
दिल्ली से आगरा जाने वाले यमुना एक्सप्रेस-वे पर 18 नवंबर की सुबह भारी भीड़ थी. यहां सड़क किनारे एक लाल रंग का ट्रॉली बैग पड़ा था. पुलिस ने आकर जब बैग खोला तो सब हैरान हो गए. अंदर एक युवती की लाश रखी थी. युवती की उम्र 21 साल थी. बाद में पता चला कि उसका नाम आयुषी था. छानबीन हुई तो केस ऑनर किलिंग का निकला. आयुषी की हत्या उसके ही पिता ने कर दी थी. वजह ये थी कि आयुषी ने अपनी मर्जी से शादी कर ली थी, जो घर वालों को मंजूर नहीं थी.
आयुषी का मामला इकलौता नहीं है. देश में लगातार किसी ने किसी इलाके में लड़के-लड़कियां ऑनर किलिंग का शिकार हो रहे हैं. ऑनर किलिंग का मतलब है कि अपने ही परिवार में किसी व्यक्ति की हत्या इसलिए कर दी जाती है, क्योंकि परिवार वालों को लगता है कि उस व्यक्ति की वजह से उन्हें शर्मसार होना पड़ा है. कुल मिलाकर तथाकथित 'इज्जत' के नाम पर होने वाली हत्याएं.
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया था कि हर साल दुनिया में 5 हजार लड़कियां ऑनर किलिंग का शिकार होती हैं. रिपोर्ट में बताया गया था कि इन 5 हजार में से एक हजार लड़कियां भारतीय होती हैं. यानी, ऑनर किलिंग का शिकार होने वाली हर 5 में से 1 लड़की भारत की होती है.
हालांकि, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़े संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के आसपास भी नहीं बैठते. एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 8 साल में ऑनर किलिंग के मकसद से लगभग 500 हत्याएं हो चुकीं हैं. लेकिन इनमें से कितनी लड़कियां हैं, इसका आंकड़ा एनसीआरबी ने नहीं दिया.
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तथाकथित 'इज्जत', हर जगह जान ले रही!
एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑनर किलिंग्स की घटनाएं सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि कनाडा, यूके, अमेरिका, स्वीडन, जर्मनी, फ्रांस, बांग्लादेश, ब्राजील, इक्वाडोर, मिस्र, गाजा, इटली, जॉर्डन, पाकिस्तान, मोरक्को, स्वीडन, तुर्की, युगांडा, अफगानिस्तान, इराक और ईरान में भी सामने आतीं हैं.
वैसे, सबसे ज्यादा मामले भारत और पाकिस्तान में आते हैं. भारत और पाकिस्तान दोनों ही जगह हर साल एक-एक हजार से ज्यादा मामले सामने आते हैं. इसी साल मई में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्पेनिश मूल की दो बहनों- आरजू अब्बास और अनीसा अब्बास की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
अमेरिका के मशहूर मनोवैज्ञानिक फिलिस चेल्सर ने 1989 से 2009 के बीच यूरोप में हुई ऑनर किलिंग के मामलों पर स्टडी की थी. इस स्टडी के बाद उन्होंने दावा किया था कि ऑनर किलिंग के 96 फीसदी आरोपी मुस्लिम होते हैं. स्टडी में ये भी दावा किया गया था 68 फीसदी मामलों में हत्या से पहले व्यक्ति को टॉर्चर किया गया था.
ईरान में भी ऑनर किलिंग के मामले बढ़ रहे हैं. इसी साल फरवरी में एक वीडियो सामने आया था, जिसमें एक शख्स अपने हाथ में पत्नी का कटा हुआ सिर लेकर घूम रहा था और मुस्कुरा रहा था. ईरानी मीडिया ने इसे ऑनर किलिंग बताया था. क्योंकि उसकी पत्नी की उम्र 17 साल थी और वो तुर्की भाग गई थी. हत्या से कुछ दिन पहले ही वो ईरान वापस लौटी थी. इससे दो साल पहले एक पिता ने अपनी 14 साल की बेटी की भी इसलिए हत्या कर दी थी, क्योंकि वो 29 साल के एक युवक के साथ भाग गई थी.
साइंस जर्नल लैंसेट ने अपनी स्टडी में दावा किया था कि 2010 से 2014 के बीच ईरान में ऑनर किलिंग के कम से कम 8 हजार मामले सामने आए हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ कुछ ही मामलों को दर्ज किया गया.
अमेरिका में भी इसके मामले सामने आते रहे हैं. हालांकि, अभी तक जितने मामले सामने आए हैं, उनमें आरोपी किसी दूसरे देश का रहा है. 2008 में जॉर्जिया में संदीला कंवल की हत्या उसके पाकिस्तानी पिता ने इसलिए कर दी थी, क्योंकि उसने अरेंज मैरिज करने से मना कर दिया था.
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डराते हैं आंकड़े...!
2019 में संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट आई थी. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि 2017 में दुनियाभर में 87 हजार महिलाओं की हत्या की गई. इनमें से करीब 50 हजार महिलाओं की हत्या उनके पार्टनर या परिवार के किसी सदस्य ने की थी. यानी, दुनिया में हर दिन 137 महिलाओं की हत्या उनके पार्टनर या परिवार के किसी सदस्य ने की.
एनसीआरबी की ही रिपोर्ट बताती है कि देश में पिछले साल 1,566 हत्याएं लव अफेयर्स और 1,549 मर्डर अवैध संबंध के चलते हो गए थे. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर संयुक्त राष्ट्र ने भी एक बयान जारी कर कहा था, 'अपने तथाकथित सम्मान के नाम पर परिवार घर की महिलाओं या लड़कियों की गोली मारकर, पत्थर मारकर, जिंदा जलाकर, गला घोंटकर या चाकू मारकर हत्या कर देते हैं.'
रही बात मर्जी से शादी की, तो हमारे देश का संविधान हर बालिग को अपनी मर्जी से शादी करने की इजाजत देता है, फिर चाहे दोनों अलग-अलग धर्म या जाति के ही क्यों न हों. इसका मतलब ये हुआ कि अगर लड़के की उम्र 21 साल और लड़की की उम्र 18 साल से ज्यादा है, तो वो अपनी मर्जी से शादी कर सकते हैं.