
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान... तीनों ही राज्यों में बीजेपी ने जबरदस्त वापसी की है. इन तीनों राज्यों में बीजेपी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया है.
बीजेपी ने मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 163, राजस्थान की 199 में से 115 और छत्तीसगढ़ की 90 में से 54 सीटें जीत ली हैं.
इन तीनों ही राज्यों में बीजेपी का वोट शेयर भी बढ़ा है. इन तीनों राज्यों में बीजेपी की जीत में सबसे अहम भूमिका महिलाओं की रही. नतीजों के बाद बीजेपी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भी जीत का श्रेय महिलाओं को दिया.
पीएम मोदी ने कहा, 'मैं देश की नारी शक्ति का अभिनंदन करूंगा. नारी शक्ति ये ठानकर निकली है कि वो भाजपा का परचम लहराएगी.'
उन्होंने कहा, 'नारी शक्ति का विकास, बीजेपी के विकास मॉडल का मुख्य आधार है. इसलिए इन चुनावों में महिलाओं ने, बहनों-बेटियों ने भाजपा को खूब सारा आशीर्वाद दिया है. मैं पूरी विनम्रता से देश की हर बहन-बेटी को यही कहूंगा कि आपसे जो वादे भाजपा ने किए हैं, वो शत-प्रतिशत पूरे किए जाएंगे और ये मोदी की गारंटी है.'
बीजेपी ने कैसे किया महिलाओं को टारगेट?
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान... तीनों राज्यों में बीजेपी ने महिलाओं के वोट के लिए कई सारी योजनाओं का वादा किया.
मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार पहले से ही थी तो यहां इसी साल मार्च में 'लाडली बहना योजना' शुरू की. इसके तहत, महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये दिए जाते हैं. चुनाव से ठीक पहले अक्टूबर में इसमें 250 रुपये और बढ़ा दिए. अब महिलाओं को 1,250 रुपये मिलते हैं.
इसी तरह मध्य प्रदेश में 'लाडली लक्ष्मी योजना' भी चलती है. इसके तहत, महिलाओं को 21 साल की उम्र पूरी होने तक कुल दो लाख रुपये की मदद दी जाती है.
2023-24 के बजट में शिवराज सरकार ने लाडली बहना योजना के लिए 8,000 करोड़ और लाडली लक्ष्मी योजना के लिए 929 करोड़ रुपये का फंड रखा था.
इन तीन राज्यों में महिलाओं को साधने के लिए बीजेपी ने कई वादे किए. गैस सिलेंडर 450 रुपये में देने का वादा किया. लड़कियों की पढ़ाई फ्री करने का वादा किया.
राजस्थान में बीजेपी ने महिला सुरक्षा का मुद्दा उठाया. वादा किया कि अगर सरकार बनी तो हर जिले में एक महिला थाना, हर पुलिस स्टेशन में महिला डेस्क और एंटी रोमियो स्क्वॉड का गठन किया जाएगा.
महिलाओं पर इतना फोकस क्यों?
इसे दो उदाहरण से समझते हैं. साल 2021 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव हुए. इससे पहले सीएम ममता बनर्जी ने 'लक्ष्मी भंडार स्कीम' शुरू की. इस योजना के तहत सभी महिलाओं को हर महीने 500 रुपये देने का वादा किया. इस चुनाव में टीएमसी एकतरफा चुनाव जीती.
इसी तरह, इस साल कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने महिलाओं को लेकर बड़ी योजना लाने का वादा किया. कांग्रेस ने 'गृह लक्ष्मी योजना' शुरू करने का वादा किया, जिसके तहत हर परिवार की महिला मुखिया को हर महीने दो हजार रुपये की मदद देने की बात कही. ये भी वादा किया कि सरकार बनी तो सभी महिलाओं को सरकारी बसों में फ्री यात्रा की सुविधा दी जाएगी. इस चुनाव में कांग्रेस ने 136 सीटें जीतकर रिकॉर्ड बना दिया.
बीजेपी ने भी ऐसा ही किया. मोदी सरकार महिलाओं को लेकर पहले से ही कई तरह की योजनाएं चला रही है. बीजेपी ने इस चुनाव को महिला केंद्रित बना दिया. महिलाओं के लिए तमाम वादे किए. और उसका असर चुनावी नतीजों पर दिखा.
वोटिंग में बढ़ती महिलाओं की हिस्सेदारी
वैसे तो महिलाओं को आधी आबादी के तौर पर पेश किया जाता है. लेकिन चुनावों में मतादाता के तौर पर महिलाओं को अहमियत कम ही मिलती है. हालांकि, धीरे-धीरे ही सही, लेकिन चुनावी राजनीति में महिलाओं को भी अब अहमियत मिलने लगी है. ये आधी आबादी अब सत्ता 'बनाने' या 'बदलने' का दमखम भी रखती है.
अब महिलाएं भी बढ़-चढ़कर वोटिंग में हिस्सा ले रही हैं. मध्य प्रदेश में 2013 में महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत 70 फीसदी था, जो अब बढ़कर 76 फीसदी के पार चला गया. वहीं, राजस्थान में 74.72% और छत्तीसगढ़ में 76.2% महिलाओं ने वोट दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रविवार को दिए भाषण से साफ हो गया है कि बीजेपी 2024 में भी महिलाओं को ध्यान में रखकर चुनाव लड़ने जा रही है. पीएम मोदी ने कहा कि उनके लिए सिर्फ चार जातियां जरूरी हैं- नारी शक्ति, युवा शक्ति, किसान और गरीब.