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क्या बॉर्डर पर इमरजेंसी लगाने से रुक जाएगी अमेरिका में घुसपैठ, फिलहाल कौन सा रास्ता सबसे प्रचलित?

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दक्षिणी सीमा पर इमरजेंसी लगा दी, और सेना को आदेश दिया कि वो अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर पर कड़ी नजर रखे. ये देश का सबसे पोरस या यूं कहें कि नाजुक हिस्सा है, जहां से भारी घुसपैठ होती रही. ट्रंप ने अपने पहले टर्म में इस सीमा पर विशालकाय दीवार भी बनवानी शुरू की थी, जो कई वजहों से अधूरी छूट गई.

यूएस-मेक्सिको सीमा पर अब सख्ती बढ़ने वाली है. (Photo- Getty Images) यूएस-मेक्सिको सीमा पर अब सख्ती बढ़ने वाली है. (Photo- Getty Images)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 2:27 PM IST

डोनाल्ड ट्रंप ने आते ही घुसपैठ पर एक्शन लेना शुरू कर दिया. सोमवार को वाइट हाउस पहुंचते ही उन्होंने मेक्सिको से सटे अमेरिकी बॉर्डर पर नेशनल इमरजेंसी लगा दी. अब इस जगह आर्मी और नेशनल गार्ड्स की संख्या काफी बढ़ जाएगी. फर्स्ट टर्म में भी ट्रंप ने इसी जगह को घुसपैठ का स्पॉट मानते हुए बेहद खर्चीली दीवार बनवानी शुरू की थी, लेकिन काम अधूरा रह गया. तो क्या अब इमरजेंसी एक्ट के जरिए ट्रंप ये सारे काम करवा सकेंगे?

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इमरजेंसी आमतौर पर उन हालातों में लगाई जाती है, जब कुछ बेहद संवेदनशील घटा हो, या घटने का डर हो. स्थितियों पर काबू पाने के लिए आपातकाल का कंसेप्ट लगभग हर जगह है, लेकिन ट्रंप ने एकदम से देश की एक सीमा पर नेशनल इमरजेंसी घोषित कर दी. ऐसा वो सत्तर के दशक में आए नियम की वजह से कर सके. दरअसल साल 1976 में वहां नेशनल इमरजेंसी एक्ट आया.

यह राष्ट्रपति को कुछ खास हालातों में आपातकाल घोषित करने की पावर देता है ताकि वे किसी मुश्किल में तुरंत फैसला ले सकें, न कि सबकी सहमति का इंतजार करते रहें. वैसे इस एक्ट की खास बात ये है कि हर 6 महीने में इसे टटोलना होगा और देखना होगा कि क्या इमरजेंसी की वाकई जरूरत है, या इसे हटाया जा सकता है. कांग्रेस चाहे तो सालभर के भीतर खुद ही एक्शन लेते हुए इसे हटा सकती है. 

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अमेरिका में 9/11 हमले के बाद तत्कालीन लीडर जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने इसी एक्ट के जरिए इमरजेंसी लगाई थी. वहीं ट्रंप ने अपने कार्यकाल में दो बार इसका इस्तेमाल किया. एक तो कोविड के दौरान, हेल्थ इमरजेंसी लगाई गई, जो पूरी दुनिया में कॉमन थी. दूसरा, साल 2019 में उन्होंने मेक्सिको सीमा पर आपातकाल घोषित किया और दीवार बनवानी शुरू कर दी. ट्रंप का आरोप है कि इसी सीमा से सबसे ज्यादा घुसपैठ होती रही, साथ ही ड्रग्स की तस्करी भी बढ़ने लगी. 

यूएस-मेक्सिको बॉर्डर अमेरिका में अवैध रूप से आने वालों के लिए सबसे प्रचलित रास्ता रहा, जो तीन हजार किलोमीटर में फैला हुआ है. इस दायरे में चार अमेरिकी और छह मैक्सिकन राज्य आते हैं. रेगिस्तान, नदी और पहाड़ों के बीच फैली इस सीमा का ज्यादातर हिस्सा खुला हुआ है, यानी न तो पक्की पेट्रोलिंग है, न ही कोई दीवार या बाड़. यही बात घुसपैठियों के हित में जाती है. बीते तीन दशकों में ये बॉर्डर अवैध रूप से एंट्री के लिए कुख्यात रहा. 

कनाडा-अमेरिका सीमा भी हाल के सालों में घुसपैठ के लिए ज्यादा ही इस्तेमाल होने लगी. एशियाई लोग इसी रास्ते से भीतर जाना चाहते हैं क्योंकि कनाडा का वीजा पाना आसान है. इसके बाद अमेरिका पहुंचने में अपेक्षाकृत कम जोखिम रहता है. 

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लैटिन अमेरिकी और कैरेबियन देश, जैसे हैती के रहने वाले समुद्री रास्तों से अमेरिका में घुसपैठ करने लगे हैं. वे जहाजों या छोटी नावों में रात-रातभर लंबा सफर करते हैं. समुद्री हादसों में बहुत से लोग खत्म हो जाते हैं. इसके बाद भी ये रास्ता घुसपैठियों की पसंद बना हुआ है क्योंकि इसमें नजर में आने का खतरा जरा कम रहता है. 

एक और तरीका भी है, जिससे अमेरिका में घुसपैठ बढ़ी. कई प्रवासी वैध तरीकों जैसे टूरिस्ट या स्टूडेंट वीजा लेकर देश आते हैं लेकिन वीजा खत्म होने के बाद वापस नहीं लौटते, बल्कि वहीं रुक जाते हैं. वे छिपकर छोटे-मोटे काम करते हुए ही ड्रीम अमेरिका को जीते रहते हैं.

घुसपैठ के मामले में मेक्सिको बॉर्डर का नाम बार-बार आता रहा. यूनाइटेड स्टेट्स बॉर्डर पेट्रोल ने अकेले साल 2021 में लगभग 11 लाख लोगों को सीमा पार करते हुए पकड़ा था. ये तो पकड़े गए घुसपैठिए हैं. एजेंसी ने माना कि इससे कहीं ज्यादा लोग भीतर जा चुके होंगे. कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन के मुताबिक, हर महीने ही लाखों घुसपैठिए इसी सीमा को पार कर अमेरिका में गायब हो जाते हैं. मानव तस्करी करने वालों के अलावा ड्रग तस्करों का भी गिरोह यहां खासा सक्रिय रहा. 

तीन हजार किलोमीटर से ज्यादा पसरे हुए इसी बॉर्डर पर ट्रंप ने वॉल बनाने की बात की. पहले कार्यकाल में उन्होंने एक नारा दिया- बिल्ट द वॉल एंड मेक्सिको विल पे फॉर इट. ट्रंप प्रशासन ने पूरी की पूरी सीमा पर दीवार खड़ी करने की योजना बनाई. स्टील और कंक्रीट से बनी दीवार में कैमरे, सेंसर, और ड्रोन शामिल होंगे. कुछ हिस्सों में इसकी ऊंचाई 30 फीट भी हो सकती है, जहां कुदरती बाधाएं कम हों और जहां से लोग ज्यादा आते-जाते हों.

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ट्रंप ने इसके लिए 15 से 25 बिलियन डॉलर की मांग की. डेमोक्रेट्स ने इसे मंजूरी देने से इनकार कर दिया. तब ट्रंप ने नेशनल इमरजेंसी घोषित कर दी और आर्मी का बजट इसमें ट्रांसफर कर दिया. इसपर भारी विवाद हुआ. एक तो खर्च को लेकर हल्ला था, दूसरा, मानवाधिकार संगठनों का कहना था कि दीवार की वजह से सताए हुए लोग सुरक्षा से वंचित हो रहे हैं. खूब शोरगुल मचा और आखिरकार दीवार बनने की रफ्तार धीमी पड़ती हुई बंद हो गई. 

राष्ट्रपति बनने के बाद जो बाइडन ने साल 2021 में वॉल निर्माण पर रोक लगा दी. अब माना जा रहा है कि यूएस-मेक्सिको बॉर्डर इमरजेंसी के तहत दीवार बनाने का काम दोबारा शुरू हो सकता है. ये बात अलग है कि इससे भी घुसपैठ रुकी नहीं, बल्कि जमीन के नीचे सुरंगें बनाकर, या दूसरे रास्ते से लोग भीतर प्रवेश करने लगे. 

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