
Nishikant Dubey v/s Mahua Moitra: बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा एक बार फिर आमने-सामने हैं. निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर गंभीर आरोप लगाए हैं. निशिकांत दुबे ने दावा किया है कि महुआ मोइत्रा पैसे और गिफ्ट लेकर संसद में सवाल पूछती हैं.
निशिकांत दुबे ने ये आरोप लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को दो दिन पहले लिखी चिट्ठी में लगाए थे.
दुबे की शिकायत पर बिरला ने इस मामले को लोकसभा की एथिक्स कमेटी के पास भेज दिया है. एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष बीजेपी सांसद विनोद कुमार सोनकर हैं.
आरोप लगने के बाद महुआ मोइत्रा भी एक्शन में आ गई हैं. उन्होंने सांसद निशिकांत दुबे और एडवोकेट जय अनंत देहरदई को लीगल नोटिस भी भेज दिया है.
इस पूरे मामले के चार अहम किरदार- निशिकांत दुबे, जय अनंत देहरदई, महुआ मोइत्रा और दर्शन हीरानंदानी हैं.
कौन हैं ये चार किरदार?
1. निशिकांत दुबेः झारखंड की गोड्डा सीट से लोकसभा सांसद हैं. वो 2009 से यहां के सांसद हैं. 2019 में लगातार तीसरी बार चुनाव जीते थे. महुआ मोइत्रा ने उनके पास फर्जी डिग्री होने का आरोप लगाया था. महुआ मोइत्रा का दावा है कि उन्होंने एफिडेविट में अपने पास डीयू से एमबीए डिग्री होने की बात कही थी, जबकि उनके पास ऐसी कोई डिग्री नहीं है.
2. जय अनंत देहरदईः सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं. दावा है कि जय अनंत और महुआ मोइत्रा पहले अच्छे दोस्त थे, लेकिन बाद में निजी कारणों के चलते अनबन आ गई और रिश्ते बिगड़ गए. महुआ मोइत्रा का दावा है कि जय अनंत ने उन्हें दुर्भावनापूर्ण और अश्लील मैसेज भेजे थे. साथ ही उनके सरकारी आवास में भी आ गए थे और कुछ निजी संपत्तियां चुरा ली थीं. मोइत्रा ने जय अनंत के खिलाफ दो बार- 25 मार्च 2023 और 23 सितंबर 2023 को शिकायत दर्ज करवाई थी.
3. महुआ मोइत्राः पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से टीएमसी सांसद हैं. इससे पहले 2016 से 2019 तक करीमनगर सीट से विधायक थीं. राजनीति में आने से पहले महुआ मोइत्रा इन्वेस्टमेंट बैंकर थीं. उन्होंने अमेरिका से इकोनॉमिक्स और मैथमेटिक्स की पढ़ाई की है.
4. दर्शन हीरानंदानीः रियल एस्टेट और इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी हीरानंदानी ग्रुप के सीईओ हैं. इस ग्रुप की शुरुआत उनके पिता निरंजन हीरानंदानी और चाचा सुरेंद्र हीरानंदानी ने की थी. ये ग्रुप आईटी पार्क, कमर्शियल और रेसिडेंशियल प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है. निशिकांत दुबे के आरोपों पर हीरानंदानी ग्रुप ने बयान जारी कर कहा कि इनमें कोई दम नहीं है. बयान में कहा गया है कि उनका ग्रुप कारोबार पर ध्यान देता है और उनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है.
निशिकांत दुबे ने क्या आरोप लगाए हैं?
- रविवार को निशिकांत दुबे ने स्पीकर ओम बिरला को एक चिट्ठी लिखी. इसमें दावा किया कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने पैसे और गिफ्ट लेकर संसद में सवाल पूछे. उन्होंने ये दावा एडवोकेट जय अनंत देहदरई की रिसर्च के हवाले से किया.
- इस चिट्टी में दुबे ने दावा किया कि महुआ मोइत्रा ने संसद में अब तक 61 सवाल पूछे हैं, जिनमें से 50 सवाल सिर्फ अडानी ग्रुप से जुड़े थे. महुआ मोइत्रा अक्सर अडानी ग्रुप पर गड़बड़ी के आरोप लगाती रहीं हैं, खासकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद.
- उन्होंने लिखा कि इस बात में जरा भी शक नहीं है कि महुआ मोइत्रा ने ऐसे सवाल पूछकर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के हितों की रक्षा कर आपराधिक साजिश रची है. ये 12 दिसंबर 2005 के 'कैश फॉर क्वेरी' कांड की याद दिलाती है.
- स्पीकर को लिखी चिट्ठी में निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना करने का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने आईपीसी की धारा 120-A के तहत आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग भी की थी.
महुआ मोइत्रा ने क्या कहा?
- निशिकांत दुबे के आरोपों का महुआ मोइत्रा X पर जवाब दे रहीं हैं. उन्होंने X पर लिखा, 'मैं गलते तरीके से हासिल कैश और गिफ्ट का इस्तेमाल कॉलेज/यूनिवर्सिटी खरीदने के लिए कर रही हूं, जहां से 'डिग्री दुबे' असली डिग्री खरीद सकते हैं.'
- उन्होंने लिखा, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला पहले गलत एफिडेविट दाखिल करने वाले के खिलाफ जांच पूरी करें और फिर मेरे खिलाफ जांच कमेटी बैठाएं.
- महुआ मोइत्रा ने लिखा, 'फर्जी डिग्रीवाला और बीजेपी के दिग्गजों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के कई मामले पेंडिंग हैं. उनका निपटारा करने के बाद मैं अपने खिलाफ लाए गए किसी भी प्रस्ताव का स्वागत करती हूं. साथ ही मेरे दरवाजे पर आने से पहले ED और दूसरी एजेंसियां अडानी कोल स्कैम मामले में FIR दर्ज करे.'
- इतना ही नहीं, उन्होंने पलटवार करते हुए लिखा, 'अगर अडानी ग्रुप मुझे चुप कराने या नीचे गिराने के लिए संघियों की ओर से बनाए गए और फर्जी डिग्रीवालों की तरफ से जारी किए डोजियर पर भरोसा कर रहा है तो उन्हें मेरी सलाह है कि अपना समय बर्बाद न करें. अपने वकीलों का बुद्धिमानी से उपयोग करें.'
लॉगइन क्रेडेंशियल की भी जांच की मांग
- लोकसभा स्पीकर के बाद निशिकांत दुबे ने आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और उनके सहयोगी राजीव चंद्रशेखर को भी चिट्ठी लिखी.
- इसमें दुबे ने मांग की कि इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि क्या महुआ मोइत्रा ने हीरानंदानी और उनके हीरानंदानी ग्रुप को लोकसभा वेबसाइट के लिए अपने लॉगइन क्रेडेंशियल दिए थे? ताकि वो इसका इस्तेमाल अपने निजी फायदे के लिए कर सकें.
- उन्होंने मांग करते हुए लिखा कि मोइत्रा के लोकसभा वेबसाइट अकाउंट के सभी लॉगइन क्रेडेंशियल के आईपी एड्रेस की भी जांच करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि जांच की जाए कि जब वेबसाइट पर लॉगइन किया गया था तो क्या महुआ मोइत्रा उस लोकेशन पर मौजूद थीं?
महुआ मित्रा का पलटवार
- दुबे की इस चिट्ठी पर पलटवार करते हुए महुआ मोइत्रा ने कहा कि सांसदों के सभी संसदीय काम पीए, असिस्टेंट, इंटर्न और बड़ी टीम करती है.
- उन्होंने अश्विनी वैष्णव से सभी सांसदों के कॉल डेटा रिकॉर्ड के साथ लॉगइन क्रेडेंशियल और लोकेशन की डिटेल जारी करने का अनुरोध भी किया. साथ ही उन्होंने लॉगइन करने के लिए स्टाफ को दी जाने वाली ट्रेनिंग की जानकारी भी साझा करने की मांग की.
महुआ मोइत्रा ने पूछे तीन सवाल
- महुआ मोइत्रा ने मंगलवार को फिर सिलसिलेवार ट्वीट कर पलटवार किया. उन्होंने लिखा, 'मैं तब तक चुप नहीं बैठूंगी, जब तक ईडी और सीबीआई 13 हजार करोड़ रुपये के कोल स्कैम की जांच नहीं करती और भारतीयों से लूटी गई इस रकम को फ्रीज नहीं करती.'
- इसके साथ ही उन्होंने तीन सवाल भी किए. उन्होंने पहला सवाल किया, 'जब आपने 13 हजार करोड़ रुपये की इनवॉयस के लिए एक चीनी नागरिक, एक यूएई का नागरिक और तीन ऑफशोर कंपनियों का इस्तेमाल किया, तब आपके राष्ट्रीय हित कहां चले गए?'
- उन्होंने दूसरा सवाल किया, 'बिना टेंडर के 46,500 करोड़ रुपये के धामरा एलएनजी कॉन्ट्रैक्ट में IOCL और GAIL के साथ छेड़छाड़ करने में आपका राष्ट्रीय हित कहां है? राजस्थान में बिना टेंडर के कोयला खदानें हासिल करने में आपका राष्ट्रीय हित क्या है?'
- उनका तीसरा सवाल है, 'सेबी ने जब आपकी बेनामी FPI होल्डिंग्स को बाजार में लाखों करोड़ों का हेरफेर करने दिया, तब आपके राष्ट्रीय कहां थे?'
अदालत पहुंचीं महुआ मोइत्रा
- अपने ऊपर लगे इन आरोपों को लेकर महुआ मोइत्रा ने अब कानूनी लड़ाई शुरू कर दी है. उन्होंने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे, एडवोकेट जय अनंत देहरदई, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X, सर्च इंजन गूगल और यूट्यूब समेत 15 मीडिया हाउसेस के खिलाफ केस दायर किया है.
- महुआ मोइत्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट में केस दायर करते हुए उनके खिलाफ चल रहे अपमानजनक, झूठे और दुर्भावनापूर्ण बयानों पर रोक लगाने की मांग की है.
- उन्होंने अपनी याचिका में दावा किया है कि निशिकांत दुबे और एडवोकेट जय अनंत देहरदई ने उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के इरादे से झूठे आरोप लगाए हैं. उन्होंने हाईकोर्ट से उनकी ओर से सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट को हटाने का निर्देश देने की मांग भी की है.
- महुआ मोइत्रा ने अपनी याचिका में मांग की कि निशिकांत दुबे और जय अनंत को तीन-तीन हिंदी, अंग्रेजी और बंगाली अखबारों में माफी का संदेश छापने का निर्देश दिया जाए. उन्होंने दो करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग भी की है.