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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं-यूपी में हम कमजोर हैं, ये किसने बोला?

Agenda Aajtak 2021: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 9वें एजेंडा आजतक में कहा कि यूपी में भाजपा कमजोर नहीं है. ये बात सिर्फ विरोधी और विपक्षी दल हर बार करते हैं. भाजपा के शासन में उत्तर प्रदेश का हर स्तर पर विकास हुआ है.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 9:30 PM IST
  • सरकार जनता के प्रति संवेदनशील
  • यूपी में विपक्ष के पास कहने को कुछ नहीं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 9वें एजेंडा आजतक में कहा कि यूपी में भाजपा कमजोर नहीं है. ये बात सिर्फ विरोधी और विपक्षी दल हर बार करते हैं. भाजपा के शासन में उत्तर प्रदेश का हर स्तर पर विकास हुआ है.

निर्मला सीतारमण से सवाल किया गया था कि क्या यूपी में भाजपा के कमजोर होने की वजह से ही केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस लिया? इस पर सीतारमण ने कहा, ‘यूपी में हम कमजोर हैं, ऐसा किसने कहा?’

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‘योगी सरकार में हुए विकास कार्य’ 

निर्मला सीतारमण ने कहा कि यूपी में भाजपा कमजोर नहीं है. ये बात विरोधी तो हर बार कहते हैं. यूपी में विरोधी किसी विषय पर क्या दो बात भी बोल पा रहे हैं? भाजपा के शासन में यूपी में कानून व्यवस्था बेहतर हुई. बुंदेलखंड के बारे में कोई नेता अभी कुछ बोल पा रहे हैं क्या, लेकिन योगी जी इस बारे में बोलेंगे. यूपी में डिफेंस कॉरिडोर लाना, इतनी बड़ी संख्या में एक्सप्रेसवे का बनना और  निवेश आना ये सब भाजपा की सरकार में हुआ. क्या ये पिछले 50 साल में हुआ क्या? ऐसे में ये सोचना कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की स्थिति खराब होने की वजह से कृषि कानूनों को वापस लिया, ऐसा सोचना ठीक नहीं.

‘मन की सुनने वाली सरकार’

कृषि कानूनों के संदर्भ में ही उन्होंने कहा कि इन कानूनों को वापस लेने से सरकार हिली है, तो ऐसा नहीं है. प्रधानमंत्री जी ने इस पर लोगों को बात करने के लिए बुलाया और आखिरी वक्त तक कहा कि कानून में कमी बताएं. लेकिन जब वो नहीं हुआ तो उन्होंने सबके सामने आकर इसे वापस ले लिया. लेकिन हर मामले में ये होगा ऐसा नहीं है. कृषि कनून को वापस लेने का सरकार के बाकी सुधार कार्यक्रम पर असर नहीं पड़ेगा.

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सीतारमण ने कहा, ‘ऐसे में ये कहना कि मजबूत सरकार ने कैसे कृषि कानून कैसे वापस ले किया, तो मजबूत सरकार का ये मतलब नहीं कि वो जनता के प्रति संवेदनशील ना हो. हमारी सरकार जनता के मन की बात सुनने वाली की सरकार है.’

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