
मुसलमानों की आबादी पर एक बार फिर बहस शुरू हो गई है. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने दावा किया कि अवैध अप्रवासियों के कारण झारखंड में मुस्लिम आबादी बढ़ रही है. सरमा ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन पर अवैध अप्रवासियों का साथ देने का आरोप लगाया है. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि घुसपैठियों को मदरसों से आधार कार्ड जारी किए जा रहे हैं.
हिमंता ने दावा करते हुए कहा, 'हर मुसलमान घुसपैठिया नहीं है, लेकिन हर पांच साल में इनकी आबादी कैसे बढ़ रही है? क्या एक परिवार 10-12 बच्चे पैदा कर रहा है? अगर इतने बच्चे पैदा नहीं कर रहा है तो निश्चित रूप से ये लोग बाहर से आ रहे हैं.'
सिर्फ हिमंता ही नहीं, केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने भी मुस्लिमों की बढ़ती आबादी पर बयान दिया. उन्होंने कहा, 'ओवैसी जैसे लोग अफवाह फैलाते हैं कि 80-90 साल में भी मुसलमान, हिंदुओं की बराबरी नहीं कर पाएंगे. मैं कहना चाहता हूं हिंदुओं में अफवाह न फैलाओ. 1951 में इनकी आबादी 2.5 से 2.8 करोड़ थी, आज सरकारी आंकड़ो के हिसाब से आप 17 करोड़ हैं. अघोषित आंकड़े कहते हैं कि आप 25 करोड़ हैं. हिंदू 30 करोड़ से बढ़कर 90 करोड़ हो गए. हमारी जनसंख्या तीन गुना बढ़ी, जबकि आपकी सात गुना.'
ये पहली बार नहीं है, जब मुस्लिमों की आबादी को लेकर इस तरह के आरोप और दावे किए गए हों. आए दिन मुस्लिम आबादी पर इस तरह की बातें होती रहती हैं. ऐसे में जानते हैं कि क्या वाकई ऐसा है?
क्या हिंदुओं से ज्यादा बढ़ रहे मुस्लिम?
2011 की जनगणना के मुताबिक, भारत की आबादी 121 करोड़ से ज्यादा है. इसमें 96.63 करोड़ हिंदू और 17.22 करोड़ मुस्लिम हैं. भारत की कुल आबादी में 79.8% हिंदू और 14.2% मुस्लिम हैं. इनके बाद ईसाई 2.78 करोड़ (2.3%) और सिख 2.08 करोड़ (1.7%) हैं. बाकी बौद्ध और जैन धर्म को मानने वालों की आबादी 1% से भी कम है.
2001 की तुलना में 2011 में भारत की आबादी 17.7% तक बढ़ गई थी. इस दौरान मुस्लिमों की आबादी सबसे ज्यादा करीब 25% तक बढ़ी थी. जबकि, हिंदू 17% से कम बढ़े थे. इसी तरह ईसाइयों की आबादी 15.5%, सिख 8.4%, बौद्ध 6.1% और जैन 5.4% बढ़े थे.
वहीं, अगर 1951 से 2011 तक की तुलना की जाए तो सबसे ज्यादा आबादी मुस्लिमों की बढ़ी है. 1951 में 3.54 करोड़ थी, जो 2011 तक 386% बढ़कर 17.22 करोड़ हो गई. जबकि, 1951 में हिंदुओं की आबादी 30.35 करोड़ थी. 2011 तक हिंदुओं की आबादी 218% बढ़कर 96.62 करोड़ पहुंच गई. इसी तरह सिखों की आबादी 235% और ईसाइयों की 232% बढ़ गई.
1951 में भारत में हिंदू 84%, मुस्लिम 9%, ईसाई 2.2% और सिख 1.7% थे. 2011 की आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी 79.8%, मुस्लिमों की 14.2%, ईसाइयों की 2.3% और सिखों की 1.7% थी.
फैमिली प्लानिंग में कौन आगे?
आबादी बढ़ने का सीधा-सीधा संबंध फर्टिलिटी रेट से होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, टोटल फर्टिलिटी रेट यानी, एक महिला अपने जीवनकाल में कितने बच्चों को जन्म दे रही है या जन्म दे सकती है.
केंद्र सरकार के आंकड़े बताते हैं कि 30 साल में हर समुदाय में फर्टिलिटी कम हुई है. हालांकि, फैमिली प्लानिंग में मुस्लिम महिलाएं, हिंदू महिलाओं से थोड़ा आगे हैं. 1992-93 में पहला नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) हुआ था. उस समय हिंदू महिलाओं में फर्टिलिटी रेट 3.3, जबकि मुस्लिम महिलाओं में 4.4 था. यानी, उस समय एक हिंदू महिला अपने जीवनकाल में औसतन 3 बच्चे पैदा कर रही थी, जबकि मुस्लिम महिलाओं में ये दर 4 से ज्यादा थी.
नवंबर 2022 में NFHS 5 की रिपोर्ट आई है. इसके मुताबिक, अब हिंदू महिलाओं में फर्टिलिटी रेट 1.9 और मुस्लिम महिलाओं में 2.3 है. अभी भी हिंदू महिलाओं की तुलना में मुस्लिम महिलाएं ज्यादा बच्चे पैदा कर रही हैं. लेकिन 30 साल में मुस्लिम महिलाओं की फर्टिलिटी रेट में 47% से ज्यादा कमी आई है, जबकि हिंदू महिलाओं में 42%.
2050 तक सबसे ज्यादा मुस्लिम भारत में होंगे
2015 में अमेरिकी रिसर्च फर्म Pew Research की एक स्टडी आई थी. इस स्टडी में अनुमान लगाया गया था कि 2050 तक दुनिया की सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी भारत में होगी.
इस स्टडी में अनुमान लगाया गया था कि 2050 तक भारत में हिंदू आबादी 1.3 अरब होगी, जबकि 31 करोड़ से ज्यादा मुस्लिम आबादी होगी. यानी, दुनिया में उस समय तक जितनी मुस्लिम आबादी होगी, उसमें से 11% अकेले भारत में होगी.
अभी दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश इंडोनेशिया है. लेकिन 2050 तक भारत में दुनिया की सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी होगी. 2050 तक भारत की आबादी 166 करोड़ के आसपास होने का अनुमान है.
अगर Pew Research का अनुमान सही बैठा तो उस समय तक भारत में 78% हिंदू और 18% मुस्लिम होंगे.