Advertisement

किसानों का 'दिल्ली चलो मार्च'... राजधानी में महीनेभर तक धारा 144 लागू, पढ़ें क्या-क्या पाबंदियां रहेंगी?

किसानों का मंगलवार से दिल्ली चलो मार्च शुरू होने जा रहा है. देश के अलग-अलग हिस्सों से 200 से ज्यादा किसान संगठनों के इसमें शामिल होने का दावा किया जा रहा है. इसके चलते राजधानी में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. साथ ही एक महीने तक धारा-144 भी लागू कर दी गई है.

किसानों के प्रदर्शन के चलते दिल्ली की बॉर्डर सील कर दी गई है. किसानों के प्रदर्शन के चलते दिल्ली की बॉर्डर सील कर दी गई है.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 11:21 PM IST

किसान एक बार फिर बड़ा आंदोलन करने के मूड में हैं. दो बड़े संगठन- संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने 13 फरवरी को 'दिल्ली चलो' का नारा दिया है. इनका दावा है कि 200 से ज्यादा किसान संगठन इसमें हिस्सा लेंगे.

एमएसपी (मिनिमम सपोर्ट प्राइस) की कानूनी गारंटी समेत कई मांगों को लेकर किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं. इनका मकसद संसद भवन का घेराव कर सरकार पर अपनी मांगें मनवाने का दबाव बनाना है.

Advertisement

किसानों को दिल्ली आने से रोकने की तैयारी भी हो चुकी है. दिल्ली की तीनों सीमाएं- सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर को सील कर दिया गया है. ड्रोन से निगरानी की जा रही है. 

इतना ही नहीं, पूरी दिल्ली में धारा-144 भी लगा दी गई है. 12 फरवरी से 12 मार्च तक धारा-144 लागू रहेगी. पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इस दौरान लोगों के एकजुट होने, रैलियां करने और लोगों को लाने-ले जाने वाली ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर रोक रहेगी.

क्यों लगाई धारा-144?

धारा-144 समाज में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए लगाई जाती है. इस दौरान इलाके में चार या उससे ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकते. 

दिल्ली पुलिस की ओर से जारी आदेश में बताया गया है कि किसानों के दिल्ली चलो मार्च के कारण तनाव, उपद्रव, अशांति और हिंसा फैलने का खतरा है. इसलिए सार्वजनिक सुरक्षा, शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियात कदम उठाना जरूरी है. 

Advertisement

दिल्ली पुलिस का ये भी कहना है कि किसानों के इस प्रदर्शन के लिए अनुमति नहीं दी गई है. 

क्या-क्या लग गईं हैं पाबंदियां?

आदेश के मुताबिक, राजधानी दिल्ली के भीतर किसी भी रैली या जुलूस की अनुमति नहीं होगी और न ही सड़कों या रास्तों को ब्लॉक करने की अनुमति दी जाएगी. इसके अलावा, दिल्ली की बॉर्डर को पार करने की कोशिश करने वालीं ट्रैक्टर रैलियों पर भी प्रतिबंध रहेगा.

आदेश में लिखा गया है कि लोगों के इकट्ठा होने, सड़कों को ब्लॉक करने, रैली या पब्लिक मीटिंग करने पर प्रतिबंध रहेगा. किसी भी तरह के विस्फोटक, एसिड, पेट्रोल, सोडा वॉटर बोतल या ऐसी कोई भी चीज इकट्ठा करने या ले जाने पर भी रोक रहेगी, जिसका इस्तेमाल खतरा पैदा करने के लिए किया जा सकता है.

उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली से आने-जाने वालीं गाड़ियों की भी सख्त चेकिंग की जाएगी. इसके अलावा बोलकर, लिखकर या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से उत्तेजित नारे या मैसेज का प्रसार करना भी गैरकानूनी माना जाएगा.

इन सबके अलावा, किसी भी प्राइवेट व्हीकल या बिल्डिंग या पब्लिक एरिया में किसी भी एम्प्लीफायर या लाउडस्पीकर का इस्तेमाल तब तक प्रतिबंधित रहेगा, जब तक इसके लिए पहले से अनुमति न ली गई हो.

शादी समारोह के लिए भी अनुमति लेनी होगी

Advertisement

पुलिस की ओर से जारी आदेश में बताया गया है कि धारा-144 लगी होने के दौरान सरकारी कार्यक्रमों और मीटिंग्स पर प्रतिबंध नहीं होगा. 

इस आदेश में ये भी बताया गया है कि धार्मिक कार्यक्रम, शादी समारोह और अंतिम संस्कार के जुलूसों को तभी अनुमति दी जाएगी, जब अधिकारियों से इसकी अनुमति मांगी गई हो.

नियम तोड़े तो क्या?

अगर कोई भी व्यक्ति धारा-144 का उल्लंघन करने का दोषी पाया जाता है, तो उसे आईपीसी की धारा-188 के तहत सजा दी जाएगी. धारा-188 के तहत, दोषी पाए जाने पर एक महीने से लेकर छह महीने तक की जेल और 200 रुपये से लेकर 2 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement