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हानिया की मौत के बाद ये नेता संभाल सकता है Hamas की कमान, इजरायल की मोस्ट-वॉन्टेड लिस्ट में, माना जाता है 7 अक्टूबर हमले का मास्टरमाइंड

ईरान की राजधानी तेहरान में इस्माइल हानिया की हत्या के बाद से बवाल मचा हुआ है. अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसके बाद पूरा का पूरा मिडिल ईस्ट यहूदी देश इजरायल के खिलाफ आ सकता है. हानिया हमास का सबसे कद्दावर चेहरा थे. तो क्या उनकी मौत के बाद फिलिस्तीन के इस आतंकी गुट के पास कोई रिप्लेसमेंट नहीं बचा?

याह्या सिनवार हमास में काफी मजबूत छवि रखते हैं. (Photo- Getty Images) याह्या सिनवार हमास में काफी मजबूत छवि रखते हैं. (Photo- Getty Images)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 11:16 AM IST

लगभग 10 महीनों से चला आ रहा हमास-इजरायल युद्ध अब नए मोड़ पर खड़ा है. इजरायल ने दो रोज पहले ही आतंकी गुट हमास के सुप्रीम लीडर की हत्या कर दी. मामला इसलिए भी तूल पकड़ रहा है क्योंकि हत्या की जगह ईरान थी. ये वही देश है जो खुद हमास का बढ़ावा देता रहा. अब ईरान समेत लेबनान और लगभग पूरा मध्यपूर्व इजरायल पर भड़का हुआ है. लेकिन सबसे पहली जरूरत हमास में एक नेता की है, जो खाली स्थान को भर सके. 

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इस वजह से थी हानिया की पूछ

वैसे तो हमास के कई सारे लीडर गाजा पट्टी में मारे जा चुके लेकिन इस्माइल हानिया की हत्या गुट के लिए बड़ा लॉस है. ये बाकी खूंखार नेताओं की तुलना में मॉडरेट चेहरा था, जो दुनिया से सीधा संवाद करता था. हानिया को कूटनीति का जानकार माना जाता था, जो जानता था कि कब तार खींचने और कब ढीले छोड़ने हैं. हाल में तेहरान में हुई उनकी हत्या के बाद चर्चा हो रही है कि हमास की कमान अब किसके हाथ में होगी!

इनमें  एक है याह्या सिनवार

यह वो नेता है, जिसने साल 1980 में हमास की नींव रखने में मदद की थी. बता दें कि इस समय फिलिस्तीन में इजरायल के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा था और इसे एक चेहरा देने के लिए हमास की स्थापना हुई थी. सिनवार को इजरायली सेना ने कई बार गिरफ्तार किया. यहां तक कि उन्होंने 2 दशक से ज्यादा समय इजरायल की जेल में बिताया. साल 2011 में कैदियों की अदलाबदली के दौरान हमास ने सिनवार को वापस लौटाने की मांग थी, जिसे मजबूरी में इजरायल को मानना पड़ा. 

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सिनवार की जानकारी देने वाले को 4 लाख डॉलर का इनाम

फिलहाल की बात करें तो इजरायली अधिकारियों का मानना है कि सिनवार भी 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमले के मास्टरमाइंड्स में से है. उनके अलावा मोहम्मद दईफ, जो कि गाजा में मिलिट्री विंग के कमांडर हैं, ने अक्टूबर में ये हमला प्लान किया था, जिसमें हजारों निर्दोष इजरायली मारे गए और 2 सौ से ज्यादा को बंधक बना लिया गया. इजरायली सेना ने इसके तुरंत बाद गाजा में पर्चियां फेंकी, जिसमें सिनवार की सूचना देने वाले को 4 लाख डॉलर देने का वादा था. इसके बाद भी गाजा में बदहाली से जूझते लोगों ने अपने नेता की कोई जानकारी नहीं दी. 

कथित तौर पर सिनवार इसके बाद से ही गाजा के सघन टनल नेटवर्क में छिपा हुआ है और भीतर से ही हमास की गतिविधियों को कंट्रोल कर रहा है. 

सिनवार की बर्बरता का अनुमान इस बात से लगा सकते हैं कि इजरायली कैद के दौरान उसने कुबूला था कि वो हर उस फिलिस्तीनी की हत्या कर देता था, जिसके बारे में उसे शक था कि वो इजरायल के लिए सॉफ्ट कॉर्नर रखता है. ये हत्या भी शूट करके नहीं, बल्कि उस्तरे से गला काटकर होती थी. 

इसके बाद नाम आ रहा है खालिद मेशाल का

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हमास के लड़ाकों के बीच ये भी एक मजबूत चेहरा है, जिसे मरे हुए लीडर के रिप्लेसमेंट की तरह देखा जा रहा है. 

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वेस्ट बैंक में जन्मे मेशाल हमास के राजनैतिक लीडर हैं, जिनपर इजरायल हमेशा से नाराज रहा. यहां तक कि जॉर्डन में उन्हें एक इजरायली एजेंट ने स्लो पॉइजन तक दे दिया था, जिससे वे कोमा में चले गए थे. बाद में एक डील के तहत इजरायल ने ही एंटीडोट देकर उनकी जान बचाई. 

सुसाइड बॉम्बिंग की शुरुआत की

15 साल की उम्र में मुस्लिम ब्रदरहुड में शामिल हुए खालिद मेशाल ने अपना ज्यादातर समय फिलिस्तीन से बाहर मिडिल ईस्ट में बिताया. मेशाल को सुसाइड बॉम्बिंग का मास्टर भी माना जाता रहा. नब्बे के दशक में हमास के बनने के बाद सुसाइड बॉम्बिंग की शुरुआत इसी शख्स ने की थी. हानिया के सर्वोच्च नेता चुने जाने से ऐन पहले तक मेशान और उनके बीच कांटे की टक्कर रही. 

हानिया का हत्या के बाद एक कयास ये भी लग रहा है कि तेहरान में हुई इस मौत में कहीं न कहीं सिनवार की भी मिलीभगत रही होगी. असल में हानिया चूंकि हमास का डिप्लोमेटिक चेहरा था, लिहाजा गाजा में ग्राउंड ऑपरेशन हेड होने के बाद भी सिनवार को उसकी बात माननी पड़ रही थी. 

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