
इजरायल अपने लोगों पर हमास के हमले और उन्हें बंधक बनाए जाने के बाद से भड़का हुआ है. हवाई हमलों के बाद वो जमीनी हमले भी करने लगा. हमास का गढ़ गाजा पट्टी है. लिहाजा वहां रहते फिलिस्तीनी भी जद में आने लगे. इस बीच दुनिया के कई मुल्क बीच-बचाव के लिए उतर गए. हमास के तेवर भी हल्के हुए. उसने इजरायल के सामने बंधकों को छोड़ने के लिए समझौते की शर्त रखी. हालांकि इजरायल साफ था कि वो हमास की कोई भी शर्त माने बगैर अपने बंधकों को छुड़ा लेगा. अब खबर आई है कि इजरायल डील के लिए राजी हो चुका है.
इसके तहत दोनों के बीच कुछ दिनों का युद्धविराम होगा. इस दौरान आतंकी गुट हमास बंधकों को रिहा करेगा. साथ ही इजरायल भी जेलों से कैदियों को छोड़ेगा. इस डील के लिए कतर और अमेरिका जैसे देश लगातार दबाव बना रहे थे क्योंकि उनके खुद के लोग भी हमास के बंधक बने हुए हैं. हमास ने जिन लोगों को पकड़ा हुआ है, उनमें से कईयों के पास दोहरी नागरिकता भी है.
क्यों मान रहा है शर्त
माना जा रहा है कि मित्र देश अमेरिका की वजह से इजरायल हमास को लेकर कुछ ढीला पड़ा. लेकिन इसके पीछे यही अकेली वजह नहीं. असल में महीनेभर से ज्यादा समय से युद्ध कर रहे इजरायल पर अपने लोगों का भी दबाव है. लोग अपने परिवार वालों को छुड़वाने के लिए हमास की शर्तें मानने का प्रेशर बना रहे थे. पहले तो इजरायल अड़ा रहा, लेकिन अंदरुनी गुस्सा भड़कने के डर से अब वो आतंकियों की शर्त मान रहा है. वैसे इजरायल अपने बंधकों को लेकर पहले भी काफी उदार रहा है. उसने हर हाल में अपने लोगों को रिहा कराने की कोशिश की.
हमास का रिकॉर्ड खराब रहा है
साल 2006 में गाजा के मिलिटेंट्स ने एक इजरायली सैनिक गिलेड शेलित को पकड़ लिया और पांच सालों तक कैद में रखा. इसके बदले में उसकी शर्त थी कि इजरायल 1027 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ दे. ये कैदी आतंकी प्रवृति के थे. लंबी बातचीत चली और आखिरकार इजरायल ने हमास की शर्त मानकर लोगों को छोड़ दिया. ये फैसला घातक साबित हुआ. ज्यादातर ने बाहर आकर फिर से ज्यूइश लोगों के खिलाफ साजिशें शुरू कर दीं.
सैनिकों के मृत शरीर को भी कब्जे में रखा
हमास की बर्बरता यहीं खत्म नहीं होती. साल 2014 में उसने इजरायल के सैनिकों को मारकर उनका शरीर भी अपने पास रख लिया. परिवार लगातार रोता रहा. इजरायल ने कई बार उन्हें लौटाने की डिमांड की, लेकिन हमास ने उसे लौटाने से इनकार कर दिया.
किन लोगों को छोड़ने जा रहा है इजरायल
ये इजरायल की जेलों में कैद वे लोग हैं, जो हमास, फतेह, इस्लामिक जेहाद और पॉपुलर फ्रंट से हैं. इस लिस्ट में वो लोग भी हैं, जो ईस्ट जेरूशलम में रहते हैं और जिनके पास इजरायल का ID है. ज्यादातर कैदियों पर हत्या की कोशिश का आरोप है. कथित तौर पर हमास की दी हुई लिस्ट में मर्डर कर चुके लोगों का भी नाम था, लेकिन इजरायल ने इसपर सहमति नहीं दी. लिस्ट के कुल लोगों में से 123 की उम्र 18 साल से कम है.
क्या आरोप रहा इनपर
हत्या के अलावा कैदियों पर शारीरिक हानि पहुंचाने, प्रॉपर्टी डैमेज करने और पुलिस के कामों में बाधा पहुंचाने का आरोप रहा. कई लोगों ने पुलिस के साथ ही मारपीट की, उनपर पत्थर फेंके या बम-धमाके किए. इन कैदियों में महिलाएं भी शामिल रहीं. फिलहाल छोड़े जा रहे बंदियों में 50 पार की भी दो महिलाएं हैं. फिलहाल इजरायल की कस्टडी में फिलिस्तीन के कम से कम 8 हजार लोग हैं, जिनमें से बहुत से लोगों को 7 अक्टूबर को हमास के अटैक के बाद बंदी बनाया गया.
हमास की ओर से छोड़े जा रहे बंधकों में कौन
- रिहा किए जा रहे 50 बंधकों में महिलाएं और बच्चे हैं.
- आधे से ज्यादा बंधक इजरायल के अलावा दूसरे देशों से हैं, या डुअल नागरिकता रखते हैं.
- तीन अमेरिकी और आठ फ्रेंच नागरिक छोड़े जा रहे हैं.
- हमास ने दावा किया कि वो बंधकों को सुरंगों और सेफ जगहों पर रखे हुए है.