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आज तक के जी 20 समिट में भाग लेते हुए अखिलेश ने कई मद्दों पर बात की. मायावती से आखिरी बार उनकी कब बातचीत हुई. इस पर अखिलेश ने बताया कि 2019 चुनाव के बाद जब मायावती से गठबंधन टूटा था, तभी उनकी मायावती से आखिरी बातचीत हुई थी. उन्होंने बताया कि वो आजमगढ़ में मंच पर थे. तभी उन्हें ये सूचना मिली थी. चुनाव में समर्थन देने के लिए वो सभी मतदाताओं का धन्यवाद करने गए थे. इस दौरान मंच पर बीएसपी के भी कई नेता मौजूद थे. मगर, कोई भी मंच से नीचे नहीं उतरा. ये समाजवादी पार्टी की सबसे बड़ी जीत हैं.
मायावती के विपक्षी गठबंधन में शामिल नहीं होने पर बोले
अखिलेश ने मायावती के विपक्षी गठबंधन में शामिल नहीं होने पर कहा कि वो कोई कन्फूजन नहीं चाहते हैं. वो एक स्पष्ट रणनीति चाहते है. अगर, स्पष्ट रणनीति के साथ चुनाव में जाएंगे तो जीत सकते हैं. उन्होंने कहा कि मायावती और बीजेपी की रणनीति एक दूसरे से मिलती जुलती हैं.
क्या लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे अखिलेश?
इस सवाल के जवाब में अखिलेश ने कहा कि हां लड़ना तो चाहिए. कहां से लड़ेंगे ये पार्टी तय करेगी. वाराणसी, कन्नौज या किस सीट से लड़ेंगे ये अखिलेश ने अभी स्पष्ट नहीं किया है. अखिलेश यादव ने कहा कि जहां से ये BJP के नेता कह दें वहां से चुनाव लड़ लूंगा. अखिलेश ने स्पष्ट किया कि वो चुनाव लड़ने को तैयार हैं.
2024 को लेकर पूरी तैयारी- अखिलेश
2024 को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि गठबंधन के सभी नेता तैयार हैं. हमारी मीटिंग के बाद आपने 40 लोगों की मीटिंग बुलाई. ऐसे दलों को भाजपा ने बुलाया जिनका अस्तित्व तक नहीं है. अखिलेश ने कहा कि ये दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है जिसे कि इन छोटे दलों की जरूरत पड़ रही है.
अखिलेश ने कहा कि हमारे साथ जितने भी दल हैं वो अपने-अपने राज्यों में ताकतवर हैं. सीट एडजस्टमेंट कोई बड़ा मुद्दा नहीं है. संयोजक चुनना बड़ा फैसला नहीं है. वो हम कर लेंगे. हमारे लिए फिलहाल बड़ा मुद्दा केंद्र सरकार को हराना है. अखिलेश ने कहा कि ये सभी सवाल कोई मायने नहीं रखते हैं. जो चीज सिर्फ मायने रखती है वो है सिर्फ भाजपा को हराना. हमें सिर्फ भाजपा से मुकाबला करना है. हम सीट शेयरिंग के मुद्दे पर समझौता करने को तक तैयार हैं. सपा हमेशा बड़ा दिल दिखाती आई है.