
Agenda AajTak 2024: एजेंडा आजतक के दूसरे दिन के पहले सेशन- 'एक हैं तो सेफ हैं?' में कांग्रेस की प्रवक्ता मुमताज पटेल, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुराग भदौरिया, बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला, सीनियर पत्रकार आशुतोष, शिवसेना (शिंदे) लीडर शाइना और राजनीतिक विश्लेषक रजत सेठी के बीच गरमा-गरम बहस हुई.
इस दौरान रजत सेठी ने कहा, "'एक हैं, तो सेफ हैं' नारे के अंदर जो चार शब्द हैं, उसमें छिपी हुई कोई भी राजनीतिक बात नहीं है, अगर आप राजनीतिक चश्में पहनेंगे, तो इसमें सिर्फ राजनीति ही नजर आएगी."
उन्होंने पोरस और सिकंदर का जिक्र करते हुए कहा, "युद्ध में नंद साम्राज्य ने पोरस की मदद नहीं और उन्हें सिकंदर ने हराया. उसके बाद पृथ्वीराज का उदाहरण आपके सामने है. मीर जाफर से लेकर अंग्रेजों ने क्या किया हमारे साथ, लगातार बीज बोते गए और बंटी हुई खाइयों में राजनीति की गई. विदेशी आक्रमणकारियों ने हमें यहां तक ला दिया कि हमें फिर से शुरू करना पड़ रहा है."
क्या है 'एक हैं, तो सेफ हैं' का लक्ष्य?
रजत सेठी ने कहा, "जो समाज इतिहास को भूल जाता है, वो इतिहास का हिस्सा बन जाता है. क्या इस नारे का लक्ष्य सिर्फ राजनीतिक है, अगर आप देखें तो 2024 चुनाव से पहले किस तरह की बातें होने लगी थीं. साउथ इंडिया में एक मुख्यमंत्री केसीआर युनाइटेड स्टेटे्स ऑफ साउथ इंडिया की परिकल्पना करते हैं."
उन्होंने आगे कहा कि नेता प्रतिपक्ष लगातार जाति के मुद्दे को बराबर उठा रहे थे क्योंकि उनको पता था कि साथ होने का एंटीडोट धर्म में बांटना ही हो सकता है. समाज जब बंटेगा तो उसकी पूरी ऊर्जा बंटे हुए खेमों में लग जाएगी, कौन उठ कर देश के बारे में चर्चा करेगा?
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'अगर समाज विखंडित हुआ...'
रजत सेठी ने आगे कहा, "अगर समाज विखंडिट होगा, तो बाहरी ताकतों को भारत पर फिर से हमला करने के लिए संबल मिलेगा. हमारे पास सिर्फ 20 साल का स्वीट विंडो है, अगर हमने इसमें राजनीतिक हितों के लिए समाज को बांटने की कोशिश की, हिंदू-मुस्लिम करने की कोशिश की, तो हमें चीन, अमेरिका और यूरोप की ताकतें खा जाएंगी."