
Agenda AajTak 2024: एजेंडा आजतक के मंच पर 'नई सरकार, कितना असरदार' सेशन में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर सहित देश के कई मुद्दों पर बातचीत की. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मस्जिदों के सर्वे और मंदिरों की तलाश वाले सवाल पर कहा, "अच्छी बात है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगाया और अच्छा किया. बेहतर है कि सुप्रीम कोर्ट इन चीजों का जायजा लेकर एक ऐसा फैसला दे कि सब पर लागू हो."
उन्होंने आगे कहा कि मंदिर ढूंढ़ने का काम सिर्फ सताने के लिए किया जा रहा है और इसका कोई मकसद नहीं है."
बांग्लादेश के हिंदुओं पर हो रहे हमलों पर उमर ने कहा कि भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों में किसी भी अल्पसंख्यक समुदाय को नहीं टारगेट किया जाना चाहिए. जहां हम बांग्लादेश को लेकर शिकायत करते हैं, हमें खुद देखना चाहिए कि हमारे मुल्क में क्या हो रहा है. कहीं ऐसा ना हो कि हमारे मुल्क में हमारे माइनॉरिटीज हैं, वो असुरक्षा महसूस कर रहे हैं.
कैबिनेट में कांग्रेस के शामिल होने के सवाल पर बात करते हुए सीएम उमर ने कहा, "कांग्रेस पार्टी ने खुद कहा है कि जब तक जम्मू-कश्मीर को रियासत का दर्जा नहीं मिलता, वो हुकूमत में शामिल नही होंगे. अगर इसके अलावा कोई वजह है, तो आपको कांग्रेस से पूछना होगा.
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इंडिया ब्लॉक की लीडरशिप पर क्या बोले CM उमर?
INDIA गठबंधन की लीडरशिप रोल के सवाल पर उमर अब्दुल्ला ने कहा, "ये फैसला हमें मिल-बैठकर करना होगा, हम मीडिया के जरिए ये फैसला नहीं सकते. हमने इसके पहले कनवीनर के तौर पर नीतीश कुमार जी को बनाने के लिए, उस वक्त हमारे कुछ सदस्य राजी नहीं थे. उसके बाद नीतीश जी ने एनडीए के साथ अपना रास्ता बनाया."
उन्होंने आगे कहा कि आगे इंडिया ब्लॉक की लीडरशिप या कयादत में तब्दीली लाने के लिए हमें मिल-बैठकर बात करना होगा. मुल्क में सिर्फ दो पार्टियां हैं, जिनका पूरे देश में फुटप्रिंट्स हैं और कांग्रेस ने सौ के आस-पास एमपी जितवाए. इस हालात में अगर ये सवाल उठे कि कांग्रेस का विपक्षी रोल नहीं बनता, ये ठीक नहीं है. हमें ये मिल-बैठकर तय करना चाहिए.
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J-K में कब दूर होगी बिजली की समस्या?
जम्मू-कश्मीर में बिजली की समस्या पर बात करते हुए उमर ने कहा, "कोशिश की जा रही है कि बिजली के निजाम को हम बेहतर करें. हमारी सबसे बड़ी बदकिस्मती है कि हमारी ट्रांसमिशन नुकसान 50 फीसदी से ज्यादा हैं, हमें ये कम करना होगा. लीकेज को ठीक करना होगा. मैं आज भी और बिजली खरीद सकता हूं, लेकिन जम्मू-कश्मीर की माली हालत इतनी खराब है कि जब तक हम इन नुकसान को नहीं कम करते 24 घंटे बिजली हमारे बस की बात नहीं है."
कश्मीर के चुनावी वादों के सवाल पर जवाब देते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा, "जम्मू-कश्मीर के लोगों ने हमे पांच साल की हुकूमत दी है और हमने ये कभी नहीं कहा कि हम सब कुछ पांच दिन के अंदर कर लेंगे. हम पांच साल के वक्त में अपना पूरा वादा करेंगे."