
रामायण पर आधारित फिल्म आदिपुरुष रिलीज के बाद से चर्चाओं में है. भारत में जहां पात्रों के डायलॉग्स पर बवाल हो रहा है, वहीं नेपाल में इसकी वजह कुछ और ही है. फिल्म में कथित तौर पर माता सीता को भारत की बेटी बताया गया, जिसे लेकर नेपाली भावनाएं आहत हो रही हैं. काठमांडू के मेयर बालेन शाह द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद काठमांडू म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ने फैसला लिया कि जब तक सीता जी के जन्म वाले फैक्ट दुरुस्त नहीं होते, वो आदिपुरुष तो क्या, कोई भी भारतीय फिल्म अपने यहां थिएटर में नहीं चलाएगी.
क्या मान्यता है नेपाल में
देवी सीता के जन्मस्थान पर पहले भी नेपाल अपना दावा करता रहा. भारतीय सीमा के पास मधेश प्रदेश की राजधानी जनकपुर के बारे में वहां के लोगों को मानना है कि यही जगह सीता की जन्मस्थली है. वाल्मीकि रामायण में भी सीता के जन्म और शादी के स्थान के तौर पर जनकपुर का जिक्र मिलता है. सीता को अपनी बेटी बताते हुए नेपाल में एक तर्क और मिलता है. राजा जनक मिथिला के राजा थे. इसी वजह से सीता को मैथिली भी कहा जाता है. चूंकि जनकपुर में मैथिली बोलने वाले लोग काफी ज्यादा हैं, जिनकी आस्था सीता-राम पर है, तो ये भी संकेत है कि सीता यहां की बेटी रही होंगी.
नेपाल के लोग देवी सीता को नेपाल की बेटी मानते हैं क्योंकि वहां के जनकपुर में सीता जी के नाम पर जानकी मंदिर है. राजा जनक की नगरी होने की वजह से वे माता सीता को अपने यहां ही जन्मा हुआ मानते रहे.
नेपाल सरकार की टूरिज्म वेबसाइट पर जनकपुरी को खुले तौर पर जानकी यानी सीता की जन्मभूमि बताया गया. साइट पर जिक्र है कि आज से लगभग 12 हजार साल पहले जनकपुर मिथिला की राजधानी हुआ करता, जिसके शासक जनक थे. यहीं पर सीता उन्हें खेत जोतने के दौरान मिली थीं.
कई मंदिर बने हुए हैं
काठमांडू से सड़क मार्ग से लगभग 4 सौ किलोमीटर दूर जनकपुर में कई मंदिर हैं. नेपाली आस्था के मुताबिक यहीं पर माता सीता का जन्म हुआ था, तो यहां काफी विशाल जानकी मंदिर भी है. इसके अलावा राम मंदिर, श्री जनक मंदिर, हनुमंत दरबार और धनुषाधाम मंदिर भी है, जो कथित तौर पर वही जगह है, जहां श्री राम ने शिव धनुष तोड़ा था.
सीता के जन्मस्थान को लेकर भारत में अलग मान्यता
यहां बिहार के सीतामढ़ी को उनकी जन्मस्थली माना जाता है. माना जाता है कि सीतामढ़ी का पुनौरा गांव वो जगह है, जहां सीता भूमि जोतने के दौरान राजा जनक को मिली थीं. हल का फल जिसे सीत कहते हैं उससे टकराने के कारण जमीन में दबा वो कलश मिला, जिसमें कन्या थी, इसलिए उन्हें सीता नाम मिला.
वृहद विष्णु पुराण के अनुसार सीता का जन्म जनकपुर से लगभग तीन योजन यानी 40 किलोमीटर दूर हुआ था. नेपाल में सीता मां के कथित जन्मस्थल और भारत की इस जगह के बीच लगभग इतनी ही दूरी है. इससे भी भारत के दावे को बल मिलता है कि सीता यहां जन्मी थीं.
भारत में भी जानकी मंदिर
सीतामढ़ी में भी जानकी मंदिर है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसी जगह खेत की भूमि में वे मिलीं. अयोध्या में राम जन्मभूमि की तर्ज पर यहां भी एक भव्य मंदिर बनाने की मांग लगातार उठती रही. इसके अलावा एक कुंड भी है, जिसे जानकी कुंड कहा जाता है. मान्यता है कि यहीं पर देवी सीता स्नान किया करती थीं.
वाल्मिकी रामायण के अलावा जैन रामायण, थाई रामायण और लोक-कथाओं में भी सीता के जन्म को लेकर अलग-अलग जिक्र मिलता है. फिलहाल तक भारत और नेपाल में कहीं भी इस तरह की कोई भूगर्भीय खुदाई नहीं हुई, जिसके आधार पर प्रमाणों के साथ दावा हो सके. हालांकि दोनों ही देश सीता-राम पर गहरी आस्था रखते और एक-दूसरे के यहां तीर्थयात्रा करते आए हैं. यही वजह है कि बीते कुछ समय से रामायण सर्किट प्रोजेक्ट की बात हो रही है.
रामायण सर्किट वो परियोजना है, जिसमें अयोध्या को सीधे नेपाल की जनकपुरी से जोड़ा जा सकता है. इसमें इन दोनों जगहों के अलावा देश के वो सारे स्थान हैं, जहां वनवास के दौरान श्री राम गए थे.