Advertisement

राष्ट्रपति शासन लगेगा या CM पद से हटेंगे केजरीवाल? दिल्ली LG के बयान पर नई बहस शुरू

दिल्ली के कथित शराब घोटाले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ईडी की रिमांड पर हैं. ईडी की रिमांड से ही केजरीवाल दो सरकारी आदेश भी जारी कर चुके हैं. इस बीच उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने साफ कर दिया कि जेल से सरकार नहीं चलेगी.

सीएम केजरीवाल और एलजी सक्सेना. (फाइल फोटो) सीएम केजरीवाल और एलजी सक्सेना. (फाइल फोटो)
कुमार कुणाल/पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 27 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 12:25 PM IST

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल क्या जेल से सरकार चला सकते हैं? इसे लेकर कई दिन से बहस जारी है. इस बीच दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के बयान से एक और नई बहस शुरू हो गई है. 

दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने बुधवार को साफ किया कि जेल से सरकार नहीं चल सकती. एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में सक्सेना ने कहा, 'मैं दिल्ली के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जेल से सरकार नहीं चलेगी.'

Advertisement

एलजी सक्सेना की ये टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब हाल ही में ईडी की हिरासत से ही सीएम केजरीवाल ने दो सरकारी आदेश जारी किए हैं. 

ईडी की हिरासत से केजरीवाल ने पहला आदेश रविवार को जारी किया था. इसमें उन्होंने जल मंत्री आतिशी को दिल्ली के कुछ इलाकों में पानी और सीवर से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने का निर्देश दिया था. इसके बाद मंगलवार को उन्होंने दूसरा आदेश जारी किया, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज को दिल्ली के सरकारी अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा था.

ऐसे में एलजी सक्सेना की 'जेल से सरकार नहीं चलेगी' टिप्पणी से नई राजनीतिक हलचल शुरू हो गई है. 

आतिशी ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम का दिया हवाला

बीजेपी द्वारा दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की बात पर केजरीवाल सरकार में कैबिनेट मंत्री आतिशी ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 और जीएनसीटीडी अधिनियम का हवाला दिया है. आतिशी ने कहा, विपक्षी दलों और नेताओं खासकर अरविंद केजरीवाल को निशाना बनाने के लिए सीबीआई, ईडी और चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं का फायदा उठा रही है.

Advertisement

आतिशी ने कहा कि देश का कानून बहुत स्पष्ट है कि राष्ट्रपति शासन तभी लगाया जा सकता है, जब कोई अन्य विकल्प न हो. सुप्रीम कोर्ट भी अनुच्छेद 356 के मुद्दे पर कई बार फैसला सुनाया है कि राष्ट्रपति शासन तभी लागू किया जा सकता है, जब उस राज्य के शासन के लिए कोई अन्य विकल्प नहीं बचा हो.

इसलिए अगर आज राष्ट्रपति शासन लगाया गया तो यह साफ हो जाएगा कि यह केवल एक राजनैतिक बदले की भावना के तहत लिया गया फैसला है. इसे संस्थानों के द्वारा विपक्ष को समाप्त करने के लिए इस्तेमाल किया गया है.  

क्या जेल से नहीं चल सकती सरकार?

दिल्ली के कथित शराब घोटाले में सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. तब से ही केजरीवाल ईडी की कस्टडी में हैं. 

इसके बाद आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कहा था कि केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री थे, हैं और रहेंगे. आप नेताओं का कहना था कि जरूरत पड़ी तो केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाएंगे. 

लेकिन एलजी सक्सेना के बयान से सवाल खड़ा होता है कि क्या ऐसा हो सकता है? दरअसल, भारत के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो मुख्यमंत्री को जेल से सरकार चलाने की अनुमति देता हो. हालांकि, ऐसा भी प्रावधान नहीं है कि जेल जाने पर मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना होगा.

Advertisement

यह भी पढ़ें: मुख्य सचिव की रिपोर्ट, CBI-ED का केस... दिल्ली के शराब घोटाले की ABCD, जिसमें फंस गए सिसोदिया से केजरीवाल तक

फिर क्या...?

जब तक मुख्यमंत्री केजरीवाल ईडी या सीबीआई की जांच के दायरे में थे, तब तक एलजी के रूप में वीके सक्सेना की भागीदारी भी कम थी. लेकिन जेल जाने की स्थिति में अब दिल्ली में सामान्य शासन को बहाल करने की जिम्मेदारी एलजी के कंधों पर आ गई है.

फिलहाल, उपराज्यपाल के पास केजरीवाल सरकार को बर्खास्त करने का भी अधिकार नहीं है, क्योंकि दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी के पास बहुमत है. 

ऐसा कोई कानूनी या संवैधानिक प्रावधान नहीं है, जो उपराज्यपाल को केवल मुख्यमंत्री की कैद के आधार पर लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को बर्खास्त करने की अनुमति देता हो.

क्या CM पद से हटेंगे केजरीवाल?

जेल जाने के बावजूद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए बाध्य नहीं हैं. हालांकि, एलजी सक्सेना की टिप्पणी दिल्ली के राजनीतिक नेतृत्व में बदलाव का संकेत देती है.

माना जा रहा है कि केजरीवाल के जेल जाने की स्थिति में अब एलजी सक्सेना सरकार के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए एक नए नेता को नामित करने का प्रस्ताव रख सकते हैं.

Advertisement

अगर ऐसा होता है और आम आदमी पार्टी मुख्यमंत्री के तौर पर किसी नए नेता का नाम सुझाती है तो केजरीवाल इस्तीफा दे सकते हैं. इससे दिल्ली का संवैधानिक और राजनीतिक संकट भी खत्म हो जाएगा.

यह भी पढ़ें: AAP की कुर्सी पर कौन? क्या सुनीता केजरीवाल बनेंगी इमोशनल च्वाइस

कहीं राष्ट्रपति शासन तो नहीं लग जाएगा?

केजरीवाल के जेल जाने के बाद दिल्ली में संवैधानिक संकट तो खड़ा हो गया है. इस बीच आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की आशंका भी जताई है. केजरीवाल सरकार में मंत्री आतिशी ने गुरुवार को कहा कि अगर दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है तो ये साफतौर से 'राजनीतिक प्रतिशोध' होगा. 

सक्सेना की टिप्पणी पर जवाब देते हुए आतिशी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि जनप्रतिनिधि कानून के तहत दोषी ठहराए जाने पर ही किसी विधायक को अयोग्य करार दिया जा सकता है.

उन्होंने कहा, 'देश का कानून बहुत साफ है. GNCTD एक्ट भी है, जो कहता है कि अगर सदन में आपके पास बहुमत नहीं है तो आप मुख्यमंत्री नहीं हो सकते. ये शर्त इस मामले में लागू ही नहीं होती. तो किन परिस्थितियों में राष्ट्रपति शासन लगाया जाएगा?'

आतिशी ने कहा, 'राष्ट्रपति शासन तभी लगाया जा सकता है, जब कोई विकल्प न हो. अनुच्छेद 356 का मुद्दा कई बार सुप्रीम कोर्ट में गया है और हर बार अदालत ने कहा है कि राष्ट्रपति शासन केवल तभी लग सकता है, जब राज्य में कोई दूसरा विकल्प न हो.'

Advertisement

अब आगे क्या?

फिलहाल, अरविंद केजरीवाल ईडी की रिमांड में हैं. उनकी रिमांड 28 मार्च को खत्म हो रही है. गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में उनकी रिमांड पर सुनवाई होगी.

इससे पहले सीएम केजरीवाल ने गिरफ्तारी और रिमांड को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. इस पर उन्हें राहत नहीं मिली है. हाईकोर्ट ने ईडी ने 2 अप्रैल तक जवाब मांगा है. इस मामले पर 3 अप्रैल को सुनवाई होगी.

यह भी पढ़ें: 'मेरा शरीर जेल में पर आत्मा जनता के बीच', अरविंद केजरीवाल ने जेल से फिर भेजा संदेश

21 मार्च को हुए थे गिरफ्तार

दिल्ली के कथित शराब घोटाले में केजरीवाल भी घिरे हुए हैं. इस कथित घोटाले में उनकी भूमिका की जांच को लेकर ईडी ने केजरीवाल को 9 समन जारी किए थे. ईडी ने सबसे पहला समन पिछले साल 2 नवंबर को भेजा था. लेकिन केजरीवाल किसी भी समन पर पेश नहीं हुए.

21 मार्च को केजरीवाल ने गिरफ्तारी से राहत के लिए हाईकोर्ट में अपील की थी. हाईकोर्ट ने इसे भी खारिज कर दिया था. इसके बाद उसी दिन शाम 7 बजे ईडी की टीम 10वां समन लेकर केजरीवाल के आवास पर पहुंच गई थी.

ईडी की टीम ने केजरीवाल से दो घंटे तक पूछताछ की थी. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. केजरीवाल पहले मुख्यमंत्री हैं, जो पद पर रहते हुए गिरफ्तार हुए हैं. अगले ही दिन राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को 28 मार्च तक ईडी की रिमांड पर भेज दिया था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement