
भारत बूढ़ा हो रहा है. अगले तीन दशकों में भारत की कुल आबादी में 20 फीसदी से ज्यादा बुजुर्ग होंगे. अभी 10 फीसदी के आसपास हैं.
ये बातें संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में निकलकर सामने आईं हैं. 'इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023' के नाम से आई इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 2050 तक भारत की आबादी में 20.8% हिस्सेदारी बुजुर्गों की होगी. बुजुर्ग यानी जिनकी उम्र 60 साल या उससे ज्यादा होगी. इसका मतलब हुआ कि 2050 तक भारत में हर 100 में से 21 लोग बूढ़े होंगे.
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 2010 के बाद से भारत में बुजुर्गों की आबादी तेजी से बढ़ रही है. इसकी वजह से 15 साल से कम उम्र के लोगों की आबादी में हिस्सेदारी घट रही है और बुजुर्ग बढ़ रहे हैं.
अनुमान तो ये भी लगाया गया है कि आने वाले सालों में भारत में 14 साल तक के बच्चों की आबादी से ज्यादा तो बुजुर्ग होंगे. साथ ही 15 से 59 साल के उम्र के लोगों की संख्या भी घट जाएगी.
2050 तक 35 करोड़ लोग बुजुर्ग होंगे
संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 1961 के बाद से भारत में बुजुर्ग आबादी कम हो रही थी. बुजुर्ग आबादी बढ़ने की रफ्तार 2001 तक धीमी ही रही. पर उसके बाद ये बढ़ने लगी.
2011-2021 के बीच भारत में बुजुर्गों की आबादी 35.5 फीसदी की दर से बढ़ी. लेकिन 2021 से 2031 के बीच ये दर 40 फीसदी से ज्यादा रहने का अनुमान है.
रिपोर्ट के मुताबिक, एक जुलाई 2022 तक देश में बुजुर्गों की आबादी 14.9 करोड़ थी. तब आबादी में बुजुर्गों की हिस्सेदारी 10.5 फीसदी थी. लेकिन 2050 तक भारत में बुजुर्गों की संख्या 34.7 करोड़ होने का अनुमान है. ऐसा हुआ तो उस समय भारत की आबादी में 20.8 फीसदी बुजुर्ग होंगे. जबकि, इस सदी के अंत तक यानी 2100 तक भारत की 36 फीसदी से ज्यादा आबादी बुजुर्ग होगी.
केरल में होंगे सबसे ज्यादा बुजुर्ग
इतना ही नहीं, रिपोर्ट बताती है कि 2021 से 2036 के बीच बुजुर्गों की आबादी और तेजी से बढ़ेगी. बुजुर्गों की आबादी दक्षिण भारत में ज्यादा बढ़ेगी और 2036 तक यहां हर पांच में से एक व्यक्ति बुजुर्ग होगा.
रिपोर्ट के मुताबिक, 2036 तक भारत की आबादी में बुजुर्गों की हिस्सेदारी 15 फीसदी होगी. ज्यादातर दक्षिणी राज्य और पंजाब-हिमाचल जैसे राज्यों की आबादी में बुजुर्गों की आबादी राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है. और 2036 तक ये अंतर और ज्यादा होने का अनुमान है.
केरल और तमिलनाडु ऐसे राज्य हैं, जहां आने वाले सालों में बुजुर्ग तेजी से बढ़ेंगे. 2036 तक केरल की आबादी में बुजुर्गों की हिस्सेदारी 22.8% और तमिलनाडु में 20.8% होगी.
जबकि, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों की आबादी में बुजुर्गों की हिस्सेदारी राष्ट्रीय औसत से कम ही होगी. वो इसलिए क्योंकि यहां फर्टिलिटी रेट ज्यादा है.
चिंता बढ़ाती ये बात!
इस रिपोर्ट में कई ऐसी बातें सामने आई हैं, जो चिंता बढ़ाती हैं. 2022 से 2050 के दौरान भारत की आबादी 18% बढ़ जाएगी. जबकि, बुजुर्गों की आबादी 134% बढ़ने का अनुमान है. वहीं, 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की आबादी 279% तक बढ़ सकती है.
बुजुर्ग बढ़ेंगे तो डिपेंडेंसी रेशियो भी बढ़ेगा. 2021 तक हर 100 कामकाजी लोगों पर 16 बुजुर्ग निर्भर हैं. दक्षिण भारत में ये और ज्यादा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, 1991 में हर एक हजार बुजुर्ग पुरुषों पर 930 बुजुर्ग महिलाएं थीं. लेकिन इसके बाद ये ट्रेंड बदलता गया. 2031 तक हर 951 बुजुर्ग पुरुषों पर 1078 बुजुर्ग महिलाएं होने का अनुमान है.
इसका कारण ये है कि महिलाओं की औसत उम्र पुरुषों से ज्यादा है. अगर कोई पुरुष 60 साल जी लेता है तो वो और 18.3 साल तक जी सकता है. वहीं, अगर महिला 60 साल की उम्र पार कर लेती है तो वो 19 साल और जी सकती है.
रिपोर्ट में चिंता जताई गई है कि चूंकि भारत में महिलाओं की औसत आयु पुरुषों से ज्यादा है, इसलिए आने वाले सालों में विधवा महिलाओं की संख्या ज्यादा होगी. इसलिए सामाजिक-आर्थिक नीतियों पर ध्यान देने की जरूरत है.