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मोबाइल-लैपटॉप के पासवर्ड से लेकर कड़े सवाल तक, अमेरिकी इमिग्रेशन अधिकारी घुसपैठियों की कैसे कर रहे छंटनी?

अमेरिका में अब गेहूं के साथ घुन भी पिसता लग रहा है. दरअसल अवैध प्रवासियों पर डोनाल्ड ट्रंप की सख्ती की जद में वे लोग भी आ रहे हैं, जिनके पास वैध दस्तावेज हैं. यहां तक कि शक के आधार पर उन्हें डिटेंशन सेंटर भेजा जा रहा है. लेकिन यूएस में एंट्री लेते हुए यात्रियों के पास क्या अधिकार हैं, जो उन्हें सुरक्षित रख सकें.

अमेरिका में अवैध प्रवासियों पर सख्ती का असर सब पर हो रहा है. (Photo- AP) अमेरिका में अवैध प्रवासियों पर सख्ती का असर सब पर हो रहा है. (Photo- AP)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 2:19 PM IST

डोनाल्ड ट्रंप ने वाइट हाउस आते ही अमेरिका से घुसपैठियों को छांटना शुरू कर दिया. लोगों को वापस उनके देश लौटाया जा रहा है. ट्रंप प्रशासन वो सारे काम कर रहा है, जिससे गैर-अमेरिकियों का सीमा पार करना मुश्किल हो जाए. इसमें बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ाने से लेकर नए-नए एक्ट लागू करना भी शामिल है. इमिग्रेशन पॉलिसी इस हद तक हार्डलाइन हो चुकी कि दस्तावेजों और वीजा के साथ आने वाले लोग भी अमेरिकी एयरपोर्ट पर धरे जा रहे हैं. 

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क्या हो रहा है अभी

पिछले कुछ हफ्तों से ऐसी रिपोर्ट आ रही हैं कि इमिग्रेशन अधिकारी अमेरिका आने वाले पर्यटकों को भी डिटेंशन सेंटर में डाल रहे हैं. कई ऐसे उदाहरणों पर दुनियाभर में चर्चा हुई. एक ब्रिटिश महिला ने आरोप लगाया कि इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट ने उन्हें यूएस-कनाडा सीमा पर पकड़कर तीन हफ्तों के लिए डिटेंशन सेंटर में डाल दिया. कनाडा और जर्मनी के नागरिक भी लगातार ऐसी शिकायतें कर रहे हैं, जो शक के आधार पर पकड़े गए.

द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, कई ऐसे लोगों को भी अमेरिका आने से रोका जा रहा है, जो राष्ट्रपति ट्रंप को लेकर क्रिटिकल रहे. मसलन, एक फ्रेंच वैज्ञानिक को एयरपोर्ट से ही लौटा दिया गया, जिनके मोबाइल में ट्रंप की नीतियों को लेकर नाखुशी वाला कंटेंट था. कुल मिलाकर, माहौल ऐसा बना हुआ है, जिसमें पक्के कागजात वाले पर्यटक भी डरे हुए हैं कि वे अमेरिकी एयरपोर्ट पर लैंड करेंगे तो क्या होगा. जानिए, वैध टूरिस्ट के तौर पर आपके हक क्या हैं. 

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मेरे पास सारे दस्तावेज वैध हैं. क्या इसके बाद कस्टम अधिकारी मेरी जांच कर सकते हैं?

हां. इसके बाद भी कस्टम्स को ये अधिकार है कि वो पर्यटकों की पूरी जांच कर पक्का कर सके कि वो यूएस में एंट्री ले सकता है. इसके तहत यात्री के पास मौजूद सामान को भी चेक किया जा सकता है. 

क्या मोबाइल फोन की भी जांच हो सकती है?

जांच के दायरे में मोबाइल से लेकर लैपटॉप सभी आते हैं. हालांकि इस बात को कई बार कानूनी चुनौती भी मिल चुकी लेकिन फिलहाल तक यही नियम चला आ रहा है. कस्टम अधिकारी अमेरिका से उड़ान भरते हुए ऐसे लोगों से भी लैपटॉप और मोबाइल पासवर्ड मांग रहे हैं, जो अमेरिका के भीतर प्रवेश नहीं करने वाले. 

अगर मैं पासवर्ड देने से मना कर दूं तो क्या होगा?

अमेरिकी नागरिक अगर पासवर्ड न दें तो भी उनकी एंट्री में कोई रुकावट नहीं आएगी. लेकिन पर्यटकों या दूसरी तरह के वीजा पर आए लोगों के साथ ये हो सकता है. इससे कई दूसरी तरह की जांच भी शुरू हो सकती है. 

अमेरिका के साथ कई देशों के संबंध उतने अच्छे नहीं. ऐसी जगहों से ट्रैवल करके आने का क्या असर हो सकता है?
अगर आप अमेरिकी नागरिक नहीं हैं, और क्यूबा या वेनेजुएला या नॉर्थ कोरिया की विजिट की हुई हो तो कुछ रुकावटें जरूर आ सकती हैं. हो सकता है कि आपसे ज्यादा सवाल हों, जांच भी ज्यादा कड़ी हो सकती है. 

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क्या होगा अगर किसी को डिटेंशन सेंटर में डाल दिया जाए?

कई बार कन्फ्यूजन की वजह से ऐसा हो जाता है. ऐसे में इमिग्रेशन अधिकारी या इमरजेंसी पर कॉल करना चाहिए. वे सीधे किसी वकील से संपर्क करवाएंगे. 

क्या-क्या अधिकार हैं 

अगर आपके पास वैध दस्तावेज हैं और आप जांच की कड़ी प्रक्रिया में फंस जाएं तो भी आपके पास चुप रहने का अधिकार है, जब तक कि कानूनी मदद न मिल जाए. हालांकि कई बार इसकी वजह से मुश्किल भी आ सकती है. जैसे टूरिस्ट वीजा पर आए किसी शख्स से अगर ये पूछा जाए कि क्या वो काम भी करने वाला है, और शख्स इसका जवाब न दे, तो उसे डिटेंशन में भेजा जा सकता है.

अगर किसी विजिटर को अमेरिका में एंट्री के दौरान सख्त जांच से परेशानी होने लगे तो वो वापस भी लौट सकता है. उसका वीजा अपने-आप कैंसल हो जाता है और सरकार उसे डिटेन नहीं कर सकती, जब तक कि कोई शक न हो कि फलां शख्स देश की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता था. 

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