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क्या एमएसपी की गारंटी देगी केंद्र सरकार? कृषि मंत्री तोमर ने ये दिया जवाब

एजेंडा आजतक के मंच पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एमएसपी गारंटी के सवाल पर तोमर ने कहा कि ये आंदोलन शुरू हुआ तो कानून को वापस लेने की बात थी. इसके बाद कुछ कुछ मुद्दे बढ़ाते रहे. एमएसपी पर कमेटी बनाने की चर्चा की है.

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 03 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 7:28 PM IST
  • एमएसपी पर सरकार समिति बनाने जा रही है
  • मंत्री ने बताया कि कृषि कानून क्यों रद्द किया

तीनों कृषि कानून मोदी सरकार ने वापस ले लिए हैं, लेकिन अभी भी किसान आंदोलन जारी है. आंदोलनकारी किसान एमएसपी गारंटी की मांग को लेकर अभी भी अड़े हुए हैं. ऐसे में एजेंडा आजतक के मंच पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एमएसपी गारंटी के सवाल पर तोमर ने कहा कि ये आंदोलन शुरू हुआ तो कानून को वापस लेने की बात थी. इसके बाद कुछ कुछ मुद्दे बढ़ाते रहे. एमएसपी पर कमेटी बनाने की चर्चा की है.

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केंद्र सरकार किसानों को एमएसपी की गारंटी देने जा रही है? इस पर नरेंद्र तोमर ने कहा कि जब यह आंदोलन शुरू हुआ तब यह कृषि कानूनों को रद्द करने पर था. इसके बाद कुछ लोग एमएसपी की भी बात करते रहे. हम उस समय भी उनकी भावनाओं को समझकर एमएसपी पर समिति बनाने की सोच रहे थे और बातचीत भी हुई थी. मैंने भी आश्वास्त किया कि एमएसपी जारी है और जारी रहेगी.

नरेंद्र तोमर ने कहा कि स्वामीनाथन साहब ने एमएसपी को लागत पर 50 फीसदी मुनाफा घोषित करने की रिक्मेंडेशन यूपीए सरकार को दी थी. जो भी कांग्रेस के नेता एमएसपी की गारंटी की बात करते हैं तो उनसे पूछता हूं कि उन्होंने क्यों नहीं इसे लागू किया? अगर हमारी नीयत में खोट होता तो प्रधानमंत्री एमएसपी को डेढ़ गुना घोषित करना क्यों शुरू करते? अब एमएसपी लागत पर 50 फीसदी मुनाफा करके घोषित की जाती है. एमएसपी पर खरीद को भी दोगुना किया गया है.

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उन्होंने कहा कि एमएसपी और प्रभावी हो, इस नजर से प्रधानमंत्री ने कानून को रिपील करने की बात की. उन्होंने जीरो बजट खेती, एमएसपी को और प्रभावी और पारदर्शी बनाने जैसे विषयों पर कमेटी बनाई जाएगी और उसमें अधिकारी, वैज्ञानिक, किसान आदि भी रहेंगे. अब जब प्रधानमंत्री ने कमेटी बनाने की बात कर दी है तो निश्चित रूप से विषय को कमेटी के सामने रखना चाहिए. 

उन्होंने कहा कि देश का कुछ हिस्सा, जिसने आपत्ति की और आंदोलन किया. सरकार ने अनेक बार चर्चा के दौरान अपनी बात समझाने की कोशिश की, लेकिन मुझे दुख है कि आंदोलन के फायदे किसानों को समझा नहीं सके. आजादी का अमृत महोत्सव का साल है और पीएम मोदी की इच्छा है कि सभी को साथ लेकर संकल्प पूरे करना है. नए भारत के लिए संकल्प लेना है. किसी भी कोने में असहमति हो, उसे समाप्त करना चाहिए. इसीलिए कानूनों को वापस लेने का फैसला लिया गया.

राकेश टिकैत समेत किसान नेताओं के आंदोलन जारी रखने पर कृषि मंत्री ने कहा कि हमारा फैसला गलत नहीं है. प्रधानमंत्री ने जो बड़प्पन दिखाया है, उसकी देशभर में तारीफ हो रही है. जो आंदोलनकारी किसान हैं, वे भी विचार कर रहे हैं कि प्रमुख रूप से जिस आंदोलन की शुरुआत हुई थी, वह बात मान ली गई है तो हमें भी आंदोलन पर विचार करना चाहिए. हमें लगता है कि उनमें इस बात की भी चर्चा चल रही होगी.

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तोमर ने आगे कहा, 'मेरी कई सारी मर्यादाएं हैं. मैं यही मानता हूं कि कोशिश करने के बाद भी लाभ हम समझा नहीं सके और यह तकलीफ हमें भी है. प्रधानमंत्री जी ने देशवासियों से माफी भी मांगी है.'

वहीं, सीड बिल पर कृषि मंत्री ने कहा कि अभी तक यह नहीं आया है और जब आएगा तो संबंधित लोगों से चर्चा होती रहेगी. तोमर ने कहा, ''मैं किसानों से कहना चाहता हूं कि जो कानून बनाए गए थे, उन्हें प्रधानमंत्री जी ने वापस लिए हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी जी किसानों के प्रति प्रतिबद्ध हैं. सात सालों में अनेक योजनाओं की शुरुआत हुई, जिसका फायदा किसानों को मिल रहा है. कानून वापस हो गए हैं. एमएसपी जैसे विषयों पर कमेटी बन गई है तो ऐसे में आप सभी लोग अपने आंदोलन को खत्म करके फोरम पर आएं.''

 

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