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Hamas vs Hezbollah: हमास से भी खतरनाक है हिजबुल्लाह... पढ़ें- इजरायल के लिए नया खतरा बने आतंकी संगठन की क्राइम कुंडली

Hamas vs Hezbollah: इजरायल के खिलाफ हमास और हिजबुल्लाह एक हो गए हैं. हमास के हमलों के बाद हिजबुल्लाह ने भी इजरायल पर हमले शुरू कर दिए हैं. हमास फिलिस्तीन का तो हिजबुल्लाह लेबनान का आतंकी संगठन है. पढ़ें- दोनों में कौन कितना खतरनाक है?

इजरायल के खिलाफ हमास और हिजबुल्लाह लड़ रहे हैं. इजरायल के खिलाफ हमास और हिजबुल्लाह लड़ रहे हैं.
अभिषेक भल्ला
  • नई दिल्ली,
  • 13 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 7:59 AM IST

Hamas vs Hezbollah: हमास के बाद हिजबुल्लाह ने भी इजरायल पर हमला कर दिया है. हमास फिलिस्तीन तो हिजबुल्लाह लेबनान का आतंकी संगठन है. इसके बाद मध्य पूर्व में एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है.

हिजबुल्लाह और हमास मध्य पूर्व के दो ताकतवर संगठन हैं, जो फिलिस्तीन की आजादी के लिए इजरायल से लड़ रहे हैं. दोनों के मकसद भले ही एक हों लेकिन जमीनी रणनीति और सैन्य क्षमताएं अलग-अलग हैं.

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हमास एक सुन्नी संगठन है तो हिजबुल्लाह शिया है. हिजबुल्लाह 1980 के दशक में उभरा था. जबकि, हमास की नींव 1920 में पड़ गई थी, लेकिन इसका गठन 1987 में हुआ था. 

एक ओर हिजबुल्लाह लेबनान में राजनीतिक और सैन्य संगठन के तौर पर काम करता है. उसके नीता लेबनान में राजनीतिक फैसलों के साथ-साथ सैन्य गतिविधियों में भी शामिल रहते हैं. हिजबुल्लाह सीक्रेट तरीके से काम करता है, जिससे उसके आंतरिक कामकाज के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी मिल पाना मुश्किल होता है.

हमास और हिजबुल्ला, दोनों ही संगठनों का एक ही मकसद है और वो है- इजरायल का विनाश. हमास और हिजबुल्लाह, दोनों को ही अमेरिका ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है.

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हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह और हमास नेता इस्माइल हानियेह.

हिजबुल्लाह के नेता कौन-कौन?

1. हसन नसरल्लसाह

1992 से हसन नसरलल्लाह हिजबुल्ला का महासचिव है. नसरल्लाह को उसके समर्थक करिश्माई व्यक्ति माना जाता है. नसरल्लाह की अगुवाई में ही हिजबुल्लाह ने इजरायल में कई बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया है. 63 वर्षीय नसरल्लाह अब लेबनान का बड़ा राजनेता भी है. पूर्वी बेरूत में पला-बढ़ा नसरल्लाह ने कम उम्र में ही इस्लाम की बारीकी से पढ़ाई शुरू कर दी थी.

शेख नईम कासिम.

2. शेख नईम कासिम

कासिम हिजबुल्लाह का डिप्टी सेक्रेटरी जनरल है. उसे हिजबुल्लाह का दूसरा कमांडर माना जाता है. कासिम उन लोगों में है जिसने 1980 के दशक में पार्टी की स्थापना की थी और 1992 से सेकंड-इन-कमांड है. कासिम कश्मीरी आतंकवादियों का समर्थन भी कर चुका है.

3. हाशिम साफी अल-दीन

अल-दीन हिजबुल्ला की एक्जीक्यूटिव काउंसिल का प्रमुख है. अल-दीन ने हाल ही में अमेरिका और इजरायल को चेतावनी दी थी. नसरल्लाह के बाद अल-दीन को हिजबुल्लाह की कमान सौंपी जा सकती है. एक्जीक्यूटिव काउंसिल में शिक्षा, संस्कृति, विदेशी संबंध, संचार, स्वास्थ्य, जिहादी फंडिंग और ग्रुप की संपर्क यूनिट शामिल है.

हाशिम साफी अल-दीन

हमास के नेता कौन-कौन?

1. इस्माइल हानियेह

दोहा में निर्वासित जीवन जी रहा इस्माइल हानियेह हमास का प्रमुख है. 1963 में गाजा पट्टी में रिफ्यूजी कैम्प में उसका जन्म हुआ था. गाजा की इस्लामिक यूनिवर्सिटी से अरबी साहित्य में उसने ग्रेजुएशन किया. 2006 में हानियेह फिलिस्तीन का प्रधानमंत्री बना. 2017 में खालिद मशाल के बाद हमास के राजनीतिक ब्यूरो का प्रमुख बन गया. 

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याह्या सिनवर.

2. याह्या सिनवर

गाजा पट्टी में हमास का प्रमुख है. 1962 में दक्षिणी गाजा में रिफ्यूजी कैम्प में जन्म हुआ था. कम उम्र से ही याह्या फिलिस्तीनी प्रतिरोध में शामिल हो गया था. हमास की मिलिट्री विंग इज्ज अद-दीन अल-कसम ब्रिगेड का सह-संस्थापक है. 1988 में इजरायल सरकार ने उसे गिरफ्तार किया था. उसे हत्या समेत कई अपराधों के लिए चार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. 2017 में सिनवर को गाजा पट्टी में हमास के नेता के रूप में चुना गया था.

3. मोहम्मद डायफ

हमास की मिलिट्री विंग का चीफ है मोहम्मद डायफ. इजरायल पर हमले का मास्टरमाइंड इसे ही माना जा रहा है. इसने ही इजरायल के खिलाफ 'ऑपरेशन अल-अक्सा स्टॉर्म' की अगुवाई की थी. मोहम्मद डायफ साल 2002 से हमास की मिलिट्री विंग का प्रमुख है. डायफ जब 20 साल का था तो उसे फिलस्तीन के पहले इंतिफादा (विद्रोह) के समय इजरायली सरकार ने जेल भेज दिया था. 1996 में हुए एक बम धमाके में 50 से ज्यादा इजरायली नागरिक मारे गए थे जिसके लिए डायफ को जिम्मेदार बताया गया था.

मोहम्मद डायफ.

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हमास बनाम हिजबुल्लाः सैन्य क्षमता

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- हिजबुल्लाह के पास ऐसे रॉकेट हैं, जो इजरायल के किसी भी हिस्से को टारगेट कर सकते हैं. अगर हमास और हिजबुल्लाह एकसाथ हमला करते हैं तो इजरायल के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है.

- हिजबुल्लाह इजरायल के उत्तर में है तो हमास गाजा पट्टी में एक्टिव है. इनके पास रॉकेट, मिसाइलों, एंटी-टैंक मिसाइलों और एयर डिफेंस सिस्टम जैसे हथियार हैं. हिजबुल्लाह के पास किसी देश की सेना के बराबर क्षमता है.

- हिजुबल्ला के जखीरे में कत्यूषा रॉकेट, फतह-110 जैसी मध्यम दूरी और जलजल और स्कड-डी जैसी लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें हैं.

- हमास ने सुरंगों का ऐसा नेटवर्क बनाया है जो उसके लड़ाकों और हथियारों को गाजा के आसपास जाने देता है, जिससे उनका पता लगाना मुश्किल हो जाता है. 

- हमास के पास भी रॉकेट, मिसाइल और मोर्टार का बड़ा जखीरा है. उसके बेड़े में कसम, ग्रैड और एम-75 रॉकेट शामिल हैं, जिनकी रेंज और पेलोड अलग-अलग हैं. इजरायली टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को निशाना बनाने के लिए हमास एंटी-आर्मर वेपन और रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड्स का इस्तेमाल करता है. ड्रोन के जरिए निगरानी करता है.

- अगर दोनों की तुलना की जाए तो हिजबुल्लाह, हमास से ज्यादा शक्तिशाली है. हिजबुल्लाह के पास बड़ी सेना है और उसके पास इजरायल से लड़ने का अनुभव भी ज्यादा है. 

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हमास बनाम हिजबुल्लाहः काम करने का तरीका

- हिजबुल्लाह एक गुरिल्ला सेना है जो लेबनान से इजरायल के खिलाफ लड़ने में माहिर है. ये कई तरह की रणनीति का उपयोग करता है. हिजबुल्ला को आत्मघाती हमलों के लिए भी जाना जाता है.

- हिजबुल्लाह अपने लड़ाकों को इजरायली सेना से करीबी मुकाबले के लिए छोटे और हल्के हथियारों को उपयोग करने के लिए ट्रेन्ड किया जाता है. उन्हें एंटी-टैंक मिसाइलों का इस्तेमाल करने की भी ट्रेनिंग मिलती है.

- हमास की जमीनी रणनीति भी हिजबुल्लाह जैसी ही है, लेकिन वो उतनी प्रभावी नहीं है. हमास के लड़ाके हिजबुल्लाह के लड़ाकों की तरह ट्रेन्ड नहीं हैं और उनके पास अत्याधुनिक हथियार भी नहीं हैं.

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