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7 साल का वक्त, 18 हजार करोड़ की लागत और 22KM का पुल... सैटेलाइट तस्वीरों में देखें कैसे बना अटल सेतु

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का उद्घाटन कर दिया. ये समंदर पर बना देश का सबसे लंबा पुल है. इस पुल से साउथ मुंबई से नवी मुंबई तक पहुंचने में अब बस 20 मिनट का समय लगेगा. पीएम मोदी ने साल 2016 में इस पुल की नींव रखी थी. सात साल में ये पुल बनकर तैयार हुआ है.

अटल सेतु की नींव पीएम मोदी ने 2016 में रखी थी. अटल सेतु की नींव पीएम मोदी ने 2016 में रखी थी.
अंकित कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 12 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 11:57 PM IST

समंदर पर देश का सबसे बड़ा पुल 'अटल सेतु' शुरू हो गया है. साउथ मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ने वाले इस ब्रिज का उद्घाटन शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. 

लगभग 22 किलोमीटर लंबा ये पुल 'मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक' नाम दिया गया है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर इसे 'अटल सेतु' नाम भी दिया गया है. इस पुल का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ये एक ऐतिहासिक दिन है. ये पुल एक उदाहरण है कि हम विकास के लिए समुद्र से भी लड़ सकते हैं. 

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साल 2016 में प्रधानमंत्री मोदी ने इस पुल की नींव रखी थी. इसे साढ़े चार साल में बनकर तैयार होना था. लेकिन कोविड महामारी की वजह से इसमें देरी हो गई. 

ये समंदर पर बना देश का सबसे लंबा ब्रिज है. इस पुल को बनाने में 17,840 करोड़ रुपये का खर्च आया है. लेकिन ये पुल बना कैसे? इसे कुछ सैटेलाइट तस्वीरों से समझा जा सकता है. नीचे दिए गए वीडियो में देखिए कि 2018 से 2024 के बीच ये पुल किस तरह बनकर तैयार हुआ. 

अटल सेतु को बनाने में 1.77 लाख मीट्रिक टन स्टील और 5.04 लाख मीट्रिक टन सीमेंट का इस्तेमाल किया गया है. दावा है कि ये पुल 100 साल तक इसी तरह टिका रहेगा. 

ये पुल साउथ मुंबई के सेवरी से शुरू होगा और नवी मुंबई के न्हावा शेवा तक जाएगा. इससे साउथ मुंबई और नवी मुंबई तक पहुंचने में लगने वाला समय एक-चौथाई कम हो जाएगा. पहले दो घंटे का समय लगता था, लेकिन अब 20 मिनट में पहुंचा जा सकेगा.

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इस पुल पर ऑटोमेटेड टोल कलेक्शन और इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम भी है. इसके अलावा इस पुल को बनाने में लंबे-लबे ऑर्थोट्रॉपिक स्टील डेक का इस्तेमाल किया गया है. इससे पुल को बनाने के लिए ज्यादा पिलर की जरूरत नहीं पड़ती. इसका फायदा ये होता है कि इससे समुद्री रास्ते में कोई बाधा नहीं आती. भारत में पहली बार इसका इस्तेमाल किया गया है.

अटल सेतु छह लेन में बना है. ये पूरा पुल 21.8 किलोमीटर लंबा है. इसका 16.5 किलोमीटर हिस्सा समंदर और करीब 5.5 किलोमीटर जमीन पर बना है. ये ब्रिज समुद्र तल से 15 मीटर की ऊंचाई पर बना है. समुद्री हिस्से में इंजीनियरों और श्रमिकों ने समुद्री तल में लगभग 47 मीटर तक खुदाई की.

ये ब्रिज मुंबई और पुणे के बीच लगने वाले समय को भी कम कर देगा. इसके अलावा इससे मुंबई पोर्ट और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट के बीच भी बेहतर कनेक्टिविटी मिल सकेगी. नवी मुंबई में इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी बन रहा है. इस पुल के जरिए वहां भी कम समय में पहुंचा जा सकेगा. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के मुताबिक, ये ब्रिज मुंबई को मुंबई-गोवा हाईवे, वसई और विरार, नवी मुंबई और रायगढ़ जिले को जोड़ेगा. इससे नवी मुंबई में कई नए प्रोजेक्ट्स और बड़ी कंपनियों के आने की उम्मीद है.

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दावा किया जा रहा है कि इस पुल से सफर करने पर एक बार की यात्रा में 500 रुपये का ईंधन बचेगा. हालांकि, पुल से आने-जाने पर टोल टैक्स भी लगेगा. पैसेंजर कार पर एक बार की यात्रा पर 250 रुपये का टोल लगेगा. वहीं, अगर वापस भी लौटते हैं तो फिर कुल 375 रुपये का टोल देना होगा.

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