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अमेरिका में मिली वो नदी, जिसके बाद दुनियाभर की नदियों में मिलने लगा गोल्ड?

जनवरी 1848 की बात है, जब जेम्स विल्सन नाम के एक शख्स को एक नदी किनारे सोने के टुकड़े मिले. इसके तुरंत बाद से कैलिफोर्निया की सैक्रामेंटो नदी किनारे लगातार गोल्ड मिलने लगा. कुछ ही दिनों में बेहद छोटी आबादी वाले इस इलाके में पूरे अमेरिका की भीड़ जमा हो गई. ये गोल्ड रश था, जिसके बाद बहुत कुछ बदला.

सैक्रामेंटो नदी किनारे सोना मिलने के बाद वहां हर तरफ से लोग आने लगे. (Photo- Unsplash) सैक्रामेंटो नदी किनारे सोना मिलने के बाद वहां हर तरफ से लोग आने लगे. (Photo- Unsplash)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 12:38 PM IST

दुनियाभर में बहुत सी नदियां हैं, जिनके किनारे पर सोने के कण मिलते रहे. इसी खूबी की वजह से कई नदियों के किनारे पूरा का पूरा शहर बस गया. इसकी शुरुआत कैलिफोर्निया से हुई थी, जब सैक्रामेंटो नदी के किनारे बालू में सोने के टुकड़े मिलने लगे. ये खबर जंगल में आग की तरह फैल गई, जिसके बाद लाखों लोग कैलिफोर्निया पहुंचने लगे. इसके बाद दुनिया के कई हिस्सों में गोल्ड रश दिखने लगा. 

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24 जनवरी 1848 को जेम्स विल्सन मार्शल नदी किनारे एक मिल में लकड़ी का काम कर रहे थे, जब उन्हें सोने के कई टुकड़े मिले. उन्होंने तुरंत मिल मालिक, जो कि एक स्विस नागरिक था, को खबर दी. जांच-पड़ताल पर टुकड़ों के सोना होने की तस्दीक हो गई. दोनों ने इस बात को गुप्त रखने की भरसक कोशिश की लेकिन खबर लीक हो ही गई. इसके बाद जैसे भूचाल आ गया. कैलिफोर्निया में तब छह हजार लोग थे. इसके अलावा केवल सात सौ विदेशी थे. लेकिन सोने का पता लगने के बाद आबादी एकदम से बदली. 

इसकी शुरुआत सैन फ्रांसिस्को में एक घटना के साथ हुई. वहां का एक दुकानदार खबर का पता लगाने के लिए नदी किनारे गया और उसे भी गोल्ड मिल गया. ये पता लगते ही पूरा का पूरा सैन फ्रांसिस्को खाली हो गया. सारे दुकानदारों से लेकर बड़े व्यापारी वहां पहुंच चुके थे. द हिस्ट्री की एक रिपोर्ट कहती है कि उसी साल जून में शहर की तीन-चौथाई आबादी गायब हो चुकी थी. सब सोने की खोज में नदी किनारे बस चुके थे. यही गोल्ड रश था. 

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लेकिन क्या इस सोने ने सबको अमीर बना दिया? नहीं. लेकिन एक नई चीज हुई. दरअसल हुआ ये कि साल 1849 में अमेरिका की बड़ी पुरुष आबादी लोगों से कर्ज ले चुकी थी, या फिर अपने घर या जमीन को गिरवी रखकर जा चुकी थी. इसके बाद परिवार को पालने का सारा जिम्मा महिलाओं पर आ चुका था. वे घर से बाहर काम करने लगीं. बिजनेस संभालने लगीं. इस तरह से अमेरिका में पहली बार महिलाओं का दायरा बढ़ा. 

इस गोल्ड रश में खनन के जरिए साढ़े सात लाख पाउंड से ज्यादा सोना निकाला गया. लेकिन तब तक सतह के ऊपर-ऊपर मिलने वाला सोना खत्म हो चुका था. इसी दौर में हाइड्रोलिक माइनिंग शुरू हुई. इससे और भी गोल्ड निकाला जा सका. धीरे-धीरे सोना खत्म हो रहा था लेकिन खुदाइयां चल रही थीं. इसके खतरों को देखते हुए कोर्ट ने हाइड्रोलिक माइनिंग पर रोक लगा दी और कैलिफोर्निया में खेती-किसानी कराई जाने लगी. अब इसके बड़े हिस्से में हिस्टोरिक पार्क बनाए जा चुके हैं, जो आने वालों को गोल्ड रश की कहानी सुनाते हैं. 

गोल्ड रश कैलीफोर्नियन नदी किनारे नहीं खत्म हुआ, बल्कि फिर दुनिया के कई देशों में नदियों किनारे सोना मिलने लगा. ये भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं का नतीजा था, जो हो तो पहले से रहा था लेकिन कैलीफोर्निया के बाद इसपर सबका ध्यान गया. 

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क्यों मिलता है नदी में सोना
- पहाड़ों में सोने के अंश पहले से होते हैं. मौसम में बदलाव के साथ पहाड़ टूटते हैं तब उनमें मौजूद ये सोना छोटे-छोटे कणों में टूट जाता है. 
- पहाड़ी नदियों से होते हुए सोने के कण नीचे पहुंच जाते हैं और भारी कण नीचे बैठने लगते हैं. इस प्रोसेस को सेडिमेंटेशन कहते हैं. 
- अक्सर नदियों की मिट्टी और रेत भी फिल्टर का काम करती है, जिससे गोल्ड पार्टिकल्स नदी के अलग-अलग किनारों पर पहुंच जाते हैं. 

देश में किन नदियों में मिलता है सोना?
हमारे यहां भी कुछ नदियों में सोना मिलता है, खासकर कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और झारखंड में. कर्नाटक की कोलार नदी के आसपास सोने की खानें हैं. झारखंड की सुवर्णरेखा नदी का नाम ही सोने पर रखा हुआ है. यहां इसके अलावा दूसरे मिनरल्स जैसे यूरेनियम और क्रोमियम भी मिलते हैं. पश्चिम बंगाल और झारखंड के बीच फैली दामोदर नदी में भी सोने के कण मिलते रहे. 

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