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6 मौतें... आखिर असम-मेघालय बॉर्डर पर हुआ क्या था, क्या है दोनों राज्यों में सीमा विवाद?

असम-मेघालय की विवादित सीमा पर स्थित गांव में मंगलवार सुबह हुई हिंसा के बाद से तनाव बना हुआ है. इस हिंसा में 6 लोगों की मौत हो गई थी. इस हिंसा के बाद असम और मेघालय का सीमा विवाद फिर चर्चा में आ गया है. हालांकि, असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा का कहना है कि इस हिंसा का सीमा विवाद से लेना-देना नहीं है.

असम और मेघालय के बीच 885 किमी लंबी सीमा है. (फाइल फोटो-PTI) असम और मेघालय के बीच 885 किमी लंबी सीमा है. (फाइल फोटो-PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:03 AM IST

Assam-Meghalaya Border Violence: असम-मेघालय सीमा पर मंगलवार सुबह हिंसा के बाद से तनाव बना हुआ है. इस हिंसा में एक फॉरेस्ट गार्ड समेत 6 लोगों की मौत हो गई थी. ये हिंसा तब हुई थी, जब असम के फॉरेस्ट गार्ड ने एक ट्रक को रोका था. इस ट्रक में अवैध रूप से काटी गई लकड़ियां थीं. 

इस हिंसा के बाद मेघालय के सीएम कोनराड संगमा (Conrad Sangma) ने शिकायत करते हुए ट्वीट किया कि असम पुलिस और असम फॉरेस्ट गार्ड ने मेघालय में प्रवेश किया और अकारण ही गोलीबारी की. इस ट्वीट में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) को टैग किया था.

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वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि असम-मेघालय सीमा शांतिपूर्ण है और हमेशा रहेगी. फोर्स का इस्तेमाल किया गया और लगता है कि ये सब मनमाने ढंग से हुआ जो नहीं होना चाहिए था. 

इस पूरे मामले को लेकर गुरुवार को मेघालय के मंत्रियों का समूह गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेगा. उनकी मांग है कि इस मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी से करवाई जाए. असम सरकार का भी कहना है कि इसकी जांच केंद्रीय एजेंसी को करनी चाहिए.

असम-मेघालय सीमा पर क्या हुआ? 

- असम और मेघालय के बीच 884.9 किलोमीटर लंबी सीमा है. दोनों के बीच 12 जगहों को लेकर विवाद है. मंगलवार सुबह जिस जगह हिंसा हुई, वो भी विवादित इलाकों में से एक है.

- ये पूरी हिंसा मेघालय के पश्चिमी जयंतिया हिल्स जिले के मुकरोह गांव में हुई थी. मेघालय के सीएम का कहना है कि असम पुलिस और फॉरेस्ट गार्ड मेघालय में घुस आए थे. हालांकि, असम पुलिस का कहना है कि ट्रक को राज्य के पश्चिमी कार्बी आंगलोंग जिले में रोका गया था.

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- असम के पश्चिमी कार्बी आंगलोंग जिले के एसपी इमदाद अली ने न्यूज एजेंसी को बताया कि तड़के 3 बजे असम फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के गार्ड्स ने लकड़ी से लदे ट्रक को मुकरोह इलाके में रोका. 

- उन्होंने बताया कि ट्रक ने भागने की कोशिश की, जिस कारण गार्ड्स ने गोली चलाई और टायर पंक्चर कर दिया. ट्रक ड्राइवर समेत कुछ लोगों को पकड़ लिया, लेकिन कुछ लोग भागने में कामयाब रहे.

- इमदाद अली ने बताया कि बाद में फॉरेस्ट गार्ड्स ने जिरिकेंडिंग पुलिस स्टेशन से पुलिस फोर्स मांगी. जब पुलिस मौके पर पहुंची तो सुबह 5 बजे मेघालय से बड़ी संख्या में लोग हथियार लेकर आ गए. 

- उन्होंने बताया कि गुस्साई भीड़ ने गिरफ्तार किए लोगों की रिहाई की मांग करते हुए हमला कर दिया, जिसके बाद हालात को काबू करने के लिए फायरिंग करनी पड़ी. इस घटना के बाद इमदाद अली का ट्रांसफर कर दिया गया. 

- नाम न छापने की शर्त पर असम पुलिस के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि भीड़ ने फॉरेस्ट गार्ड को धारदार हथियार से मार डाला और उसकी राइफल भी छीन ली.

मंगलवार सुबह हिंसा के बाद भीड़ ने असम के पश्चिमी कार्बी आंगलोंग में स्थित फॉरेस्ट ऑफिस में तोड़फोड़ कर दी थी. (फाइल फोटो-PTI)

अब तक क्या-क्या हुआ?

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- मंगलवार को हुई हिंसा के जवाब में अगले ही दिन मेघालय के गांव से गुस्साई भीड़ ने असम के पश्चिमी कार्बी आंगलोंग जिले में स्थित फॉरेस्ट ऑफिस में तोड़फोड़ कर दी. 

- असम और मेघालय, दोनों ही राज्य सरकारों ने इस हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है.

- असम सरकार ने हिंसा के बाद पश्चिमी कार्बी आंगलोंग जिले के एसपी का ट्रांसफर कर दिया है. साथ ही जिरिकिंडिंग पुलिस थाने के प्रभारी और खेरोनी रेंज के फॉरेस्ट प्रोटेक्शन अफसर को निलंबित कर दिया है.

- असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि इस हिंसा का सीमा विवाद से कुछ लेना-देना नहीं है. ये गांव के लोगों और पुलिस के बीच टकराव था.

असम-मेघालय में क्या है सीमा विवाद?

- 1972 में असम से अलग होकर मेघालय को बनाया गया था. तभी से दोनों राज्यों के बीच सीमा को लेकर विवाद चल रहा था. असम और मेघालय 885 किमी लंबी सीमा साझा करते हैं. 

- दोनों राज्यों के बीच 12 जगहों को लेकर सीमा विवाद था. इन 12 जगहों पर असम और मेघालय दोनों ही अपना-अपना दावा करते थे.

- सीमा विवाद को लेकर दोनों राज्यों के बीच कई बार हिंसक झड़प भी हो चुकी है. पिछले साल अगस्त में दोनों राज्यों के लोग भिड़ गए थे. पुलिस भी आमने-सामने आ गई थी.

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- असम और मेघालय के बीच जिन 12 जगहों को लेकर विवाद था, उनमें ऊपरी ताराबारी, गजांग रिजर्व फॉरेस्ट, हाहिम, लंगपीह, बोरदुआर, बोकलापारा, नोंगवा, मातमूर, खानापारा-पिलंगकाटा, देशदेमोरिया ब्लॉक I और ब्लॉक II, खंडुली और रेटाचेरा शामिल हैं.

- इन 12 में से 6 जगहों का विवाद इस साल मार्च में सुलझ चुका है. जिन 6 जगहों को लेकर विवाद सुलझा है, वो 36.79 वर्ग किमी का इलाका है. ये 6 जगह असम के कछार, कामरूप, कामरूप मेट्रोपोलिटन और मेघालय के पश्चिमी खासी हिल्स, री-भोई और पूर्वी जैनतिया हिल्स जिले में स्थित हैं.

- - दोनों राज्यों के बीच बड़ा विवाद लंगपीह को लेकर था. अंग्रेजों के शासन में लंगपीह असम के कामरूप जिले का हिस्सा हुआ करता था, लेकिन आजादी के बाद ये पश्चिमी खासी हिल्स का हिस्सा बन गया, जो बाद में मेघालय में चला गया. असम दावा करता है कि ये उसके मिकिर हिल्स का हिस्सा है.

- इसके अलावा दोनों के बीच ब्लॉक I और ब्लॉक II को लेकर भी बड़ा विवाद है. ये दोनों अभी असम के हिस्से हैं, लेकिन मेघालय दावा करता है ये दोनों उसके हिस्से हैं जो खासी और जैनतिया जिले में पड़ते हैं. लंगपीह और ब्लॉक I, ब्लॉक II का विवाद अभी सुलझा नहीं है.

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गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च में कहा था कि असम-मेघालय में 70 फीसदी सीमा विवाद सुलझ गया है. (फाइल फोटो)

असम के कई राज्यों से सीमा विवाद

- असम के अपने पड़ोसी राज्यों से सीमा विवाद है. पिछले साल असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद कुछ ज्यादा ही बढ़ गया था. दोनों राज्यों के बीच कई दिनों तक तनाव बना रहा था. बाद में केंद्र के दखल से तनाव कम हुआ था. हालांकि, विवाद अभी सुलझा नहीं है. 

- मिजोरम के अलावा असम का अरूणाचल प्रदेश और नागालैंड के साथ सीमा विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. मेघालय के साथ अभी भी 6 जगहों को लेकर विवाद बना हुआ है.

 

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