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'सदन चलाना पक्ष-विपक्ष की जिम्मेदारी', संसद में गतिरोध और उपराष्ट्रपति धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर क्या बोले गडकरी

Agenda AajTak Delhi: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी नई दिल्ली में आजतक के कार्यक्रम 'एजेंडा आजतक' के नितिन गुड'करी' कार्यक्रम में शामिल हुए. उन्होंने संसद में विपक्ष के हंगामे और सदन की कार्यवाही में आ रही बाधाओं पर भी बात की. उन्होंने कहा कि सदन चलाना पक्ष और विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी है.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (फोटोः अरुण कुमार) केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (फोटोः अरुण कुमार)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:20 PM IST

Agenda AajTak Delhi: एजेंडा आजतक के कार्यक्रम में आए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में विपक्ष के हंगामे और उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सवालों के भी बेबाकी से जवाब दिए. हाईवे-सड़कों के विस्तार से लेकर अपने मंत्रालय के कामकाज को लेकर भविष्य की योजनाओं पर भी केंद्रीय मंत्री ने बात की. उन्होंने संसद में जारी गतिरोध को लेकर कहा कि सदन चलाना पक्ष और विपक्ष, दोनों की ही जिम्मेदारी है.

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यूपीए सरकार के समय बीजेपी ने कहा था कि सदन की कार्यवाही में बाधा लोकतांत्रिक है. संसद चलाना सत्ता पक्ष की जिम्मेदारी है, विपक्ष की नहीं. क्या आपको नहीं लगता कि आपका ज्ञान ही आपको आज भारी पड़ रहा है? एजेंडा आजतक के मंच पर इस सवाल का जवाब देते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि संसद चलाना दोनों पक्षों की जिम्मेदारी है.

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उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर क्या बोले गडकरी?

उपराष्ट्रपति के खिलाफ 72 साल में पहली बार अविश्वास प्रस्ताव आया है. इसे आप कैसे देखते हैं? इस सवाल पर गडकरी ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि मुझे अविश्वास प्रस्ताव उचित नहीं लगता. नितिन गडकरी से बीजेपी नेताओं के पोस्टर्स पर उनकी फोटो को लेकर भी सवाल हुआ. इस पर उन्होंने कहा कि जहां तक फोटो की बात है, स्पष्ट कहता हूं कि जब तुम्हारी फोटो लगाने से फायदा होगा तो लोग लगाएंगे. नहीं होगा तो नहीं लगाएंगे. फालतू गले में हार नहीं लगाता.

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गडकरी क्यों नहीं बोलते 'बंटेंगे तो कटेंगे'?

आप बंटेंगे तो कटेंगे भी नहीं बोलते, फिर भी लोग आपको रैलियों के लिए बुलाते हैं. जनता दूसरी बातें भी सुनती है. इस सवाल पर नितिन गडकरी ने कहा कि इनकी बात भी अपनी जगह है. चॉइस लोगों की है. जनता बोलेगी कि पॉप सुनना है तो गली-गली में पॉप के गायक पैदा हो जाएंगे. जनता बोलेगी कि शास्त्रीय संगीत सुनेंगे तो इसके गायक लाखों हो जाएंगे. जनता की चॉइस पर निर्भर है.

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उन्होंने यह भी कहा कि हम लोग असेंबली में अच्छी बात करें, कंस्ट्रक्टिव बात करें तो लोग कहेंगे अपोजिशन कमजोर है. गडकरी ने कहा कि विपक्ष सभापति के आसन पर चढ़े तो कहा जाएगा लोकतंत्र में ये शोभा नहीं देता. उन्होंने कहा कि एक पुल के उद्घाटन के लिए हमने वाजपेयीजी को बुलाया था. वाजपेयी जी ने मुझसे कहा था कि क्या मर्यादा में रहकर अपना विरोध नहीं जताया जा सकता. गडकरी ने कहा कि हमें मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए.

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