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एक बंधक के बदले तीन फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई... पढ़ें- हमास-इजरायल में हुए 4 दिन के 'युद्ध विराम' की बड़ी बातें

इजरायल और हमास के बीच हुई डील शुक्रवार से शुरू हो रही है. डील के तहत हमास 50 बंधकों को रिहा करेगा. इसके बदले में इजरायल 150 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ेगा. क्या है ये पूरी डील? इन चार दिनों में क्या होगा? जानते हैं...

इजरायल-हमास के बीच चार दिन का अस्थाई सीजफायर हुआ है. (फाइल फोटो) इजरायल-हमास के बीच चार दिन का अस्थाई सीजफायर हुआ है. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 11:13 PM IST

इजरायल और हमास में अस्थाई सीजफायर हो गया है. चार दिन तक दोनों में जंग नहीं होगी. इस दौरान हमास 50 बंधकों को रिहा करेगा. इसके बदले में इजरायल 150 फिलिस्तीनी महिलाओं और बच्चों को छोड़ेगा.

क्या है डील?

डील के तहत, चार दिन तक कोई जंग नहीं होगी. हमास 50 बंधकों को रिहा करेगा. इनमें महिलाएं और 19 साल से कम उम्र के बच्चे हैं. हमास ने 7 अक्टूबर से 240 नागरिकों को बंधक बना रखा था. इसके बदले में इजरायल 150 फिलिस्तीनी महिलाओं और बच्चों को छोड़ेगा. यानी एक बंधक के बदले में तीन फिलिस्तीनी कैदी रिहा होंगे.

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फिलहाल ये सीजफायर सिर्फ चार दिन के लिए ही रहेगा. हालांकि, इजरायल ने एक बयान जारी कर बताया कि इसके बाद अतिरिक्त 10 बंधकों की रिहाई पर सीजफायर एक दिन और बढ़ जाएगा.

इजरायल और हमास के बीच ये समझौता कतर की मध्यस्थता में हुआ है. कतर के विदेश राज्य मंत्री मोहम्मद अल-खुलैफी ने बताया कि सीजफायर के दौरान न तो कोई अटैक होगा, न ही मिलिट्री मूवमेंट होगा.

सीजफायर के दौरान हर दिन इजरायल सुबह 10 से शाम 4 बजे तक हवाई यातायात रोक देगा. इजरायली सेना गाजा में न तो कोई हमला करेगा और न ही किसी को गिरफ्तार करेगा. 

ये सीजफायर कब से शुरू होगा?

हमास ने बयान जारी कर बताया है कि चार दिन का ये सीजफायर शुक्रवार सुबह से शुरू होगा. सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे के बीच बंधकों को छोड़ा जाएगा. हर दिन 13 बंधक रिहा किए जाएंगे.

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हमास के मुताबिक, इन चार दिनों में कोई मिलिट्री ऑपरेशन नहीं होगा. न तो हमास की तरफ से और न ही इजरायली सेना की तरफ से. 

इसके अलावा हर दिन 200 ट्रक गाजा पट्टी में आ-जा सकेंगे. इन ट्रकों में मानवीय और चिकित्सीय सहायता होगी. हर दिन ईंधन लेकर चार ट्रक भी गाजा में आएंगे.

पर ये सब होगा कैसे?

कतर ने बताया कि बंधकों की रिहाई के लिए गाजा में इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस काम करेगी. 

बताया जा रहा है कि सभी बंधकों को मिस्र के रास्ते इजरायल ले जाया जा सकता है. इजरायल के बाद मिस्र ही एकमात्र देश है जिससे गाजा की सीमा लगती है.

सीजफायर के दौरान राहत सामग्री और ईंधन लादे ट्रक गाजा आ सकेंगे. 7 अक्टूबर के बाद से ही गाजा में हालात सही नहीं है और ईंधन की कमी के चलते कई अस्पताल भी बंद हो गए हैं.

किन बंधकों को छोड़ा जाएगा?

किन बंधकों को पहले रिहा किया जाएगा, हमास ने इसकी लिस्ट जारी नहीं की है. लेकिन शुरुआत में जिन 50 बंधकों को रिहा किया जाएगा, उनमें महिलाएं और 19 साल से कम उम्र के बच्चे शामिल हैं.

7 अक्टूबर को हमास ने 240 से ज्यादा नागरिकों को बंधक बना लिया था. इनमें न सिर्फ इजरायली नागरिक थे, बल्कि कई विदेशी और दोहरी नागरिकता वाले भी लोग थे. 

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रिपोर्ट के मुताबिक, 40 से ज्यादा देशों के नागरिकों को बंधक बनाया गया है, जिनमें अर्जेंटीना, ब्रिटेन, चिली, फ्रांस, जर्मनी, पुर्तगाल, स्पेन, थाईलैंड और अमेरिका जैसे देश भी हैं.

किन फिलिस्तीनियों को छोड़ा जाएगा?

इजरायल ने 300 फिलिस्तीनी कैदियों की एक लिस्ट तैयार की है. हालांकि, फिलहाल इस समझौते के तहत 150 कैदियों को ही रिहा किया जाएगा.

फिलिस्तीनी प्रिजनर्स सोसायटी के मुताबिक, इजरायल ने 22 नवंबर तक 7 हजार 200 लोगों को हिरासत में रखा है, जिनमें 88 महिलाएं और 250 बच्चे हैं.

कैसे हुई ये डील?

इजरायल और हमास में डील करवाने में कतर का बड़ा रोल रहा है. कतर की राजधानी दोहा में हमास का पॉलिटिकल ऑफिस भी है. कतर ने इजरायल के साथ भी अच्छे संबंध बनाकर रखे हैं.

इस डील में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की भी बड़ी भूमिका रही है. डील से पहले कई बार राष्ट्रपति बाइडेन ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल थानी और इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से बात की थी.

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