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अमेरिका से 31 ड्रोन तो ब्रिटेन से मुक्त व्यापार की चर्चा, G-20 समिट से भारत को क्या-क्या मिला?

दो दिन तक नई दिल्ली के भारत मंडपम में दुनिया के ताकतवर देशों की चली G-20 समिट रविवार को खत्म हो गई. G-20 समिट से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 देशों के राष्ट्रप्रमुखों से द्वीपक्षीय बातचीत भी की. ऐसे में जानते हैं कि G-20 समिट से इतर भारत को क्या-क्या मिला?

G-20 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फाइल फोटो-PTI) G-20 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फाइल फोटो-PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:52 PM IST

दुनिया के सबसे ताकतवर देशों की G-20 समिट का रविवार को समापन हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील को इसकी अध्यक्षता सौंप दी. नवंबर से ब्राजील के पास औपचारिक रूप से G-20 की अध्यक्षता चली जाएगी. 

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन समेत दुनियाभर के नेताओं ने भारत की मेजबानी की सराहना की. इस समिट में कुल तीन सत्र हुए. पहले दिन यानी 9 सितंबर को वन अर्थ और वन फैमिली और दूसरे दिन वन फ्यूचर का सत्र हुआ.

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आखिरी सत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार पर जोर दिया. उन्होंने कहा, जब संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 51 सदस्यों के साथ हुई थी, तब दुनिया बिल्कुल अलग थी, लेकिन अब ये संख्या करीब 200 हो गई है. उसके बावजदू संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यों की संख्या वही बनी हुई है. 

पहले ही दिन डिक्लेरेशन पर बनी सहमति

भारत की अध्यक्षता में पहली बार हुई G-20 समिट में पहले ही दिन 'डिक्लेरेशन' यानी घोषणापत्र पर आम सहमति बन गई. प्रधानमंत्री मोदी ने इसके 'एडॉप्ट' होने का ऐलान किया था.

ये घोषणापत्र 37 पन्नों का है. इस घोषणापत्र के सभी पैरा पर आम सहमति बना पाना सबसे मुश्किल पड़ाव होता है. लेकिन इस बार सभी पैरा पर सहमति बन गई.

इस घोषणापत्र में चार बार 'यूक्रेन' का जिक्र हुआ है. साथ ही इसमें ये भी कहा गया है कि ये समय युद्ध का नहीं है. घोषणा पत्र में रूस का नाम नहीं है. पर इसमें कहा गया है कि परमाणु हथियारों का इस्तेमाल या इसकी धमकी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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इस घोषणापत्र को भारत की बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है. क्योंकि पिछले साल बाली में हुई समिट में सभी पैरा पर आम सहमति नहीं बन पाई थी. इतना ही नहीं, भारत ने यूक्रेन का जिक्र भी कर दिया और इस पर रूस और चीन ने भी साथ दिया.

भारत की अध्यक्षता में अफ्रीकी यूनियन जी-20 का स्थायी सदस्य बना. (फाइल फोटो-PTI)

अमेरिका के साथ हुए अहम समझौते

समिट से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 देशों के राष्ट्रप्रमुखों के साथ द्विपक्षीय बातचीत की. समिट से पहले ही पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन में मुलाकात हुई.

बाइडेन दिल्ली एयरपोर्ट पर आने के बाद सीधे प्रधानमंत्री आवास पहुंचे थे. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच 52 मिनट तक बातचीत हुई थी.

बाइडेन ने 31 एटॉमिक्स MQ-9B एयरक्राफ्ट देने पर सहमति जताई. ये एक तरह का ड्रोन है, जिससे खुफिया जानकारी जुटाई जा सकती है. इनमें से 16 हवाई और 15 समुद्री ड्रोन होंगे.

इसके अलावा अमेरिका, भारत में माइक्रोचिप टेक्नोलॉजी में 30 करोड़ डॉलर का निवेश भी करेगा. साथ ही 40 करोड़ डॉलर का निवेश एडवांस्ड माइक्रो डिवाइस इंडस्ट्री में किया जाएगा.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और पीएम मोदी. (फाइल फोटो-PTI)

ब्रिटेन के साथ फ्री-ट्रेड डील पर बात आगे बढ़ी

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G-20 समिट के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक के साथ द्विपक्षीय बातचीत की. अक्टूबर 2022 में प्रधानमंत्री बनने के बाद सुनक की ये पहली भारत यात्रा है.

दोनों नेताओं के बीच इस दौरान फ्री-ट्रेड डील को लेकर भी बातचीत हुई. दोनों ने उम्मीद जताई कि बाकी मुद्दों को भी जल्दी सुलझा लिया जाएगा ताकि फ्री-ट्रेड डील जल्द से जल्द पूरी हो सके.

— Narendra Modi (@narendramodi) September 9, 2023

मोदी ने की मैक्रों से मुलाकात

रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से भी मुलाकात की. इस दौरान मैक्रों ने कहा कि भारत को न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप की सदस्यता मिलनी चाहिए. 

भारत और फ्रांस ने रक्षा औद्योगिक रूपरेखा को जल्द अंतिम रूप देने का आह्वान किया है. दोनों देशों के बीच जैतापुर परमाणु संयंत्र पर भी चर्चा हुई.

इस मुलाकात के बाद फ्रांसिसी राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि आने वाले महीनों और सालों में कई अहम समझौते होंगे. हथियारों और रक्षा उपकरणों की खरीद भी होगी.

Met PM @JustinTrudeau on the sidelines of the G20 Summit. We discussed the full range of India-Canada ties across different sectors. pic.twitter.com/iP9fsILWac

— Narendra Modi (@narendramodi) September 10, 2023

कनाडाई पीएम से खलिस्तानियों पर एक्शन को कहा

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रविवार को ही प्रधानमंत्री मोदी और कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के बीच बातचीत हुई. इस दौरान पीएम मोदी ने ट्रूडो के सामने खलिस्तान का मुद्दा भी उठाया.

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, पीएम मोदी ने कनाडा में चरमपंथी तत्वों की ओर से जारी एंटी-इंडिया एक्टिविटी के बारे भारत की चिंताओं के बारे में बताया. 

पीएम मोदी ने कहा कि चरमपंथी अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे हैं, भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़का रहे हैं, राजनयिक परिसरों को निशाना बना रहे हैं और कनाडा में भारतीय समुदाय और उनके धार्मिक स्थलों पर हमले कर रहे हैं. ये सब कनाडा के लिए भी चिंता का विषय होना चाहिए.

I had excellent meeting with PM @GiorgiaMeloni. Our talks covered sectors such as trade, commerce, defence, emerging technologies and more. India and Italy will keep working together for global prosperity. pic.twitter.com/mBtyczMjB0

— Narendra Modi (@narendramodi) September 9, 2023

और किस-किससे की मुलाकात?

प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनौथ के साथ द्विपक्षीय बातचीत की.

शनिवार को पीएम मोदी ने ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक, जापान के पीएम फुमियो किशिदा, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से मुलाकात की.

रविवार को उन्होंने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डि सिल्वा, तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज, यूरोपियन काउंसिल के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल, यूरोपियन आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन, कोमोरोस के राष्ट्रपति अजाली असौमानी, साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल, नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला अहमद तिनुबु, नीदरलैंड्स के प्रधानमंत्री मार्क रूट और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से बात की.

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