप ने चिराग से सवाल किया कि वो बिहार विधानसभा चुनाव किस वर्ष में लड़ेंगे. इस पर उन्होंने कहा, "मेरा राजनीति में आने का कारण ही बिहार रहा है. मैं अपने आपको राज्य की राजनीति में देखता हूं." उन्होंने आगे कहा- "2025 नहीं तो 2030 में आप मुझे जरूर एक विधायक के तौर पर देखेंगे." हालांकि मुख्यमंत्री बनने की बात पर वो हामी भरने से बचते नजर आए.

पॉजिटिव मेनिफेसटेशन है मंत्र

इसके अलावा राजनीतिक सफलता को लेकर चिराग ने बताया-ईमानदार सोच के साथ आगे बढ़ रहा हूं. कोई सोची-समझी रणनीति इसके पीछे नहीं है. मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण 2020 का चुनाव है. क्योंकि उस वक्त मैं अकेला था. मेरी पार्टी तक ने मुझे बाहर निकाल दिया था. मेरी सोच बिहार को लेकर बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट को मैंने उस चुनाव में घर-घर तक पहुंचाया. इसका परिणाम मुझे 2024 में देखने को मिला. 

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हर क्षेत्र में आगे हैं बिहारी

उन्होंने कहा कि युवा बिहारी का कॉन्सेप्ट उन युवाओं को लेकर है, जो अलग-अलग कालखंड में बिहार से पलायन के लिए मजबूर हुए . ये वो समय था, जब लोगों को बिहार छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा. क्योंकि कोई आदमी खुशी से अपना गांव-घर छोड़कर नहीं गया. आज हमलोग दूसरे राज्यों में जितने बिहारियों को देखते हैं, हर क्षेत्र में बिहारी आपको मिलेंगे. मजदूर से लेकर सीईओ के पदों पर भी बिहार काबिज हैं. बिजनेस हाउसेज में बड़े पदों पर मिल जाएंगे.

बता दें कि चिराग कुमार पासवान पूर्व अभिनेता और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष (LJP) हैं. वे दिवंगत सांसद और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे हैं. 2019 तक वह बिहार के जमुई लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे. 2024 लोकसभा चुनाव में बिहार के हाजीपुर सीट से जीत हासिल की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री बनें.

8 अक्टूबर 2020 को रामविलास पासवान की मृत्यू के बाद परिवारिक मतभेद खुलकर सामने आने लगा. 14 जून 2021 को पशुपति कुमार पारस (Chirag’s Uncle) ने अपने भतीजे चिराग पासवान की जगह खुद को लोजपा के लोकसभा नेता के रूप में घोषित कर दिया. एक दिन बाद चिराग ने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस और चचेरे भाई प्रिंस राज सहित 5 बागी सांसदों को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निष्कासित कर दिया. परिवार में मतभेद 2020 के विधानसभा चुनाव से ही शुरू हो गया था. वो चुनाव चिराग पासवान ने अकेले लड़ा था. इसके बाद 2021 में लोजपा दो भाग में बंट गया, एक का नेतृत्व चिराग के चाचा पशुपति पारस और दूसरे की बागडोर चिराग पासवान के हाथों में थी.

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