
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में अगले साल 'रामलला' की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. राम मंदिर निर्माण की समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि इस साल के आखिर तक मंदिर का भूतल बनकर तैयार हो जाएगा.
राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास जी महाराज ने बताया कि 15 से 24 जनवरी के बीच अनुष्ठान होगा. इस दौरान प्राण प्रतिष्ठा भी होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को अयोध्या आएंगे और उसी दिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी.
नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि एक उपकरण तैयार किया जा रहा है, जिसे मंदिर के शिखर पर लगाया जाएगा. इससे हर साल रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें भगवान राम के माथे पर कुछ देर के लिए पड़ेंगी.
उन्होंने बताया कि इस उपकरण को बेंगलुरु में बनाया जा रहा है. वहां के वैज्ञानिक इसका काम देख रहे हैं.
मंदिर ट्रस्ट ने 14 जनवरी को मकर संक्रांति के बाद रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए दस दिन का अनुष्ठान करने का फैसला लिया है. इस साल जून में मिश्रा ने बताया था कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 24 जनवरी से मंदिर आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा.
दिसंबर तक बन जाएगा भूतल
नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि मंदिर का भूतल दिसंबर 2023 तक पूरा करने की योजना बनाई थी और ये तय समय पर पूरा हो जाएगा.
उन्होंने बताया कि इस मंदिर को इस तरह से तैयार किया जा रहा है, ताकि अगले एक हजार सालों तक ये ऐसा ही रहे.
उन्होंने बताया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा साधु-संतों की मौजूदगी में होगी. 22 जनवरी को मंदिर में भारी भीड़ जुटने की उम्मीद है.
उन्होंने बताया कि अभी 10 हजार लोगों की एक लिस्ट तैयार की गई है, जो प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे. इनमें साधु-संतों के अलावा राम मंदिर आंदोलन से जुड़े लोग भी शामिल हैं.
मिश्रा ने ये भी बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर को जब आम लोगों के लिए खोला जाएगा तो यहां आने वाले श्रद्धालुओं को 15-20 सेकंड का समय दर्शन के लिए मिलेगा.
मंदिर निर्माण में लोहे का इस्तेमाल नहीं
आर्किटेक्चर और कंस्ट्रक्शन मटैरियल पर बात करते हुए मिश्रा ने बताया कि मंदिर निर्माण में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया गया है. इसकी बजाय पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे का इस्तेमाल हुआ है.
उन्होंने बताया कि राम मंदिर ढाई एकड़ में बना हुआ है. लेकिन अगर इसमें 'परिक्रमा पथ' भी जोड़ लिया जाए तो ये पूरा परिसर आठ एकड़ का हो जाता है.
मिश्रा के मुताबिक, मंदिर निर्माण में अब तक करीब 900 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. और पूरा मंदिर परिसर बनने में 1,700 से 1,800 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.
उन्होंने बताया कि कुछ कलाकृतियां एएसआई को खुदाई के दौरान मिली थीं और कुछ निर्माण कार्य के दौरान मिली हैं. इनमें से कुछ को ट्रस्ट के देखरेख में सुरक्षित रखा गया है. एएसआई से अनुमति मिलने के बाद इन्हें मंदिर परिसर में बन रहे संग्रहालय में रखा जाएगा.
51 इंच की होगी रामलला की मूर्ति
मंदिर के गर्भगृह में एक चबूतरा बनाया जाएगा. इसी चबूतरे पर रामलला की मूर्ति को स्थापित किया जाएगा. रामलला की ये मूर्ति 51 इंच की होगी.
ऐसा होगा राम मंदिर
अयोध्या में राम जन्मभूमि क्षेत्र में 2.7 एकड़ में राम मंदिर बन रहा है. ये तीन मंजिला होगा और इसकी ऊंचाई 162 फीट होगी.
मंदिर निर्माण के लिए राजस्थान से नक्काशीदार पत्थर लाए गए हैं. मंदिर के चारों ओर आठ एकड़ की परिधि में 48 फीट ऊंची प्राचीर भी बनाई जा रही है.
मंदिर परिसर में राम मंदिर के अलावा छह और मंदिर बनाए जा रहे हैं. सिंह द्वार से राम मंदिर में प्रवेश करने से पहले पूर्वी दिशा में एक मुख्य द्वार होगा, जहां से श्रद्धालु परिसर में आएंगे.
मुख्य द्वार के बगल में ही निकास द्वार भी बनाया जा रहा है. इसके अलावा एक सुरंग भी बन रही है, जहां से भी भक्त आ और जा सकेंगे. प्राण प्रतिष्ठा से पहले परिसर का मुख्य द्वार बन जाएगा.
12 द्वार, 392 पिलर होंगे मंदिर में
मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार 'सिंह द्वार' होगा. राम मंदिर में कुल 392 पिलर होंगे. गर्भगृह में 160 और ऊपरी तल में 132 खंभे होंगे. मंदिर में 12 द्वार होंगे. इन्हें सागौन की लकड़ी से बनाया जा रहा है.
सिंह द्वार के जरिए जैसे ही मंदिर में प्रवेश करेंगे, सामने आपको नृत्य मंडप, रंग मंडप और गूढ़ मंडप भी दिखेगा. मंदिर परिसर में सूर्य देवता, भगवान विष्णु और पंचदेव मंदिर भी बन रहा है.
रोज डेढ़ लाख श्रद्धालु आएंगे
प्राण प्रतिष्ठा के बाद जब मंदिर को आम लोगों के लिए खोला जाएगा तो हर दिन डेढ़ लाख श्रद्दालुओं के आने की उम्मीद है. इसलिए रामलला के दर्शन के लिए हर श्रद्धालु को 15 से 20 सेकंड का समय ही मिलेगा.
एलएंडटी के प्रोजेक्ट मैनेजर विनोद मेहता ने न्यूज एजेंसी को बताया था कि मंदिर के चारों ओर एक प्राचीर को इस तरह बनाया जा रहा है, ताकि डेढ़ लाख लोग आसानी से दर्शन कर सकेंगे.
उन्होंने बताया था कि श्रद्धालओं को एक पार्क के रास्ते से मंदिर तक पहुंचना होगा. उन्होंने बताया था कि मंदिर आने वाले और परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं में कोई टकराव न हो, इसके लिए पूर्व दिशा में एक सुरंग बनाई जा रही है.