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एक बच्चे की नीति हुई फेल.. जानिए परिवार, समाज और शादियों पर चीन क्यों बदल रहा है अपने रीति-रिवाज?

चीन के 20 शहरों में 'नया युग' नाम से नई स्कीम शुरू की गई है. इसका मकसद युवाओं को शादी और बच्चा पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करना है. पर ऐसा क्या है कि चीन अब आबादी बढ़ाने पर इतना जोर दे रहा है.

जन्म दर में गिरावट ने चीन की चिंता बढ़ा दी है. (फाइल फोटो) जन्म दर में गिरावट ने चीन की चिंता बढ़ा दी है. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 मई 2023,
  • अपडेटेड 4:01 PM IST

कभी सबसे ज्यादा आबादी वाला देश रहा चीन अब जनसंख्या के मामले में पिछड़ गया है. वहां तेजी से आबादी घटने लगी है. इस घटती आबादी ने चीन की चिंता बढ़ा दी है. लिहाजा अब चीन में एक अनोखी स्कीम पर काम किया जा रहा है. 

दरअसल, चीन की सरकार ने युवाओं के लिए 'नया युग' नाम से एक प्रोजेक्ट लॉन्च किया है. इसके तहत सरकार बीजिंग समेत 20 शहरों में युवाओं को शादी करने और बच्चे पैदा करने के लिए लुभाने की कोशिश करेगी. 

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चीन के सरकारी मीडिया आउटलेट ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस स्कीम का मकसद युवाओं को शादी करने, सही उम्र में बच्चे पैदा करने के लिए बढ़ावा देना है. साथ ही पुरानी प्रथाओं पर रोक लगाना है.

क्या है चीन का प्लान?

- 'नया युग' नाम से ये स्कीम फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन ने शुरू की है, जो सरकार की जनसंख्या और प्रजनन उपायों को लागू करता है.

- इसमें महिलाओं और युवाओं को शादी करने और बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे.

- इस स्कीम का मकसद शादी को बढ़ावा देना, सही उम्र में बच्चे पैदा करना, बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारियों को साझा करने के लिए माता-पिता को प्रोत्साहित करना है. इसके अलावा 'दुल्हन की कीमतों' और दूसरे पुराने रीति-रिवाजों पर भी रोक लगाना है.

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- स्वतंत्र रूप से काम करने वाले डेमोग्राफर हे याफू ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि समाज को युवाओं को शादी और बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है.

पर ऐसा क्यों?

- चीन की आबादी लगातार घट रही है. 2017 के बाद से चीन में जन्म दर घट रही है. इसके साथ ही शादियां भी कम हो रहीं हैं. 

- इसलिए अब नई स्कीम लाई गई है. इससे पहले भी युवाओं को शादी और बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से टैक्स में छूट, घर खरीदने में छूट और तीसरा बच्चा पैदा करने पर मुफ्त या सब्सिडी वाली शिक्षा शामिल है.

- हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि चीन सरकार का ये उपाय उन लोगों पर कोई खास फर्क नहीं डालेगा, जिनकी शादी और बच्चे पैदा करने की इच्छा नहीं है. ये सिर्फ लोगों की सुविधा और फायदे का उपाय है.

- दूसरी ओर एक्सपर्ट का मानना है कि सरकार की इस स्कीम का फायदा लॉन्ग टर्म में देखने को मिल सकता है. इस स्कीम से लंबे समय बाद युवाओं में शादी और बच्चे पैदा करने की इच्छा पैदा हो सकती है.

कितनी घट रही चीन की आबादी?

- एक समय था जब चीन में तेजी से आबादी बढ़ने लगी थी, जिसके बाद वहां 'वन चाइल्ड पॉलिसी' लागू कर दी गई थी. ये पॉलिसी 1980 से 2015 तक लागू रही. 

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- इस कारण चीन में आबादी की ग्रोथ रेट में कमी आने लगी. चीन के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में आबादी में साढ़े आठ लाख की कमी आई थी.

- चीन के नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टेटिक्स ने हाल ही में आबादी के आंकड़े जारी किए थे. इसके मुताबिक, 2022 के आखिर तक चीन की आबादी घटकर 1.4118 अरब पहुंच गई थी. जबकि, 2021 के आखिर तक चीन की आबादी 1.4126 अरब थी. 1961 के बाद ये पहली बार था जब चीन की आबादी में गिरावट आई.

- दूसरी ओर चीन में जन्म दर कम हो रही है. चीन के सरकारी आंकड़े बताते हैं कि 2022 में देश में जन्म दर प्रति हजार लोगों पर 6.77 थी, जबकि 2021 में ये 7.52 थी. 1949 के बाद ये पहली बार था जब चीन में जन्म दर में गिरावट आई.

- पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में दावा किया गया था सबसे ज्यादा आबादी के मामले में भारत ने चीन को पछाड़ दिया है. भारत की आबादी अब 142.86 करोड़ तो चीन की 142.57 करोड़ हो गई है.

चीन के लिए ये कितनी चिंता की बात?

- चीन के लिए घटती आबादी उसकी चिंता बढ़ाती जा रही है. यही वजह है कि वहां कई सालों से शादी और बच्चे पैदा करने के लिए लुभावनी योजनाएं लाईं जा रहीं हैं.

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- चीन के लिए एक चिंता की बात ये भी है कि जन्म दर कम होने से युवा आबादी घट रही है और बुजुर्ग आबादी बढ़ रही है.

- संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, चीन में 10 से 24 साल की उम्र की युवा आबादी महज 18 फीसदी है तो 65 साल से ज्यादा उम्र की आबादी की संख्या 14 फीसदी है.

- इसका कारण ये भी है कि चीन की महिलाओं की फर्टिलिटी रेट भी कम हो रही है. चीन में एक महिला की फर्टिलिटी रेट 1.2 है. फर्टिलिटी रेट से पता चलता है कि एक महिला अपने जीवनकाल में कितने बच्चों को जन्म देगी.  

- दूसरी ओर वहां औसत उम्र भी कहीं ज्यादा है. चीनी पुरुषों की औसत उम्र 76 साल तो महिलाओं की 82 साल है. 

कैसे फेल होती गई चीन की नीतियां?

- चीन ने बढ़ती आबादी को थामने के लिए 1980 में 'वन चाइल्ड पॉलिसी' लागू की. इससे आबादी की रफ्तार तो थमी, लेकिन इसके नतीजे उल्टे भी पड़े. चीन में बुजुर्ग आबादी तेजी से बढ़ने लगी. 

- इससे निपटने के लिए चीन ने बाद में 'टू चाइल्ड पॉलिसी' लागू की, लेकिन इसका भी कोई खास असर नहीं दिखा. लोगों को एक बच्चा पैदा करने की आदत लग चुकी थी और सीमित जिम्मेदारी या जिम्मेदारी मुक्त हो चुका समाज दूसरा बच्चा नहीं चाहता था. दूसरे बच्चे का सामान्य सा अर्थ है जिम्मेदारियों में इजाफा, खर्चे में बढोतरी, निजी गतिशीलता में कमी. 

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- लेकिन घटती आबादी और बढ़ते बुर्जुर्गों से परेशान होकर सालभर पहले ही चीन में 'थ्री चाइल्ड पॉलिसी' को लागू किया है. हालांकि, इसके बावजूद जन्म दर में गिरावट जारी है. अब वहां हालात ऐसे हैं कि परिवारों के लिए ज्यादा बच्चे पालना न तो आर्थिक तौर पर आसान है और न ही मानसिक तौर पर.

- आबादी बढ़ाने के लिए चीन की सरकार नई-नई तरकीबें आजमा रहीं हैं. चीन में पहले सिर्फ शादीशुदा लड़कियों को ही मां बनने की मंजूरी थी, लेकिन इसी साल जनवरी में सरकार ने बिनब्याही लड़कियों को भी मां बनने की कानूनी मंजूरी दे दी गई है.

 

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