Advertisement

जमीन, आसमान, समंदर... हर जगह इजरायल का कंट्रोल, फिर भी पहुंच से दूर क्यों है गाजा

गाजा दो तरफ इजरायल से घिरा है जबकि इसके पश्चिम में समंदर और दक्षिण में मिस्र है. गाजा का पूरा इलाका पांच शहरों बंटा है. गाजा की कुल आबादी 21 लाख है. गाजा पट्टी पर साल 2007 से हमास का नियंत्रण है. हमास के आने के बाद से यहां खूनी संघर्ष बढ़ गया है.

गाजा पट्टी 365 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है. (प्रतीकात्मक तस्वीर) गाजा पट्टी 365 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 2:01 PM IST

सात अक्टूबर को हमास के 'सप्राइज अटैक' के बाद से गाजा पट्टी पर इजरायली सेना बमबारी कर रही है. बमबारी के बाद अब इजरायली सेना जमीनी ऑपरेशन भी शुरू करने जा रही है. बताया जा रहा है कि एक लाख इजरायली सैनिकों ने गाजा पट्टी को तीन ओर से घेर लिया है. 

पिछले हफ्ते सोमवार को इजरायली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने सेना को गाजा पट्टी की 'पूरी घेराबंदी' करने का आदेश दे दिया था. उन्होंने ये भी कहा था कि गाजा पट्टी में खाने-पीने का सामान, बिजली और फ्यूल की सप्लाई बंद कर दी जाएगी. 

Advertisement

इतना ही नहीं, पिछले हफ्ते इजरायल ने 11 लाख लोगों को 24 घंटों में उत्तरी गाजा छोड़ने के लिए कहा था. इजरायली सेना आसमान ने पर्चे बरसा रही है. इसमें लोगों से उत्तरी गाजा छोड़कर दक्षिणी गाजा में जाने को कहा गया है.

घेराबंदी का मतलब क्या?

पिछले सोमवार को इजरायल ने गाजा पट्टी की पूरी तरह से घेराबंदी की बात कही थी. इसका मतलब था कि गाजा पट्टी को मिलने वाली बिजली, पानी, खाना और ईंधन पर रोक लगा देना.

बिजली के लिए गाजा पट्टी इजरायल पर निर्भर है. ज्यादातर बिजली इजरायल से ही आती है. कुछ का उत्पादन गाजा पट्टी के पावर प्लांट में होता है, लेकिन उसके लिए ईंधन इजरायल से आता है. 

एक रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल ने गाजा पट्टी पर जमीनी हमले के लिए तीन लाख सैनिकों को तैयार रहने को कहा है. एक लाख सैनिकों ने तो तीन ओर से घेर भी लिया है. इजरायल ने ऐसा आखिरी बार 2014 में किया था.

Advertisement

इतना ही नहीं, गाजा पट्टी में इजरायल ने इंटरनेट भी बंद कर दिया है. हमले वाले दिन से ही गाजा पट्टी में इंटरनेट कनेक्टिविटी कम हो गई है.

ये भी पढ़ें-- कतर की वो 'स्मार्ट नीति' जिसने उसे बना दिया पावरफुल मीडिएटर... अब इजरायल-हमास में कराएगा सुलह!

गाजा पट्टी है कहां?

भूमध्य सागर पर. गाजा पट्टी 41 किलोमीटर लंबी और 10 किलोमीटर चौड़ी है. ये फिलिस्तीन के दो इलाकों में से एक है. दूसरा इलाका वेस्ट बैंक है. 

गाजा पट्टी के दक्षिणी छोर रफाह से उत्तर में बेत हानून तक पहुंचने में एक घंटे का समय लगता है.

पट्टी को पांच शहरों- उत्तरी गाजा, गाजा सिटी, डेर अल-बलाह, खान यूनिस और रफाह में बांटा गया है. गाजा दो तरफ से इजरायल से घिरा है. इसके पश्चिम में समंदर और दक्षिण में मिस्र है.

'दुनिया की सबसे बड़ी खुली जेल'

जुलाई 2010 में ब्रिटेन के तब के प्रधानमंत्री डेविड कैमरून ने गाजा पट्टी की तुलना 'जेल' से की थी. उन्होंने इसे दुनिया की सबसे बड़ी 'खुली जेल' बताया था.

गाजा पट्टी की आबादी 23 लाख है. ये दुनिया का सबसे सघन आबादी वाला क्षेत्र है. यहां हर एक किलोमीटर के दायरे में साढ़े पांच हजार से ज्यादा लोग रहते हैं. जबकि, इजरायल में हर किलोमीटर में 400 लोग रहते हैं.

Advertisement

गाजा में ज्यादातर फिलिस्तीनी शरणार्थी बसे हुए हैं. ये मुस्लिम हैं. कुछ आबादी ईसाइयों की भी है. 65 फीसदी से आबादी युवा है, लेकिन ज्यादातर के पास कोई रोजगार ही नहीं है. गाजा पट्टी में बेरोजगारी दर 46 फीसदी है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है.

ये भी पढ़ें-- वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी, योम किप्पुर... इजरायल-हमास जंग से चर्चा में आए इन शब्दों का मतलब क्या?

जमीन, समंदर, आसमान... घेराबंदी है इजरायल की

इजरायल ने कथित तौर पर सालों से यहां घेराबंद कर रखी है. गाजा पट्टी के अंदर आने या बाहर जाने से पहले भी अनुमति लेनी होती है. 

गाजा पट्टी में रहने वाले किसी व्यक्ति को अगर मेडिकल इमरजेंसी के लिए भी इजरायल या मिस्र जाना है तो परमिशन लेना होती है, जो बड़ी मुश्किल से मिलती है.

1967 में चले छह दिन के युद्ध के बाद इजरायल ने गाजा पट्टी पर कब्जा कर लिया था. लेकिन साल 2005 में उसने अपना नियंत्रण से हटा लिया. साल 2006 में हमास ने फिलिस्तीन अथॉरिटी चलाने वाली फतह पार्टी के खिलाफ चुनाव जीता. 2007 में पूरी तरह से हमास ने गाजा पट्टी पर कब्जा कर लिया. फतह पार्टी वेस्ट बैंक में सरकार चलाती है.

हालांकि, इसके बावजूद इजरायली सेना का यहां नियंत्रण है. बताया जाता है कि गाजा पट्टी की जमीन, समंदर और आसमान पर इजरायल का ही कब्जा है.

Advertisement

गाजा पट्टी की अभी जो सीमा है, वो 1949 में इजरायल और मिस्र के बीच हुए समझौते में तय की गई थी. गाजा पट्टी पर 1967 तक मिस्र का नियंत्रण हुआ करता था.

हमास के आने के बाद यहां खूनी संघर्ष काफी बढ़ गया. हमास के हमलों को जवाब देने के लिए इजरायली सेना ने 2005 के बाद से अब तक कम से कम छह बड़े हमले किए हैं. इनमें 2014 का हमला सबसे खतरनाक था. बताया जाता है कि करीब सात हफ्तों तक चले इजरायली हमलों में दो हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे.

ये भी पढ़ें-- अंग्रेजों की एक 'चिट्ठी', हिटलर की नाजी सेना का नरसंहार... यहूदियों के अलग मुल्क इजरायल के बनने की कहानी

उत्तरी गाजा कब्जाना चाहता है इजरायल!

इजरायली सेना का मकसद उत्तरी गाजा पर पूरा नियंत्रण करना है. उत्तरी गाजा में चार लाख लोग रहते हैं. वहीं उससे सटे गाजा सिटे में सात लाख से ज्यादा की आबादी है.

इजरायल उत्तरी गाजा पर कब्जा इसलिए करना चाहता है, क्योंकि इसी शहर में हमास का सेंटर है. संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी शिविर भी यहीं हैं.

इजरायल ने फिलिस्तीनियों को उत्तरी गाजा खाली करने का अल्टीमेटम दिया था. ऐसा इसलिए ताकि लोगों के जाने के बाद यहां वो हमास के ठिकानों पर बमबारी और जमीनी हमले कर सके. 

Advertisement

गाजा पट्टी में कैसे हैं हालात?

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, गाजा पट्टी में समंदर, आसमान और जमीन से इजरायली सेना की बमबारी जारी है. 

इन हमलों में अब तक 23सौ से ज्यादा फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए हैं. जबकि, इजरायल में 13सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इजरायली सेना के अल्टीमेटम के बाद 10 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं. 

संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि गाजा पट्टी में हालात इतने खराब हैं कि शवों को पैक करने के लिए बॉडी-बैग तक नहीं मिल रहे हैं. 

पीने का पानी तक नहीं मिल रहा है. हालात ये हैं कि एक व्यक्ति को दिनभर में सिर्फ एक लीटर पानी ही मिल पा रहा है. प्यास बुझाने के लिए लोग कुओं से गंदा पानी पीने को मजबूर हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement