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अब 'योग' को लेकर क्यों आमने-सामने आ गए केजरीवाल और एलजी? जानें क्या है पूरा मामला

दिल्ली सरकार की फ्री योग क्लासेस को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल वीके सक्सेना आमने-सामने आ गए हैं. केजरीवाल सरकार का दावा है कि एलजी ने 'दिल्ली की योगशाला' योजना को आगे बढ़ाने की मंजूरी नहीं दी, जबकि एलजी ऑफिस का कहना है कि योजना को बढ़ाने के लिए सरकार ने कोई फाइल भेजी ही नहीं.

केजरीवाल सरकार ने पिछले साल दिसंबर में दिल्ली की योगशाला कार्यक्रम शुरू किया था. (फाइल फोटो-PTI) केजरीवाल सरकार ने पिछले साल दिसंबर में दिल्ली की योगशाला कार्यक्रम शुरू किया था. (फाइल फोटो-PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 3:24 PM IST

दिल्ली में केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल वीके सक्सेना में एक बार फिर ठन गई है. इस बार 'योग' को लेकर आमने-सामने हैं. केजरीवाल सरकार ने उपराज्यपाल पर 'दिल्ली की योगशाला' कार्यक्रम को मंजूरी नहीं देने का आरोप लगाया है. वहीं, अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में मुफ्त योग क्लासेस जारी रहेंगी, चाहे उन्हें योग टीचर्स को फीस देने के लिए घर-घर जाकर भीख ही क्यों न मांगना पड़े.

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सीएम केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि सत्ता और अहंकार के नशे में योग बंद करा दिया गया. लोगों में बहुत नाराजगी है. उन्होंने कहा कि ये लोग चाहते हैं कि डरा-धमकाकर योग बंद करवा देंगे, लेकिन दिल्ली में योग क्लासेस जारी रहेंगी. टीचर्स कल से योग कराना शुरू करें. घर-घर जाकर कटोरा लेकर भीख मांग लूंगा, लेकिन टीचर्स की फीस दूंगा. 

इस साल मई में उपराज्यपाल बनने के बाद से वीके सक्सेना और आम आदमी पार्टी सरकार के बीच ठनती रही है. कभी एक्साइज पॉलिसी, कभी हॉस्पिटल कंस्ट्रक्शन तो कभी फ्री बिजली स्कीम को लेकर दोनों आमने-सामने आते रहे हैं. और अब फ्री योग क्लासेस को लेकर तनातनी बढ़ गई है. 

अब कैसे आमने-सामने आ गए?

पिछले साल दिसंबर में सीएम केजरीवाल ने 'दिल्ली की योगशाला' कार्यक्रम की शुरुआत की थी. इसके तहत फ्री में योग क्लासेस लगाई जातीं हैं. 31 अक्टूबर को ये योजना खत्म होनी थी. 

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आम आदमी पार्टी सरकार का दावा है कि डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने योजना को आगे बढ़ाने के लिए 26 अक्टूबर को ही फाइल पर साइन कर दिए थे और अगले दिन एलजी ऑफिस को भेज दी थी.

केजरीवाल सरकार के सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया है कि एलजी सक्सेना ने इस योजना को आगे बढ़ाने की मंजूरी नहीं दी. जबकि, एलजी ऑफिस से जुड़े सूत्रों ने कहा कि योजना से जुड़ी कोई फाइल भेजी ही नहीं गई.

सूत्रों ने ये भी बताया है कि सिसोदिया की ओर से पहले भी कोई फाइल नहीं भेजी गई थी. उनकी ओर से सिर्फ एक पत्र भेजा गया था जिसमें योजना को आगे बढ़ाने की मांग की गई थी.

क्या है दिल्ली की योगशाला योजना?

पिछले साल 13 दिसंबर को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 'दिल्ली की योगशाला' योजना की शुरुआत की थी. इसके तहत जनवरी 2022 से फ्री में योग क्लासेस लगाई जा रहीं हैं. 

इस योजना के तहत, अगर किसी पार्क या कम्युनिटी में 25 या उससे ज्यादा लोग योग करना चाहते हैं, तो वहां दिल्ली सरकार की ओर से योग टीचर भेजा जाता है, जो उन्हें मुफ्त में योग करवाता है.

इस योजना के लिए सरकार ने 25 करोड़ रुपये का फंड रखा था. योग टीचर को फीस भी सरकार ही देती है. ये योग टीचर वो हैं, जिन्होंने दिल्ली फार्मास्यूटिकल साइंसेस एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (DPSRU) से योग में डिप्लोमा किया है. दिल्ली सरकार के इस कार्यक्रम में DPSRU भी शामिल है.

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सीएम केजरीवाल के मुताबिक, दिल्ली में 590 जगहों पर फ्री योग क्लासेस चलाई जाती हैं. इनमें हर दिन 17 हजार से ज्यादा लोग शामिल होते हैं. इनमें भी 10 से 11 हजार वो लोग हैं, जो कोविड से रिकवर होने के बाद भी कई समस्याओं से जूझ रहे हैं.

 

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