
बीते महीने के आखिरी सप्ताह में पुतिन की सेहत को लेकर फैली बात को क्रेमलिन ने खारिज कर दिया. वहां के रिप्रेजेंटेटिव दिमित्री पेसकोव ने पुतिन के सेहतमंद होने की बात कहते हुए साफ किया कि उनका कोई बॉडी डबल नहीं है, बल्कि वे खुद ही काम कर रहे हैं.
इसके बाद दो धड़े हो चुके
एक तरफ वे लोग हैं, जो अब भी इसपर यकीन नहीं कर रहे. दूसरी तरफ वे लोग हैं, जो मानते हैं कि पुतिन बिल्कुल भले-चंगे हैं. तब क्या वजह है, जो रूस में बीच-बीच में इस तरह की अफवाह फैलती रहती है. रूस ही क्यों, कम्युनिस्ट देश नॉर्थ कोरिया से भी कई बार उसके सैन्य तानाशाह किम जोंग की मौत की झूठी खबरें फैल चुकी हैं. इस कंस्पिरेसी थ्योरी को कई देशों में बल मिलता रहा.
क्यों किया जाता है ऐसा
यूक्रेन के मिलिट्री इंटेलिजेंस का कहना है कि क्रेमलिन जान-बूझकर ऐसी न्यूज फैलाता रहता है ताकि लोगों में हो रही हलचल को समझा जा सके. कथित तौर पर इससे रूस के राष्ट्रपति को ये समझने में मदद मिलेगी कि आगे उन्हें शासन कैसे चलाना है, और किन लोगों से बचकर रहना है.
- वो ये देखना चाहते हैं कि पुतिन के बारे में ऐसा कहने पर जनता में क्या रिएक्शन आता है.
- कौन लोग हैं जो खुद को राष्ट्रपति पद का दावेदार मानने लगते हैं.
- जैसे ही अफवाह फैलाई जाएगी, कई गुट भी खुलकर सामने आ जाएंगे, जो विरोधी हों.
- मीडिया और बिजनेस करने वालों का रवैया भी क्रेमलिन देखना चाहता है.
AI ने भी हमशक्ल की बात कही थी
पुतिन के सेहतमंद होने की बात जरूर कही जा चुकी, लेकिन इससे पहले भी उनके कई गंभीर बीमारियों का शिकार होने की बात होती रही. कई देश ये तक मान रहे हैं कि पुतिन लंबे समय से पब्लिक अपीयरेंस नहीं दे रहे, बल्कि उनके बॉडी डबल ही सामने आ रहे हैं. यूक्रेन इंटेलिजेंस के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल काइरेलो बुडेनोव ने कहा था कि असली पुतिन तो जून 2022 के बाद से ही सामने नहीं आए. जापानी की एक टीवी रिपोर्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल के साथ दावा किया गया कि पुतिन के एक नहीं, बल्कि दो-दो डुप्लीकेट काम कर रहे हैं.
क्या होता है बॉडी डबल
राजनेताओं के बॉडी डबल की बात अक्सर कही जाती है. खतरे वाली जगहों या सार्वजनिक स्थानों पर बहुत से नेता अपनी जगह दूसरों को भेज चुके. ये ऐसे लोग होते हैं, जो कद-काठी में बिल्कुल उस पॉलिटिशयन की तरह हों. बाद में उनकी कॉस्मेटिक सर्जरी कराई जाती है ताकि चेहरा भी वही दिखने लगे. आमतौर पर बॉडी डबल को एक्टिंग में महारथ होती है ताकि वे आराम से बोलने और तौर-तरीकों को कॉपी कर सकें.
असली नेता के चेहरे या शरीर पर कहीं चोट लगी हो, तो हमशक्ल को सर्जरी के जरिए चोट के निशान भी बनाने होते हैं. इन्हें पॉलिटिकल डेकॉय या स्टैंड इन भी कहा जाता है. ये फिल्मों से कहीं ज्यादा सेंसिटिव मुद्दा होता है क्योंकि इसमें जान का खतरा भी रहता है.
कहां आते हैं बॉडी डबल
इन्हें हर वक्त सामने नहीं रखा जाता, बल्कि किसी खास समय ही सामने लाया जाता है, ताकि थोड़ी देर के लिए असल नेता की जगह ले सके. स्पीच देने या कोई बड़ा एलान करने की जब बात हो, वहां इन्हें नहीं भेजा जाता. अक्सर नेता चैरिटी प्रोग्राम में इन्हें भेजते हैं जहां सार्वजनिक एलान या मुश्किल सवालों का जवाब न देना पड़े.
किन नेताओं का रह चुका बॉडी डबल
ये काफी गोपनीय बात है इसलिए नेताओं की मौत के बाद भी सीक्रेट जाहिर नहीं होता, लेकिन जब-तब इसकी चर्चा होती है. जैसे अमेरिकी लीडर हिलेरी क्लिंटन के बारे में बहुत बार कहा गया कि उनका हमशक्ल है, जो पब्लिक में आता है. सद्दाम हुसैन के बारे में अमेरिकी इंटेलिजेंस ने कहा था कि उसके कई हमशक्ल हैं ताकि कोई असल सद्दाम को पकड़ न सके. सोवियत नेता जोसेफ स्टालिनके बारे में भी हमशक्ल रखने के प्रमाण मिल चुके हैं. नॉर्थ कोरिया के शासक किम जोंग के बारे में साल 2020 से ही ऐसी बातें हो रही हैं.
आज तक केवल सद्दाम हुसैन के बेटे का डुप्लीकेट सामने आया है. लतीफ याहिआ नाम के इस शख्स का दावा था कि उसने साढ़े 4 सालों तक उसके हमशक्ल की तरह काम किया. लतीफ ने इसपर दो किताबें भी लिखी थीं.