
इजरायल ने अब हिज्बुल्लाह पर अटैक तेज कर दिए हैं. हिज्बुल्लाह, लेबनान का कट्टरपंथी संगठन है, लेकिन इजरायल इसे आतंकी संगठन मानता है. जब से हमास और इजरायल के बीच जंग शुरू हुई है, तभी से हिज्बुल्लाह भी इसमें शामिल रहा है. हिज्बुल्लाह बार-बार इजरायल और उसकी सेना को टारगेट करता रहा है.
हिज्बुल्लाह पर दो दिन में इजरायल ने दो बड़े हमले किए हैं. मंगलवार को पेजर पर अटैक किए, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई और चार हजार लोग घायल हो गए. बुधवार को भी वॉकी-टॉकी, सोलर पैनल, फिंगरप्रिंट डिवाइसेस और रेडियो में ब्लास्ट हुए.
दिलचस्प बात ये है कि जिन डिवाइसेस में ब्लास्ट हुए हैं, उन्हें हिज्बुल्लाह ने करीब पांच महीने पहले ही खरीदा था. कुल मिलाकर इजरायल अब उन चीजों को टारगेट कर रहा है, जिनका इस्तेमाल जरूरी सा बन गया है. जानकार इसे 'साइकोलॉजिकल वॉरफेयर' बता रहे हैं. इजरायली सेना के प्रमुख जनरल हार्जी हलेवी का कहना है कि आतंकियों को जिंदगी को इस तरह जहन्नुम बना दिया जाएगा कि वो खाना खाने और पानी पीने तक से डरेंगे.
लेबनान के विदेश मंत्री ने क्या कहा?
लेबनान के विदेश मंत्री अब्दल्लाह हबीब ने सीएनएन को दिए इंटरव्यू में कहा है कि पेजर अटैक के बाद से डर का माहौल है.
हबीब ने कहा, इसमें कोई शक नहीं है कि ये एक डराने वाला पल है. हम आने वाले युद्ध से डरते हैं, क्योंकि हम युद्ध नहीं चाहते. उन्होंने कहा कि बॉर्डर पर कभी-कभी झड़पें होती थीं, लेकिन अब हम युद्ध की शुरुआत की बात कर रहे हैं.
वहीं, ईरान ने इस हमले की तुलना नरसंहार से की है. ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने कहा कि ये घटना बताती है कि पश्चिमी देश और अमेरिका इजरायल की ओर से किए जा रहे अपराध और हत्याओं का समर्थन करते हैं.
जबकि, अमेरिका का दावा है कि उसे इस हमले के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस बात से इनकार कर दिया कि अमेरिका को पहले से इस अटैक की जानकारी थी. हालांकि, ऐसा भी कहा जा रहा है कि इजरायल ने अमेरिका को बस इतना बताया था कि वो लेबनान में एक बड़ा ऑपरेशन करने जा रहा है.
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150 अस्पतालों में भर्ती हैं लोग
मंगलवार को उन पेजर्स में ब्लास्ट हुआ, जिनका इस्तेमाल हिज्बुल्लाह के लड़ाके बातचीत करने के लिए करते थे. ऐसे ढेर सारे वीडियो सामने आए हैं, जिनमें दिख रहा है कि सड़क पर चलते-फिरते और बाजार में खरीदारी करते वक्त ही पेजर फट गए. लेबनान में देशभर में ऐसे विस्फोट हुए.
लेबनान के स्वास्थ्य मंत्री फिरास अबियाद ने बताया कि लगभग 150 अस्पतालों में 200 से ज्यादा लोगों की हालात गंभीर है. इनके चेहरे, हाथ और पेट पर गंभीर चोटें आई हैं.
इस हमले के लिए हिज्बुल्लाह ने इजरायल पर आरोप लगाया है. लेबनान की सरकार ने भी इजरायल को ही जिम्मेदार ठहराया है. हिज्बुल्लाह का कहना है कि इस हमले का सही जवाब दिया जाएगा.
हालांकि, इजरायल ने अब तक इन हमलों को लेकर कोई जवाब नहीं दिया है. उसने न ही इसका खंडन किया है और न ही माना है. स्थानीय मीडिया में कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने मंत्रियों को मीडिया से बात न करने को कहा है.
क्या ये साइकोलॉजिकल वॉर है?
लेबनान में हिज्बुल्लाह पर इजरायल ने जिस तरह अटैक किया है, उसे एक्सपर्ट 'साइकोलॉजिल वॉर' के तौर पर देख रहे हैं.
बेरूत के डेटा एनालिस्ट राल्फ बेडौन ने अल-जजीरा से कहा कि इजरायल को पहले से ही उन लोगों के नाम और लोकेशन का पता होगा, जिनपर अटैक किया गया.
डिफेंस एनालिस्ट हमजे अत्तर ने कहा कि इजरायल का हिज्बुल्लाह को साफ मैसेज था कि 'हम आपको इससे ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं.' ब्रिटिश सेना के पूर्व अफसर क्रिंस हंटर ने भी कहा कि इजरायल का अपने हर दुश्मन को साफ संदेश था कि अगला टारगेट आप हो सकते हैं.
क्रिस हंटर ने बताया कि इजरायल का मैसेज साफ था और वो कह रहे हैं कि हम किसी भी चीज पर अटैक कर सकते हैं. हम आपके कम्युनिकेशन नेटवर्क पर अटैक कर सकते हैं, हम आपके शरीर पर मौजूद किसी भी चीज पर अटैक कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह के मैसेज बहुत असरदार होते हैं.
कितना स्ट्रॉन्ग रहा इजरायल का मैसेज?
इजरायल ने जिस तरह से हमला किया है, साफ तौर पर उसने बहुत स्ट्रॉन्ग मैसेज दे दिया है. सिर्फ हिज्बुल्लाह ही नहीं, बल्कि बाकी आतंकी संगठनों पर भी ये असर डालेगा. जानकारों का मानना है कि इससे पता चलता है कि इजरायल और हिज्बुल्लाह की क्षमताओं में कितनी असमानता है.
पेरिस के साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट हादी अल-खौरी ने अल-जजीरा को बताया कि जब भी आप किसी ऐसे देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना चाहते हैं, जिसके पास सप्लाई चेन और इस तरह की चीजों में छेड़छाड़ करने और उसे हैक करने की क्षमता होती है, तो यहीं से आपके लिए असंतुलन पैदा हो जाता है.
दरअसल, अब तक जो जानकारी सामने आई है, उसमें पता चला है कि इजरायल ने सप्लाई चेन में सेंधमारी की. हिज्बुल्लाह ने कुछ महीने पहले ही ताइवानी कंपनी गोल्ड अपोलो को तीन हजार पेजर का ऑर्डर दिया था. गोल्ड अपोलो का कहना है कि हंगरी की कंपनी BAC ने इन पेजर्स को बनाया था. रिपोर्ट्स बताती हैं कि हिज्बुल्लाह के पास पहुंचने से पहले ही ये पेजर्स इजरायल के हाथ लग गए थे. इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने इन पेजर्स में PETN नाम का विस्फोटक भरा और फिर इन्हें भेज दिया. यानी, इन पेजर्स में पांच महीने से विस्फोटक भरा हुआ था.
डिफेंस एनालिस्ट हमजे अत्तर का कहना है कि हिज्बुल्लाह को अब अपनी सप्लाई चेन पर सोचना होगा. उसे सोचना होगा कि उसकी सप्लाई चेन में कैसे सेंधमारी की गई.
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कैसे हुआ पेजर अटैक?
स्थानीय समय के मुताबिक मंगलवार दोपहर साढ़े तीन बजे लेबनान में देशभर में कई जगह पेजर अटैक हुए. रिपोर्ट के मुताबिक, दोपहर को पेजर पर एक बीप-बीप की आवाज आई और चंद सेकंड में ये फट गए.
बताया जा रहा है कि इन पेजर के अंदर PETN फिट किया गया था. ये एक खतरनाक विस्फोटक है. इस विस्फोटक को पेजर की बैटरी के बगल में लगाया था. इन पेजर्स में बैटरी का तापमान बढ़ाकर विस्फोट किया गया.
हिज्बुल्लाह ने कुछ महीने पहले ही इन पेजर्स का इस्तेमाल करना शुरू किया था. वो इसलिए क्योंकि पेजर को ट्रैक कर पाना मुश्किल होता है.