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'INDIA' में 26 तो NDA में 38 दल... जानें किसमें कितना है दम, क्या न्यूट्रल पार्टियां बनेंगी किंगमेकर?

देश की सियासत से जुड़ी दो बड़ी मीटिंग्स आज हो रही हैं. एक बैठक बेंगलुरु में हुई, जिसमें 26 विपक्षी पार्टियां आईं. तो दूसरी बैठक दिल्ली में एनडीए की हो रही है, जिसमें 38 पार्टियां शामिल हुईं हैं. ऐसे में देखते हैं कि एनडीए या विपक्ष में कौन कितना ताकतवर है?

2024 के लिए विपक्ष और एनडीए में कुनबा बढ़ाने के लिए बैठकों का दौर शुरू हो गया है. (फाइल फोटो) 2024 के लिए विपक्ष और एनडीए में कुनबा बढ़ाने के लिए बैठकों का दौर शुरू हो गया है. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 11:06 AM IST

साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की टक्कर शुरू हो गई है. बीजेपी की अगुवाई वाले 'NDA' का मुकाबला करने के लिए विपक्ष ने 'INDIA' नाम से गठबंधन बना लिया है.

बेंगलुरु में हुई 26 विपक्षी पार्टियों की बैठक में गठबंधन का नाम इंडिया रखा गया. इसका फुल फॉर्म 'इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इन्क्ल्युएसिव अलायंस' है. वहीं, बेंगलुरु से करीब दो हजार किलोमीटर दूर दिल्ली में भी बीजेपी की अगुवाई में एनडीए की बैठक हो रही है. इस बैठक में 38 पार्टियों के शामिल होने का दावा किया गया है.

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बहरहाल, बीजेपी ने विपक्ष तो कांग्रेस ने एनडीए की बैठक पर सवाल उठाए. बीजेपी कर्नाटक ने ट्वीट कर इस बैठक को जहां 'अवसरवादी' बताया. तो कांग्रेस ने कहा कि 'भूत' बन चुके एनडीए में फिर से जान फूंकने की कोशिश की जा रही है.

लेकिन सवाल उठता है कि क्या एकजुट विपक्ष कुछ कमाल कर पाएगा? और क्या एकजुट एनडीए, जिसमें हाल ही में कई नई पार्टियां शामिल हुईं हैं, वो 2019 से भी बड़ी जीत हासिल करने में कामयाब होगा? ये समझते हैं, लेकिन उससे पहले जानते हैं कि विपक्ष और एनडीए की बैठक में कौन-कौन शामिल हैं.

कौन-किसके साथ?

विपक्ष की बैठक में 26 पार्टियों के शामिल होने की बात कही जा रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में 23 जून को पटना में हुई बैठक में 15 पार्टियां शामिल हुई थीं. ये सभी 15 पार्टियां इस बार भी मौजूद हैं.

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इस बैठक में कांग्रेस, टीएमसी, आम आदमी पार्टी, सीपीआई, सीपीआई-एम, आरजेडी, जेएमएम, एनसीपी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे), समाजवादी पार्टी और जेडीयू के अलावा DMK, KDMK, VCK, RSP, CPI-ML, फॉरवर्ड ब्लॉक, IUML, केरल कांग्रेस (जोसेफ) और केरल कांग्रेस (मणि), अपना दल (कामेरावादी) और मणिथानेया मक्कल काची (एमएमके) भी शामिल हैं.

वहीं, एनडीए में कुछ नई पार्टियां शामिल हुईं हैं. सोमवार को ही चिराग पासवान ने एनडीए का दामन थामा है. ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) भी एनडीए का हिस्सा बन गईं हैं. 

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एनडीए की बैठक में 38 पार्टियों के आने का दावा किया है. एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना, अजित पवार की एनसीपी, उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक जनता दल और पवन कल्याण की जन सेना भी इस बैठक में है.

किसके साथ कौन?

- विपक्ष: कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी, जदयू, शिवसेना (UBT), एनसीपी (शरद पवार), सीपीआईएम, समाजवादी पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, सीपीआई, आम आदमी पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, केरल कांग्रेस (M), आरजेडी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, सीपीआई (ML), आरएलडी, मनीथानेया मक्कल काची (MMK), एमडीएमके, वीसीके, आरएसपी, केरल कांग्रेस, केएमडीके, अपना दल (कमेरावादी) और एआईएफबी.

- एनडीए: बीजेपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) , राष्ट्रीय लोक जन शक्ति पार्टी (पारस), लोक जन शक्ति पार्टी (रामविलास पासवान), अपना दल (सोनेलाल), एआईएडीएमके, एनपीपी, एनडीपीपी, एसकेएम, आईएमकेएमके, आजसू, एमएनएफ, एनपीएफ, आरपीआई, जेजेपी, आईपीएफटी (त्रिपुरा), बीपीपी, पीएमके, एमजीपी, एजीपी, निषाद पार्टी, यूपीपीएल, एआईआरएनसी, टीएमसी (तमिल मनीला कांग्रेस), शिरोमणि अकाली दल सयुंक्त, जनसेना, एनसीपी (अजित पवार), हम, रालोसपा, सुभासपा, बीडीजेएस (केरल), केरल कांग्रेस (थॉमस), गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट, जनातिपथ्य राष्ट्रीय सभा, यूडीपी, एचएसडीपी, जन सुराज पार्टी (महाराष्ट्र) और प्रहार जनशक्ति पार्टी (महाराष्ट्र).

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किसमें कितना है दम?

इसका जवाब तो एनडीए ही है. बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए के पास लोकसभा में 350 से ज्यादा सांसद हैं. जबकि, विपक्ष की बैठक में जितनी पार्टियां शामिल हुईं हैं, उनके पास लगभग 150 सांसद ही हैं.

हालांकि, आंकड़े देखे जाएं तो पता चलता है कि विपक्षी की बैठक में शामिल हुईं 50 फीसदी से ज्यादा पार्टियों के लोकसभा में एक भी सांसद नहीं हैं. जबकि, एनडीए की बैठक में शामिल 65 फीसदी पार्टियों के पास लोकसभा में एक भी सीट नहीं है.

हालांकि, जानकारों का मानना है कि एनडीए की बैठक में कई ऐसी पार्टियां हैं जिनका क्षेत्रीय और किसी खास जाति पर अच्छा दबदबा है. ये पार्टियां यूपी और बिहार जैसे राज्य में अहम फैक्टर साबित हो सकती हैं. यूपी में 80 तो बिहार में 40 लोकसभा सीटें हैं. यानी, लोकसभा की 22 फीसदी सीटें इन्हीं दो राज्यों से आती हैं.

वहीं, कांग्रेस का दावा है कि विपक्षी एकता भारतीय राजनीति के लिए 'गेम चेंजर' होगी. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश का कहना है कि अचानक पिछले कुछ दिनों से एनडीए के बारे में सुनाई दे रहा है. जो एनडीए 'भूत' बन गया था, उसमें अब नई जान फूंकने की कोशिश हो रही है.

टीएमसी सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने दावा किया कि एनडीए में शामिल आठ पार्टियों का एक भी सांसद नहीं हैं. नौ पार्टियों के एक-एक ही सांसद हैं, जबकि तीन के सिर्फ दो-दो सांसद हैं.

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जो किसी के साथ नहीं, क्या वो बनेंगे किंगमेकर?

ओडिशा की बीजू जनता दल, आंध्र की वाईएसआर कांग्रेस, कर्नाटक की जनता दल (सेक्युलर), यूपी की बसपा, पंजाब की अकाली दल, तेलंगाना की तेलुगु देशम पार्टी और बीआरएस जैसी पार्टियों ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं.

ये वो पार्टियां जो न तो विपक्ष की महाजुटान का हिस्सा बनी हैं और न ही बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए के साथ आए हैं. 

हालांकि, बीआरएस को छोड़कर बाकी सभी पार्टियां नए संसद भवन के उद्घाटन के मुद्दे पर बीजेपी को समर्थन दे चुकी हैं. इन दलों के पास लोकसभा में करीब पचास सांसद हैं. 

माना ऐसा जा रहा है कि ये पार्टियां चुनाव के बाद अपने पत्ते खोल सकतीं हैं. ऐसे में इनकी भूमिका किंगमेकर की हो सकती है.

 

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