
कोरोना एक बार फिर से डराने लगा है. ओमिक्रॉन वैरिएंट के सब-वैरिएंट्स चिंता बढ़ाते जा रहे हैं. अब ओमिक्रॉन का एक और सब-वैरिएंट XBB सामने आया है. इससे सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई देशों में नई लहर का खतरा बढ़ गया है. इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने भी चेताया है कि XBB से दुनिया के कई देशों में नई लहर आ सकती है.
क्या है XBB?
XBB ओमिक्रॉन के सब-लाइनेज BJ.1 और BA.2.75 से मिलकर बना है. इसे रिकॉम्बिनेंट वैरिएंट कहा जाता है. वहीं, XBB.1, XBB का सब-लाइनेज है. , ब्रिटेन, अमेरिका और सिंगापुर में कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं. चीन में भी कई शहरों में फिर से लॉकडाउन लगने लगा है.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना के मामलों में उछाल की वजह XBB हो सकता है. XBB और XBB.1 सिंगापुर, बांग्लादेश, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में मिला है. भारत में भी XBB की एंट्री हो चुकी है.
सिंगापुर में कोरोना के मामले तो लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. जब एक ही समय में दो या उससे ज्यादा वायरस किसी सेल को संक्रमित करते हैं, तो रिकॉम्बिनेंट वैरिएंट बनता है. हालांकि, रिकॉम्बिनेंट वैरिएंट का संक्रमण रेयर है, फिर भी ये हो सकता है.
कितनी चिंता की बात है?
महाराष्ट्र में अब तक XBB वैरिएंट से संक्रमित 18 मरीज सामने आ चुके हैं. इनमें से 13 मरीज पुणे में सामने आए हैं. पुणे के अलावा 2-2 मरीज नागपुर और ठाणे और एक मरीज अकोला में मिला है.
XBB के अलावा एक मरीज BQ.1 और एक BA.2.3.20 से भी संक्रमित हुआ है. ये मरीज 24 सितंबर से 11 अक्टूबर के बीच मिले हैं. चिंता की बात ये है कि इन 20 में से 15 ने कोरोना की वैक्सीन भी ली थी. बाकी 5 की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है.
पेकिंग यूनिवर्सिटी में BIOPIC के असिस्टेंट प्रोफेसर युनलोंड रिचर्ड काओ का मानना है कि XBB एंटीबॉडी को चकमा देने वाला वैरिएंट हो सकता है.
क्या नई लहर आने वाली है?
ओमिक्रॉन के सब-वैरिेएंट XBB के सामने आने के बाद अब फिर से नई लहर का खतरा पैदा हो गया है. WHO की चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने नई लहर की आशंका जताई है.
डॉ. स्वामीनाथन ने कहा कि ओमिक्रॉन के 300 से ज्यादा सब-वैरिएंट्स मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कई रिकॉम्बिनेंट वायरस देखे हैं, लेकिन XBB इम्युनिटी को चकमा देने में सक्षम है. उन्होंने कहा कि XBB के कारण कुछ देशों में नई लहर देख सकते हैं.
उन्होंने बताया कि अभी तक XBB कितना गंभीर है, इसे लेकर कोई डेटा नहीं आया है. लेकिन निगरानी बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने ये भी कहा कि जीनोम सिक्वेंसिंग भी कम हो गई है, लेकिन नए वैरिएंट्स को ट्रैक करने के लिए ये जरूरी है.
उन्होंने कहा कि कोरोना अभी भी दुनिया के लिए खतरा बना हुआ है. हर हफ्ते दुनियाभर में 8 से 9 हजार लोगों की मौत हो रही है. उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन फैलने पर ज्यादातर मौतें बुजुर्गों की हुई हैं, क्योंकि उन्होंने वैक्सीन नहीं ली थी.