Advertisement

राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव लड़ने पर बोलीं स्मृति ईरानी- वो कांग्रेस के मालिक हैं और मैं बीजेपी कार्यकर्ता

स्मृति ईरानी ने कहा कि 2014 लोकसभा चुनाव में जब मैं अमेठी लड़ने गई तो मेरे पास प्रचार के लिए सिर्फ 30 दिन से भी कम समय था. ये आज सार्वजनिक कहने में मुझे कोई झिझक नहीं कि उस वक्त उन 30 दिनों में मेरे पास 60 प्रतिशत बूथों पर कोई कार्यकर्ता नहीं था टेबल लगाने के लिए. उस वक्त मुलायम सिंह यादव का एक इंटरव्यू हुआ था आजतक पर.

आजतक G20 में स्मृति ईरानी आजतक G20 में स्मृति ईरानी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 10:56 AM IST

आजतक G-20 समिट में केंद्रीय महिला और बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने अमेठी से लेकर संसद में गुस्से में रहने के सवाल समेत कई मुद्दों पर बात की. इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और महिला सशक्तिकरण पर बात की. स्मृति ईरानी ने कहा कि आज हम इतिहास के ऐसे मोड़ पर हैं जब हम एक राष्ट्र के नाते संकल्प ले सकते हैं कि आगे जो मार्ग तराशना है, वो मार्ग कैसा होगा. आज हमारी आर्थिक और समाजिक व्यवस्था स्थिति ऐसी है कि चाहे देश के प्रधानसेवक हों या एक आम नागरिक. दोनों में एक बात की सहमति है कि हिंदुस्तान में एक काबिलियत है कि अब नवभारत के निर्माण के साथ-साथ वो वैश्विक स्तर पर कुछ नई बुलंदियों को, कुछ नई सफलता के शिखर को पा सकते हैं.

Advertisement

अमेठी से चुनाव जीतने के बाद से राहुल गांधी और उनके बीच सियासी प्रतिद्वंदिता पर स्मृति ईरानी ने कहा कि प्रतिद्वंदिता दो समान लोगों के बीच हो सकती है. वो उनकी पार्टी के मालिक हैं और मैं अपनी पार्टी की कार्यकर्ता हूं.  दोनों में फर्क है. जहां तक अमेठी की बात है, ये मैं कह सकती हूं कि आज भी वहां रोमांटिसिज्म है गांधी खादनान की विरासत को लेकर कि कोई भी एक बयान कहीं दे देगा और सबको लगेगा अरे.

उन्होंने कहा कि 2014 लोकसभा चुनाव में जब मैं अमेठी लड़ने गई तो मेरे पास प्रचार के लिए सिर्फ 30 दिन से भी कम समय था. ये आज सार्वजनिक कहने में मुझे कोई झिझक नहीं कि उस वक्त उन 30 दिनों में मेरे पास 60 प्रतिशत बूथों पर कोई कार्यकर्ता नहीं था टेबल लगाने के लिए. उस वक्त मुलायम सिंह यादव का एक इंटरव्यू हुआ था आजतक पर. मुलायम सिंह जी ने कहा कि मुझे सोनिया गांधी जी के माध्यम से फोन आया है और कहा गया कि राहुल गांधी की मदद कर दो. एक लाख वोट मैंने ट्रांसफर कर दिया.

Advertisement

यह भी पढ़ें: 'मुलायम मदद नहीं करते तो...' स्मृति ने सुनाया 2014 में अमेठी चुनाव में राहुल की जीत का किस्सा

'अगर मुलायम सिंह मदद नहीं करते तो...'

स्मृति ने आगे कहा, जब मैं 2014 में हारी तो फर्क सिर्फ एक लाख 5 हजार वोटों का था. अगर वाकई में मुलायम सिंह यादव जी मदद नहीं करते तो सिर्फ 5 हजार वोटों का फर्क रह गया था. उसके बाद 2019 का चुनाव आया तो किसी सर्वे में यह नहीं कहा गया कि मैं चुनाव जीत रही हूं. 2019 में जब लड़ने गए और 55120 वोटों से जीते. चुनाव आयोग की वेबसाइट पर वोटों को देखें तो पांच दशक से गांधी खानदान ने जितने वोट पाए- प्रत्येक चुनाव में. उससे ज्यादा वोट मैंने 2019 में हासिल किए. फर्क सिर्फ इतना है कि बीजेपी अकेली लड़ रही थी और गांधी खानदान, सपा-बसपा के समर्थन से चुनाव लड़ रहा था. क्योंकि मैं चाहती हूं कि लोग यह बात समझें.

'एमएलसी के चुनाव में पहली बार किसी सांसद ने वोट किया'

उन्होंने कहा कि 2019 में जीतने के बाद बीजेपी ने अमेठी में वो चुनाव भी जीते, जो कभी नहीं जीत पाए. अमेठी में जिला पंचायत का चुनाव पहली बार जीते. गौरीगंज और मुसाफिर खाना इलाके में बीजेपी कभी नहीं जीती, वहां हम जीते. बीजेपी के दो एमएलसी हैं. एमएलसी के चुनाव में पहली बार किसी सांसद ने वोट किया और वो मैं थी. कोऑपरेटिव का चुनाव हुआ. शायद ही किसी को पता हो कि मैं रायबरेली की दिशा कमेटी की चेयरमैन भी हूं. सोनिया जी को-चेयरमैन हैं. कोऑपरेटिव चुनाव में हम रायबरेली जीते. सुल्तानपुर-अमेठी जीते. 2022 के चुनाव में प्रियंका जी यूपी की प्रभारी थीं. दो हजार बूथों तक 10-10 तक कार्यकर्ता थे. 

Advertisement

यह भी पढ़ें: उन दिनों भ्रष्टा'चार' भ्रष्टा'सोलह' बन गया था... UPA सरकार पर राजनाथ सिंह का निशाना

'पार्टी तय करेगी कौन अमेठी से लड़ेगा'

ईरानी ने कहा कि कांग्रेस की 5 विधानसभा में से 4 विधानसभा में जमानत जब्त हुई. जो एक सीट है, उस पर उन्हें 66 हजार वोट मिले. अगर 2022 का रिकॉर्ड देखें तो पूरे अमेठी लोकसभा में कांग्रेस को वोट मिले 1 लाख 40 हजार वोट. इसका मतलब है कि 2019 से 2022 तक हमने 3 लाख वोट उनके खाते से हटा दिए. जिस बूथ पर एक भी लोग नहीं मिलता था डर की वजह से, आज वहां पर 60 हजार लोग हैं. एक से हम 60 हजार तक पहुंचे हैं. जिसको भी लड़ना है, वो चुनाव लड़े. अब हमारी तरफ से अमेठी से कौन लड़ेगा, ये सिर्फ बीजेपी की पार्लियामेंट्री बोर्ड तय करेगी. लेकिन इतना कह दूं कि अमेठी से जो जीतेगा, पार्टी का नाम भारतीय जनता पार्टी है. 

'नेता वो है जो अपना चुनाव लड़ सकता है'

राहुल गांधी से दोबारा मुकाबला होने पर इस बार कितना फर्क होगा? इस सवाल पर बीजेपी सांसद ने कहा कि इस बार मुकाबले में कुछ और लोग जुड़े हैं. बहुत बड़े नेता के रूप में उन्हें प्रस्तुत किया गया है. लेकिन नेता वो है जो अपना चुनाव लड़ सकता है. जिस सीट 5 दशकों तक उनके (राहुल) परिवार के पास रही है, उस सीट पर उनको दूसरे दलों का सहारा चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने तय कर लिया है कि मालिक (राहुल गांधी) लड़ेगा, लेकिन कार्यकर्ता कौन लड़ेगा, ये बीजेपी तय करेगी. 

Advertisement

'संसद कोई गली-नुक्कड़ नहीं...'

स्मृति ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमला बोला. संसद के भाषण में गुस्से में रहने के सवाल पर कहा, कैमरे हमारे ऊपर फोकस है. कैमरे के पीछे अगर कोई दुर्व्यहार करता है या ऐसे शब्दों का चयन करता है तो यह हमें स्वीकार नहीं है. अगर आप एक 72 साल के व्यक्ति की 100 साल की मां को गालियां देंगे और ये मानेंगे कि मैं कैमरे के सामने बैठी हूं, इसलिए मुझे मुस्कुराना पड़ेगा... तो यह संभव नहीं है. संसद संविधान की सबसे सम्मानित पीठ है. वहां महिलाओं को लेकर कानून बनता है. वो कोई गली-नुक्कड़ नहीं था और क्या गली-नुक्कड़ में भी कोई महिला के साथ ऐसा व्यवहार कर सकता है?

यह भी पढ़ें: स्मृति ईरानी को गुस्सा क्यों आता है? केंद्रीय महिला विकास मंत्री ने दिया ये जवाब

'देश में महिला के नेतृत्व में विकास हो सकता है...'

देश में पहले यह सोच ही नहीं थी कि महिला के नेतृत्व में विकास हो सकता है. देश में किसी महिला ने नेता से नहीं कहा कि हमारे लिए एक टॉयलेट बनवा दो. या एक रुपए का सैनेटिरी पैड बनवा दो. पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से डंके की चोट पर महिला संबंधित विषयों पर बात की. मैंने 9 सालों में शिक्षा, टैक्सटाइल में योगदान दिया. कोविडकाल की शुरुआत में हमें पता था कि सप्लाई चैन प्रभावित होगी. तब हिंदुस्तान के पास ना रोमैटेरियल था. ना कोई तकनीकि. मार्च 2020 में गाइडलाइन आई और लॉकडाउन लग गया. हमने पूरी मैन्यूफैक्चरिंग प्रोसेस को लगाया. हमने काम करके दिखाया. यह इसलिए संभव हो पाया, क्योंकि हमारे देश के प्रधानमंत्री को एक महिला के काम पर भरोसा था. हमने विषम परिस्थिति में काम करके दिखाया.

Advertisement

'महिलाओं को सशक्तिकरण की दृष्टि से देखा जा रहा'

जी 20 समिट में भारत महिलाओं के योगदान को आगे लेकर आया है. आज हिंदुस्तान की महिला सिर्फ अबला नारी नहीं है, बल्कि वह इसरो की लीड सांइटिस्ट भी है और एक मां भी है. मुझे इस बात का गर्व है कि जी-20 ग्रुप को बोला कि अगर आप अपने देश को विकसित करना चाहते हैं तो महिलाओं को वैनिफिशल या मार्जिन के लिए नहीं, बल्कि सशक्तिकरण की दृष्टि से देखा जाए. हमने पहली बार जी-20 में महिला को केंद्र में रखा है.

इससे पहले स्मृति ने कहा, आज हम इतिहास के ऐसे मोड़ पर है, जहां से आगे का मार्ग तलाशना है. नवभारत के निर्माण के लिए वैश्विक स्तर पर उपलब्धियां पाने का समय है. मुश्किलों को पार करके आगे बढ़ा जा सकता है, ये बात हम परख चुके हैं. पीएम मोदी के नेतृत्व में कह सकते हैं कि यही समय है, सही समय है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement