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कभी अंडरवियर, कभी जूते के सोल में मिला... जानें- आतंकियों का फेवरेट क्यों है पेजर ब्लास्ट में इस्तेमाल PETN

लेबनान और सीरिया में मंगलवार को जोरदार धमाके हुए. ये धमाके उन पेजर्स में किए गए, जिनका इस्तेमाल हिज्बुल्लाह के लड़ाके कर रहे थे. इन धमाकों में 9 की मौत हो गई है. 4 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. बताया जा रहा है कि इस धमाके में PETN नाम के विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था.

लेबनान में हुए पेजर अटैक में 9 लोगों की मौत हो गई है. (फोटो-AP) लेबनान में हुए पेजर अटैक में 9 लोगों की मौत हो गई है. (फोटो-AP)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:47 PM IST

एक के बाद एक हजारों धमाकों से लेबनान दहल गया. ये धमाके पेजर में हुए. इन पेजर से हिज्बुल्लाह के लड़ाके बातचीत करते थे. इन धमाकों के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. 

दरअसल, पिछले साल 7 अक्टूबर को हुए अटैक के बाद से ही इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच जबरदस्त तनाव है. हिज्बुल्लाह लेबनान में एक्टिव है और इजरायल इसे आतंकी संगठन मानता है. इजरायल का दावा है कि ईरान, हिज्बुल्लाह का समर्थन करता है.

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मंगलवार को हुए इन धमाकों को लेकर सामने आया है कि पहले पेजर पर एक मैसेज आया, जिससे बीप की आवाज हुई और चंद सेकंड में ही विस्फोट हो गया. ये पेजर किसी के हाथ में था, किसी के जेब में तो कोई इससे बात कर रहा था. सामने आया है कि पेजर की बैटरी के बगल में विस्फोटक रखा गया था. बैटरी का तापमान बढ़ाकर विस्फोट किया गया.

इन पेजर में धमाकों के लिए जिस विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया, उसे PETN यानी पेंटा एरिथ्रिटॉल टेट्रा नाइट्रेट कहा जाता है. ये एक तरह का प्लास्टिक बम है. इसे डिटेक्ट करना काफी मुश्किल होता है. बताया जा रहा है कि इन पेजर में 20 ग्राम PETN का इस्तेमाल किया गया था.

कैसे हुआ ये सब?

हिज्बुल्लाह ने कुछ महीनों पहले ही इन पेजर्स को खरीदा था. हिज्बुल्लाह के लड़ाके पेजर का इस्तेमाल इसलिए करते थे, क्योंकि इन्हें ट्रेस कर पाना मुश्किल होता है. 

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न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, हिज्बुल्लाह ने ताइवान की कंपनी 'गोल्ड अपोलो' को तीन हजार पेजर का ऑर्डर दिया था. हालांकि, ताइवानी कंपनी का कहना है कि ये पेजर्स उन्होंने एक यूरोपीय कंपनी ने बनाए थे.

हिज्बुल्लाह से जुड़े एक शख्स ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि हाल ही में एक हजार पेजर्स आए थे और इन्हीं में विस्फोट हुए हैं. उसका ये भी कहना है कि ये नए तरह के पेजर्स थे और इसका इस्तेमाल हिज्बुल्लाह ने पहले नहीं किया था.

बताया जा रहा है कि हिज्बुल्लाह को डिलीवर किए जाने से पहले इन पेजर्स में PETN फिट कर दिया गया था. इजरायली जासूसी एजेंसी मोसाद ने पेजर की बैटरी के बगल में PETN रख दिया था. मंगलवार को इन बैटरी का तापमान बढ़ाया गया, जिससे विस्फोट हो गया.

(Photo- Reuters)

यह भी पढ़ें: हिज्बुल्लाह को लग गई थी इजरायली प्लान की भनक, आनन-फानन में हुए पेजर अटैक... पढ़ें- Inside Story

PETN कितना अलग?

PETN एक केमिकल सब्सटेंस है, जो प्लास्टिसाइजर के साथ मिलकर प्लास्टिक विस्फोटक बनाता है. प्लास्टिक बमों में इसे सबसे शक्तिशाली और खतरनाक माना जाता है. इसे डिटेक्ट करना मुश्किल होता है.

ये काफी ताकतवर होता है. PETN को TNT की तुलना में ज्यादा शक्तिशाली माना जाता है. वो इसलिए क्योंकि 1 किलो PETN से जितना विस्फोट होगा, उतना ही विस्फोट करने के लिए 1.24 किलो TNT की जरूरत होगी. 

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इतना ही नहीं, बाकी दूसरे विस्फोटकों की तुलना में PETN ज्यादा स्टेबल होता है, इसलिए इसके अचानक विस्फोट होने की गुंजाइश बहुत कम होती है. जब इसे डेटोनेट किया जाता है तो ये बहुत नुकसान पहुंचाता है.

इसे आसानी से किसी भी चीज में छिपाया जा सकता है. इसकी बहुत कम मात्रा भी जानलेवा होती है. जैसे- हिज्बुल्लाह के पेजर में सिर्फ 20 ग्राम PETN रखा गया था, फिर भी इसके फटने से बहुत नुकसान हुआ है.

PETN को सबसे पहले विस्फोटक बनाने वाली जर्मन कंपनी ने बनाया था. 1912 में जर्मन सरकार ने इसका प्रोडक्शन शुरू किया. पहले विश्व युद्ध में जर्मन सेना ने PETN का इस्तेमाल किया था. 

मोसाद ने पेजर में कैसे रखा PETN?

लेबनान और सीरिया में जो पेजर अटैक हुए हैं, उसमें इजरायल और उसकी खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ बताया जा रहा है. हालांकि, अब तक इजरायल और मोसाद ने न तो इन बातों का खंडन किया है और न ही माना है.

स्काई न्यूज अरेबिया न्यूज चैनल ने अपने सूत्रों के हवाले बताया है कि हिज्बुल्लाह के पास पहुंचने से पहले ही पेजर इजरायल के हाथ में पड़ गए थे. सूत्रों ने बताया कि मोसाद ने इन पेजर की बैटरियों में PETN भरा था.

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इसी साल हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह ने मोबाइल फोन के इस्तेमाल न करने को कहा था, क्योंकि इजरायल इसे ट्रेस कर सकता था. इसके बाद से ही हिज्बुल्लाह के लड़ाकों ने पेजर का इस्तेमाल बढ़ा दिया था. तभी हिज्बुल्लाह ने तीन हजार पेजर का ऑर्डर भी दिया था.

साइबर क्राइम एक्सपर्ट मिक्को हाइपोनेन ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि विस्फोट देखकर लग रहा है कि पेजर की डिजाइन के साथ भी छेड़छाड़ की गई होगी.

यह भी पढ़ें: किसी का हाथ तो किसी का पैर उड़ा, किसी की आंख तो किसी का धड़... हजारों पेजर धमाकों से यूं मची तबाही!

(Photo-AP)

आतंकियों की भी पसंद है PETN

PETN एक तरह से 'छोटा पैकेट, बड़ा धमाका' है. इसकी कम मात्रा भी बड़ी तबाही मचा सकती है. PETN एक ऐसा विस्फोटक है, जो आतंकियों की भी पसंद रहा है. अतीत में कई आतंकी हमलों में इसका इस्तेमाल हो चुका है.

1980 में पेरिस में यहूदियों के पूजा स्थल के बाहर एक धमाका हुआ था. इस धमाके में 10 किलो PETN का इस्तेमाल हुआ था. 1983 में बर्लिन में एक आतंकी ने 24 किलो PETN का इस्तेमाल कर हमला किया था.

2001 में अलकायदा के आतंकी रिचर्ड रिड ने पेरिस से मियामी जा रहे एक अमेरिकी विमान को PETN से उड़ाने की कोशिश की थी. रिचर्ड ने अपने जूते के सोल में PETN भर रखा था. गनीमत रही कि वो अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाया.

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इसी तरह 2009 में अलकायदा के सुसाइड बॉम्बर अब्दुल्लाह हसन अल-असीरी ने सऊदी सरकार के मंत्री मुहम्मद बिन नाएफ की हत्या करने की कोशिश की थी. इस हमले में सुसाइड बॉम्बर की मौत हो गई थी, जबकि नाएफ बच गए थे. इस हमले में भी PETN का इस्तेमाल हुआ था.

25 दिसंबर 2009 को अलकायदा के आतंकी उमर फारूक अब्दुलमुतल्लब के अंडरवियर से 80 ग्राम PETN बरामद हुआ था. अब्दुलमुतल्लब डेट्रॉयट से एम्सटर्डम जा रहे एक विमान को उड़ाने की फिराक में था. उसने कोशिश भी की थी. गनीमत रही कि बड़ा धमाका नहीं हुआ.

अक्टूबर 2010 में भी अलकायदा ने एक अमेरिकी विमान को PETN से उड़ाने की साजिश रची थी. तब अलकायदा ने दो प्रिंटर के कार्टरिज में PETN भर दिया था. एक कार्टरिज में 300 ग्राम और दूसरे में 400 ग्राम PETN भरा था. हालांकि, कुछ हो पाता उससे पहले ही इन्हें ट्रेस कर लिया गया.

भारत में भी आतंकी PETN से हमला करने की साजिश रच चुके हैं. जुलाई 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा में 150 ग्राम PETN बरामद हुआ था. 

आतंकी PETN का इस्तेमाल इसलिए करते हैं, क्योंकि इसे डिटेक्ट करना काफी मुश्किल है. न तो एक्स-रे मशीन इसे आसानी से पकड़ पाती हैं और न ही स्निफर डॉग्स.

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