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हैरिस और ट्रंप ही नहीं, ये तीन चेहरे भी राष्ट्रपति पद की रेस में, क्यों इनकी मौजूदगी डेमोक्रेट्स के लिए रही परेशान करने वाली?

मंगलवार को हुए चुनाव के बाद अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए वोटों की गिनती शुरू हो चुकी. डोनाल्ड ट्रंप फिलहाल कमला हैरिस पर बढ़त बनाए हुए हैं. वैसे तो ये इलेक्शन ट्रंप बनाम हैरिस है, लेकिन कई और कैंडिडेट भी मैदान में रहे. उन्हें बेशक जीत नहीं मिल सकती, लेकिन हार तय करने में उनका योगदान हो सकता है.

वाइट हाउस के लिए चुनाव में ट्रंप और हैरिस पर ही सारी स्पॉटलाइट है. (Photo- Getty Images) वाइट हाउस के लिए चुनाव में ट्रंप और हैरिस पर ही सारी स्पॉटलाइट है. (Photo- Getty Images)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:04 AM IST

2024 अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद वोट काउंटिंग भी शुरू हो चुकी. रिपब्लिकन के डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की कमला हैरिस के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है. हालांकि फिलहाल ट्रंप बढ़त बनाए हुए हैं. वैसे इन दोनों के अलावा भी कई थर्ड पार्टी कैंडिडेट हैं, जो वोट काटने का काम करने वाले हैं, यानी जिनकी वजह से मुकाबले में फर्क भी आ सकता है. 

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47वें राष्ट्रपति के लिए हुए अमेरिकी चुनाव के नतीजों पर सारी दुनिया की नजरें लगी हुई हैं. वैसे तो सारी स्पॉटलाइट ट्रंप और हैरिस पर है, लेकिन कुछ और पार्टियां भी मैदान में हैं, जो राष्ट्रपति पद के लिए दावेदारी जता रही हैं. इनमें एक नाम है लिबरेटेरियन पार्टी के चेज ओलिवर का. 39 साल के ओलिवर लोगों की आजादी की बात करते हुए लोकप्रिय हुए. साल 2022 में उन्होंने जॉर्जिया की अमेरिकी सीनेट की दौड़ में भी हिस्सा लिया, जहां वह क्रिमिनल जस्टिस रिफॉर्म और ड्रग पॉलिसी सुधार के पक्ष में बात करते रहे और 2 फीसदी वोट भी मिले. 

लिबरेटेरियन पार्टी आमतौर पर नेशनल इलेक्शन में 3 प्रतिशत के करीब वोट लेती है. ओलिवर की लोकप्रियता कुछ बढ़ी ही है. ऐसे में वे मेजर पार्टी उम्मीदवारों के वोट काट सकते हैं, जिससे पहले से ही कसे हुए कंपीटिशन पर काफी फर्क पड़ सकता है. 

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ग्रीन पार्टी भी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारी जताती रही. इस बार राष्ट्रपति की दावेदारी जिल स्टाइन कर रही हैं. 74 साल की जिल राजनीति में नई खिलाड़ी नहीं. वे पहले भी साल 2012 और 2016 में इसी पार्टी से उप-राष्ट्रपति के लिए इलेक्शन लड़ चुकीं. वैसे तो स्टाइन के हिस्से ज्यादा वोट आएंगे, ऐसा प्रोजेक्शन नहीं है, लेकिन उन्हें मिलने वाला हरेक वोट कमला हैरिस के लिए मुसीबत बन सकता है.

ऐसा इसलिए है कि क्योंकि स्टाइल डेमोक्रेटिक पार्टी के एकदम खिलाफ रहीं. कैंपेन के दौरान भी वे इस पार्टी को वादा तोड़ने वाला बताती रहीं. खासकर स्विंग स्टेट्स में जहां ट्रंप और हैरिस के बीच करीबी मुकाबला है, वहां स्टाइन का होना डेमोक्रेट्स के लिए मुश्किल ला सकता है. हैरिस खेमे में इसके लिए डर का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि चुनाव के दौरान खास इस उम्मीदवार का नाम लेते हुए पार्टी ने कहा था कि जिल को वोट देने का मतलब ट्रंप को वोट देना है. 

ग्रीन पार्टी के एक और कैंडिडेट कॉर्नेल वेस्ट इस बार स्वतंत्र तौर पर इलेक्शन में हैं. वे पॉलिटिकल एक्टिविस्ट और स्कॉलर रह चुके. उनके वादे खासकर उस तबके को लुभा सकते हैं, जो पहले डेमोक्रेट्स की तरफ रहे, लेकिन अब उनसे नाराज हैं लेकिन रिपब्लिकन्स की तरफ भी नहीं मुड़ पा रहे. 71 साल के वेस्ट ने बाइडेन को युद्ध अपराधी और ट्रंप को फासिस्ट कह दिया. हालांकि ट्रंप को लेकर उनका रवैया कुछ नरम ही रहा. वे लगभग दर्जनभर राज्यों में लड़ चुके और इसका निगेटिव अगर, चाहे रत्तीभर भी हो, लेकिन हैरिस पर ही होगा. 

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अब बात करते हैं, राजनैतिक घराने से आए उम्मीदवार रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर की. कैनेडी परिवार के वंशज ने चुनाव में उम्मीदवारी तो जताई लेकिन अगस्त के आखिर में खुद ही ट्रंप का सपोर्ट कर दिया. तब उनके पास लगभग पांच फीसदी वोट थे. आगे चलकर कैनेडी ने ट्रंप के साथ मिलकर प्रचार किया. उनका वोट बेस भी ट्रंप के हिस्से जा सकता है.

ट्रंप भी वोट काटने के इस खेल में एकदम बचे हुए नहीं. दरअसल लिबरेटेरियन पार्टी लगभग सभी राज्यों में बैलेट पर रही. इससे स्विंग स्टेट्स में असर हो सकता है, फिर चाहे वो ट्रंप हों, या हैरिस. 

पार्टी का एक और चेहरा हैं चेस ओलिवर. ये चेहरा भी डेमोक्रेट्स से रूठकर अलग हुआ था, यानी इनका सारा बेस हैरिस के खिलाफ जाएगा. साल 2022 में उन्होंने जॉर्जिया से सीनेट के लिए इलेक्शन लड़ा और और दो प्रतिशत वोट हासिल किया था. इसके बाद डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन उम्मीदवारों के बीच दोबारा चुनाव कराना पड़ा.

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