
उत्तराखंड सरकार ने राज्य के हर परिवार के लिए 'फैमिली आइडेंटिटी कार्ड' बनाने का फैसला लिया है. इससे हर परिवार का अपना एक अलग पहचान पत्र होगा. इसे लेकर बुधवार को राज्य के मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने बैठक भी की थी. बैठक में मुख्य सचिव ने अधिकारियों को फैमिली आईडी कार्ड पर जल्द से जल्द काम शुरू करने को कहा है.
इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी कुछ दिन पहले अधिकारियों के साथ बैठक की थी. इस बैठक में भी फैमिली आइडेंटिटी कार्ड को लेकर चर्चा हुई थी.
क्या है फैमिली आईडेंटिटी कार्ड?
- फैमिली आइडेंटिटी कार्ड यानी हर परिवार का अपना पहचान पत्र. ये समझ लीजिए कि ये ठीक वैसे ही होगा जैसा आधार कार्ड है. आधार कार्ड में हर व्यक्ति का अपना डेटा होता है, लेकिन परिवार पहचान पत्र में परिवार के हर सदस्य का डेटा होगा.
- हरियाणा में भी काफी पहले से ऐसा कार्ड हर परिवार को जारी किया जाता है. इस कार्ड में परिवार के हर सदस्य की जानकारी होती है. हरियाणा में हर परिवार को 8 डिजिट का यूनिक नंबर दिया जाता है.
- फैमिली डेटा का ऑटोमैटिक अपडेशन हो सके, इसके लिए फैमिली आईडी को बर्थ, डेथ और मैरिज रिकॉर्ड से जोड़ा जाता है.
पर ये होगा कैसे?
- बुधवार को उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधु ने फैमिली आईडी कार्ड को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की थी. इस बैठक में नियोजन विभाग के अपर सचिव रोहित मीणा ने प्रेजेंटेशन दिया था.
- इसके बाद मुख्य सचिव एसएस संधु ने सभी अधिकारियों से कहा कि किस विभाग से कौन सा डेटा चाहिए, दो-तीन दिन में इसका फॉर्मेट तैयार कर लिया जाए. और सभी विभागों से मिले डेटा को जोड़ा जाए.
- उन्होंने ये भी कहा कि ब्लॉक स्तर का डेटा भी आ जाए, इसके लिए भी अलग से पोर्टल बनाया जाए. इसके लिए अलग से डेडिकेटेड सेल भी बनाई जाए. इसके अलावा डेटा में कोई गलती न हो, इसलिए मॉनिटरिंग होती रहे.
लेकिन इससे फायदा क्या?
- इससे न सिर्फ आपको बल्कि सरकार को भी फायदा होगा. आपको क्या फायदा होगा? तो आपको सारी सरकारी योजनाओं का फायदा मिल सकेगा, अगर आप उसके लिए एलिजिबल हैं तो.
- एक बार फैमिली आईडी कार्ड बनने के बाद आपको हर बार अलग-अलग योजनाओं का लाभ लेने के लिए अप्लाई नहीं करना पड़ेगा और न ही कोई दस्तावेज जमा कराने होंगे.
- इतना ही नहीं, इस कार्ड में परिवार की हर जानकारी होगी. इससे आपको जाति, आय, निवास या दिव्यांग आईडी कार्ड अलग से बनाने की जरूरत नहीं होगी.
- वहीं, सरकार को ये फायदा होगा कि उसके करोड़ों रुपये बचेंगे. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सितंबर में बताया था कि फैमिली आईडी और आधार कार्ड की वजह से सरकार के 1200 करोड़ रुपये बचे हैं.
(इनपुटः अंकित कुमार)