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हादसे दर हादसे... फिर भी वायुसेना की इतनी बड़ी जरूरत क्यों बने हैं MiG-21?

राजस्थान के हनुमानगढ़ में सोमवार सुबह वायुसेना का मिग-21 विमान एक घर पर क्रैश हो गया. इस हादसे में पायलट तो सुरक्षित बच गए, लेकिन घर में रहने वालीं तीन महिलाओं की मौत हो गई. मिग-21 को 'उड़ता ताबूत' भी कहते हैं. ऐसे में जानते हैं कि आखिर मिग-21 वायुसेना के लिए इतनी बड़ी जरूरत क्यों है?

मिग-21 के बार-बार क्रैश होने के कारण इसकी सुरक्षा पर सवाल उठते हैं. (फाइल फोटो) मिग-21 के बार-बार क्रैश होने के कारण इसकी सुरक्षा पर सवाल उठते हैं. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 मई 2023,
  • अपडेटेड 11:42 PM IST

लड़ाकू विमान MiG 21... सोवियत काल का सुपरसोनिक जेट. 1971 और 1999 की जंग में भारत की जीत का सेहरा बांधा. छह दशक तक भारतीय वायुसेना की रीढ़ की हड्डी बना रहा. लेकिन कुछ सालों से सुरक्षा को लेकर सवालों में हैं. इसकी वजह क्रैश होना है. 

अब एक बार फिर मिग-21 क्रैश हुआ है. ये हादसा राजस्थान के हनुमानगढ़ में हुआ. ये विमान सोमवार सुबह पौने दस बजे बहलोल इलाके में एक घर पर क्रैश हो गया. विमान में सवार दोनों पायलट तो सुरक्षित हैं, लेकिन जिस घर पर ये क्रैश हुआ, वहां रहने वालीं तीन महिलाओं की मौत हो गई.

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इस हादसे ने मिग-21 को लेकर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं. मिग-21 के क्रैश होने के इतने मामले सामने आए हैं कि इसे 'फ्लाइंग कॉफिन' या 'उड़ता ताबूत' कहा जाने लगा है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, छह दशकों में करीब 500 मिग-21 क्रैश हुए हैं, जिसमें 200 से ज्यादा पायलट शहीद हो चुके हैं. 

विमान खरीदे 60 साल हो गए

सोवियत संघ (अब रूस) के मिकोयान-गुरेविच डिजाइन ब्यूरो ने 1959 में मिग-21 विमान को बनाना शुरू किया. 1961 में भारत ने रूस से इन विमानों को खरीदने की डील हई. इस डील में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की बात भी थी. इन विमानों को भारत में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने बनाया. 

मिग-21 एक हल्का सिंगल पायलट लड़ाकू विमान है. भारतीय वायुसेना 1960 के दशक में मिग-21 को अपने बेड़े में शामिल किया. 1965 और 1971 की भारत-पाकिस्तान जंग में मिग-21 विमानों ने अपनी ताकत दिखाई थी.

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1999 की कारगिल युद्ध के बाद वायुसेना मिग-21 विमानों को मिग-21 बाइसन को शामिल कर रही है. मिग-21 बाइसन मिग-21 का ही अपग्रेडेड वर्जन है.

इतने पुराने विमान की जरुरत क्यों?

इसकी वजह ये है कि भारतीय वायुसेना विमानों की कमी से जूझ रही है. चीन और पाकिस्तान से मुकाबला करने के लिए वायुसेना को 42 स्क्वॉड्रन की जरूरत है. लेकिन अभी लगभग 32 स्क्वॉड्रन ही हैं. 

पिछले साल रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति की रिपोर्ट आई थी. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि 42 स्क्वॉड्रन की जरूरत है, लेकिन हैं इससे कम. आने वाले सालों में पुराने विमान भी रिटायर हो जाएंगे, जिससे स्क्वॉड्रन और कम हो जाएंगी.

इस समय भारतीय वायुसेना के पास मिग-21 की तीन स्क्वॉड्रन हैं. एक स्क्वॉड्रन में 16 से 18 विमान होते हैं. कुल मिलाकर वायुसेना के पास लगभग 50 मिग-21 विमान हैं. वायुसेना से तीन साल में मिग-21 की स्क्वॉड्रन को फेजआउट कर दिया जाएगा.

42 की बजाय 31 स्क्वॉड्रन है, यानी करीब 160 से 180 विमानों की पहले से ही कमी है. अगर मिग-21 स्क्वॉड्रन को अभी हटा दिया जाता है तो 50 विमानों की कमी और हो जाएगी. 

4 जनवरी 2019 को संसद में राफेल डील पर चर्चा के दौरान तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था, 'चीन ने 2004-2015 तक 400 लड़ाकू विमान जोड़े हैं, वहीं पाकिस्तान ने भी एफ-16 की संख्या दोगुनी की, साथ ही 43 जेएफ-17 को भी शामिल किया.' उन्होंने बताया था, '2004 में भारतीय वायुसेना के पास जहां 40 स्क्वाड्रन थे, वहीं 2015 तक इनकी संख्या घटकर 33 हो गई.'

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वायुसेना की क्या है तैयारी?

- संसदीय समिति को वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया कि वायुसेना अगले कुछ सालों में पूरी तरह स्वदेशी हथियारों पर ही निर्भर रहेगी. वायुसेना ने 83 LCA MK-1 की डील की है, जिसकी डिलिवरी 2024 से शुरू होगी. LCA MK-1 से 4 स्क्वाड्रन बनेंगी और ये विमान MiG 21 और MiG 27 को रिप्लेस करेंगे. 

- इसके साथ ही हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ LCH और LUH हेलीकॉप्टर खरीद को लेकर भी बात चल रही है. इनके अलावा C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की डील भी हो चुकी है.

दो साल में मिग-21 के बड़े हादसे

- 5 जनवरी 2021: राजस्थान के सूरतगढ़ के पास मिग-21 क्रैश हो गया. पायलट सुरक्षित रहा.

- 17 मार्च 2021: कॉम्बैट ट्रेनिंग मिशन के दौरान ग्वालियर के पास मिग-21 क्रैश हो गया. इसमें ग्रुप कैप्टन शहीद हो गए.

- 21 मई 2021: पंजाब के मोगा जिले में मिग-21 विमान क्रैश हो गया. इस हादसे में पायलट शहीद हो गए.

- 25 अगस्त 2021: राजस्थान के बाड़मेर के पास ट्रेनिंग के दौरान विमान क्रैश हो गया. पायलट सुरक्षित बच निकला.

- 24 दिसंबर 2021: जैसलमेर में मिर-21 विमान हादसे का शिकार हो गया. इसमें पायलट शहीद हो गया.

- 28 जुलाई 2022: बाड़मेर में मिग-21 का ट्रेनर एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया. दोनों पायलट शहीद हो गए.

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