
मोदी सरकार 2.0 का एक साल पूरा हो चुका है. वहीं मोदी सरकार ने देश में लॉकडाउन को आगे बढ़ाने के साथ ही कुछ रियायतों का ऐलान भी कर दिया है. इस मौके पर आजतक के खास कार्यक्रम e-एजेंडा में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिरकत की. अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकारों की आर्थिक हालात खराब है.
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आजतक के e-एजेंडा कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन से आर्थिक हालात पर काफी असर पड़ा है. लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां ठप रहीं, जिससे जीएसटी कलेक्शन में कमी आई है.
अशोक गहलोत ने कहा कि कहें या न कहें लेकिन आज हर राज्य सरकार की आर्थिक हालत खस्ता बनी हुई है. आर्थिक रूप से हम पहले से ही संकट में थे. कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन से जीएसटी में कलेक्शन पहले से ही कम हो रहा है. कोरोना आने से केंद्र को बहाना मिल गया कि कोरोना के कारण इकोनॉमी और खराब हो गई है.
डिमांड नहीं
अशोक गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन में छूट देने के बाद कुछ आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू किया गया. फैक्ट्रियां शुरू की गईं लेकिन उनमें काम करने के लिए मजदूर नहीं हैं. दुकानों को खोलने की इजाजत दी गई लेकिन दुकानों में ग्राहक नहीं हैं. ग्राहकों में परचेजिंग पॉवर नहीं है. अगर खर्च नहीं होगा और बाजार में डिमांड नहीं होगी, जिससे अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लौटने में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा.
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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बाजार में डिमांड न होने से फैक्ट्रियों में भी उत्पादन ज्यादा नहीं हो रहा है. साथ ही मजदूरों की कमी के कारण भी फैक्ट्रियों में समस्या देखी जा रही है. अशोक गहलोत का कहना है कि राज्य केंद्र पर निर्भर हैं और उनकी सहायता के बिना अर्थव्यवस्था को पटरी पर आने में वक्त लगेगा.