
ऑनलाइन गेम के जरिए बच्चों का धर्मांतरण करवाने वाले रैकेट में शामिल शाहनवाज खान उर्फ बद्दो पकड़ा गया है. उसे महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले से रविवार को गिरफ्तार किया गया है. शाहनवाज खान को ही इस रैकेट का मास्टरमाइंड माना जा रहा है.
यूपी पुलिस काफी दिनों से शाहनवाज की तलाश कर रही थी. शाहनवाज को मुंब्रा पुलिस और गाजियाबाद पुलिस ने मिलकर अलीबाग के एक लॉज से गिरफ्तार किया है.
इससे पहले धर्मांतरण रैकेट से ही जुड़े गाजियाबाद की एक मस्जिद के मौलवी अब्दुल रहमान को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. पुलिस से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि पूछताछ में अब्दुल रहमान ने बच्चों के धर्मांतरण की बात कबूल की है.
शाहनवाज धर्मांतरण का ये रैकेट कैसे चला रहा था? ऑनलाइन गेम के जरिए बच्चों को कैसे हिंदू से मुस्लिम बनाया जा रहा था? ये पूरा मामला क्या है? समझते हैं...
कैसे हुआ इसका भंडाफोड़?
- इस पूरे मामले का भंडाफोड़ तब हुआ, जब एक हिंदू परिवार ने अपने बच्चे के धर्मांतरण की शिकायत पुलिस से की.
- परिवार को बच्चा नमाज पढ़ते मिला था. बच्चे ने कहा कि घर से निकालोगे तो मस्जिद में रह लूंगा. उसकी बातें सुनकर परिवार पुलिस के पास पहुंचा.
- गाजियाबाद के कविनगर थाने में दर्ज शिकायत में शख्स ने मौलवी अब्दुल रहमान और शाहनवाज उर्फ बद्दो पर अपने बेटे का जबरन धर्मांतरण करवाने का आरोप लगाया था.
- आरोप है कि उनका बेटा ऑनलाइन गेम के जरिए मुंबई के रहने वाले बद्दो के संपर्क में आया था. इसके बाद उनके बेटे का इस्लाम की तरफ झुकाव बढ़ने लगा. उनके बेटे ने उन्हें बताया कि बद्दो के कहने पर उसने इस्लाम कबूल कर लिया है.
कैसे पकड़ा गया शाहनवाज?
- इस मामले में परिवार ने 31 मई को पुलिस में केस दर्ज करवाया था. कुछ दिन में ही मौलवी अब्दुल रहमान को गिरफ्तार कर लिया गया था. अब्दुल रहमान संजय नजर की एक मस्जिद में मौलवी है.
- लेकिन शाहनवाज उर्फ बद्दो को पुलिस ढूंढ रही थी. शाहनवाज बार-बार अपनी लोकेशन बदल रहा था. 23 साल के शाहनवाज पर यूपी के धर्मांतरण रोधी कानून के तहत केस दर्ज है.
- पुलिस सूत्रों ने बताया कि गाजियाबाद में केस दर्ज होते ही शाहनवाज खान अपने दो भाइयों और मां मुमताज खान के साथ सोलापुर छोड़कर कहीं चला गया था.
- सोलापुर पहुंचने के बाद शाहनवाज और उसका एक भाई दूसरी जगह चला गया. पूछताछ में मुमताज ने बताया कि उसका एक बेटा दिल्ली चला गया था, जबकि दूसरे का फोन ऑफ है.
- मां और रिश्तेदारों से पूछताछ और उनकी कॉल डिटेल की बारीकी से जानकारी के बाद पता चला कि शाहनवाज मुंबई के वर्ली में कहीं पहुंचा है.
- पुलिस जब वर्ली पहुंची तो वो वहां से भाग गया और अलीबाग के एक लॉज में छिप गया. लॉज की चेकिंग करने के बाद शाहनवाज को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया.
कैसे चलता था ये सारा खेल?
- बहला-फुसलाकर बच्चों का धर्मांतरण करने का ये सारा खेल तीन स्टेप में होता था. पहली स्टेप थी- बच्चों के साथ ऑनलाइन गेम खेलना. दूसरी स्टेप में बच्चों से ऐप के जरिए चैटिंग करना और इस्लाम के फायदे बताना.
- पहली स्टेप में होता ये था कि शॉर्ट हैंडलर हिंदू नामों से आईडी बनाते थे. फिर हिंदू बच्चों को 'Fortnite' खेलने के लिए उकसाते थे. असली खेल तब शुरू होता था जब बच्चा गेम हार जाता.
- बच्चे को कहा जाता कि वो कुरान की आयत पढ़े तो जीत जाएगा. बच्चा आयत पढ़कर गेम खेलता तो साजिश के तहत उसे जितवा दिया जाता. इस तरह बच्चे का मुस्लिम धर्म की तरफ झुकाव बढ़ जाता.
- इसके बाद दूसरी स्टेप शुरू होती. बच्चे से 'Discord' ऐप के जरिए चैटिंग की जाती. बच्चे का भरोसा जीता और उसको इस्लाम की जानकारी दी जाती. धीरे-धीरे बच्चे को जाकिर नाईक और तारिक जमील के वीडियो दिखाए जाते. उन्हें इस्लाम कबूलने के लिए बहकाया जाता.
- जब बच्चे का इस्लाम की तरफ झुकाव बढ़ जाता और वो मुस्लिम बनने को तैयार हो जाता, तो आखिरी में उससे एक एफिडेविट बनवाया जाता. इस एफिडेविट में बच्चे से लिखवाया जाता था कि वो अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल कर रहा है.
शाहनवाज का क्या था रोल?
- शाहनवाज को ही इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड माना जा रहा है. शाहनवाज ऑनलाइन गेम के जरिए बच्चों से दोस्ती करता था, फिर चैटिंग कर उन्हें इस्लाम के फायदे बताता था और बहला-फुसलाकर धर्मांतरण कर देता था.
- पूछताछ में शाहनवाज ने बताया कि साल 2021 में Fortnite गेम के जरिए वो उसके (गाजियाबाद के पीड़ित बच्चे) संपर्क में आया था. यहीं दोनों की जान-पहचान हुई थी.
- जान-पहचान होने के बाद दोनों ने Discord मैसेजिंग ऐप के जरिए चैटिंग करनी शुरू की. इसके बाद दोनों ने Fortnite खेलना बंद कर दिया.
- पूछताछ में उसने बताया है कि 2021 के दिसंबर में दोनों ने फिर Volarent गेम खेलना शुरू किया. गेम खेलते-खेलते ICE BOX के टारगेट पर पहुंचे और यहीं पर धर्मांतरण की बात हुई.
मौलवी ने क्या बताया?
- इस मामले में चार दिन पहले पुलिस ने गाजियाबाद में संजय नगर की एक मस्जिद के मौलवी को गिरफ्तार किया है. मौलवी का नाम अब्दुल रहमान है.
- बताया जा रहा है कि पुलिस पूछताछ में मौलवी ने नाबालिग लड़कों के रेडिकलाइजेशन की बात कबूल की है. उसने खुलासा किया है कि वो गैर-मुस्लिम लड़कों को इस्लाम के बारे में जानकारी देता था.
- अब्दुल ने बताया कि एक साल पहले इलाके के दो लड़कों से उसकी जान-पहचान हुई थी. दोनों लड़के उसकी बात से प्रभावित हो गए थे और मस्जिद में नमाज पढ़ने लगे थे.
पूरा प्लान क्या था?
- आशंका जताई जा रही है कि ऑनलाइन गेमिंग के जरिए देशभर में 300 से 400 बच्चों को निशाना बनाया गया है.
- पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपी शाहनवाज धर्मांतरण के बाद बच्चों को दुबई के जरिए ले जाने की फिराक में था. पुलिस को मिली ग्रुप चैट से खुलासा हुआ है कि वो उन्हें फ्री में हवाई सफर से दुबई ले जाने वाला था.
- पुलिस अब इस बात की जांच भी कर रही है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि दुबई ले जाने का लालच देकर शाहनवाज नाबालिग बच्चों के कुछ और दोस्तों के धर्म परिवर्तन की साजिश तो नहीं रच रहा था?