
नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी ने एलएसडी की अब तक की सबसे बड़ी खेप पकड़ी है. एलएसडी यानी लिसर्जिक एसिड डायथाइलैमाइन. एनसीबी ने एक ही ऑपरेशन में एलएसडी के लगभग 15 हजा ब्लॉट्स जब्त किए हैं.
एनसीबी का कहना है कि इंटरनेशनल ड्रग्स ट्रैफिकिंग का ये रैकेट डार्क वेब पर चल रहा था. एनसीबी ने इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार भी किया है.
एनसीबी के अधिकारियों ने बताया कि जब्त की गई एलएसडी की कीमत इंटरनेशनल मार्केट में 10 करोड़ से ज्यादा है. यानी, हर एक ब्लॉट की कीमत 5 से 7 हजार.
वहीं, जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वो स्टूडेंट और युवा हैं जो सीक्रेट ऐप्स और WICKR जैसी मैसेंजर सर्विस पर गुमनाम रहकर पैसा कमाना चाहते थे.
क्यों अब तक की सबसे बड़ी खेप है ये?
- एनसीबी नॉर्थन रीजन के डिप्टी डीजी ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया कि सिंगल ऑपरेशन में ये एलएसडी की अब तक की पकड़ी गई सबसे बड़ी खेप है.
- उन्होंने बताया कि दो हफ्ते चले लंबे ऑपरेशन में एनसीबी ने एलएसडी के 14,961 ब्लॉट जब्त किए हैं. ये 'गामागोब्लिन' और 'होली स्पिरिट ऑफ असुर' ब्रांड के हैं.
- उन्होंने ये भी बताया कि इससे पहले 2021 में कर्नाटक पुलिस ने एलएसडी के करीब 5 हजार ब्लॉट जब्त किए थे. पिछले साल कोलकाता एनसीबी ने भी इतने ही ब्लॉट की जब्ती की थी.
कैसे चलता था तस्करी का खेल?
- ये सारा खेल डार्क वेब पर चलता था. ड्रग्स की तस्करी, पोर्नोग्राफिक कंटेंट और गैर-कानूनी काम के लिए अपराधी डार्क नेट का इस्तेमाल करते हैं.
- एनसीबी के मुताबिक, जो एलएसडी पकड़ी गई है वो पोलैंड और नीदरलैंड्स से आई थी. सिंडिकेट इस एलएसडी को भारत के अलग-अलग राज्यों में तस्करी करता था. इसके लिए यूपीआई और क्रिप्टोकरंसी से पेमेंट ली जाती थी. इन्हें कुरियर या पोस्ट के जरिए डिलिवर किया जाता था.
- एनसीबी अधिकारियों ने बताया कि वो क्रिप्टो फंड को फ्रीज करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि सप्लायर और कंज्यूमर के बीच पर्सनल बातचीत नहीं थी और संपर्क सिर्फ डार्क वेब पर ही होता था.
- उन्होंने बताया कि दिल्ली जोन की यूनिट ने कई घंटों तक डार्कनेट को खंगाला था, तब जाकर इस सिंडिकेट की जानकारी मिली थी.
पकड़े गए लोग कौन हैं?
- एनसीबी के मुताबिक, इस मामले में जिन छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वो सभी पढ़े-लिखे और युवा हैं. इनकी उम्र 25 से 28 साल के बीच है.
- एनसीबी दिल्ली के जोनल डायरेक्टर ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पकड़े गए लोगों में एक गोवा का स्टूडेंट हैं जो नोएडा की निजी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करता है.
- इनमें एक दिल्ली में रहने वाला लड़का भी है जो कुछ ब्लॉट को कश्मीर भेजने की फिराक में था. एनसीआर में रहने वाली एक लड़की को भी गिरफ्तार किया गया है. साथ ही जयपुर के एक सप्लायर और केरल के एक शख्स को भी गिरफ्तार किया गया है.
कितना खतरनाक है एलएसडी?
- एनसीबी के मुताबिक, आजकल युवाओं में एलएसडी का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है. और इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो रहीं हैं.
- एलएसडी को 'एसिड' भी कहा जाता है और इसका सेवन करना गैर-कानूनी है. ये गंधहीन, रंगहीन और स्वादहीन होता है.
- ये एक तरह का सिंथेटिक केमिकल आधारित ड्रग होता है और इसे मतिभ्रम के रूप में कैटेगराइज्ड किया गया है. ये एक 'कागज' की तरह होता है, जिसे चाटकर या निगलकर लिया जाता है.
- जब कोई व्यक्ति एलएसडी का सेवन करता है तो उसका मतिभ्रम हो जाता है. उसके सारे सेंसेस खत्म हो जाते हैं. और इस स्थिति में वो न ही कोई फैसले ले पाता है और उसका बर्ताव पूरी तरह से बदल जाता है.
क्या सजा हो सकती है?
- ये एक तरह का मतिभ्रम करने वाला ड्रग होता है. एनडीपीएस एक्ट के तहत, एलएसडी की कमर्शियल क्वांटिटी 0.1 ग्राम तय यानी करीब 6 ब्लॉट तय है.
- एनसीबी के अधिकारियों ने बताया कि कोई भी अगर एलएसडी की तस्करी या सेवन करने का दोषी पाया जाता है तो उसे जमानत मिलनी भी मुश्किल हो जाती है. साथ ही कठोर कारावास की सजा हो सकती है.
- दरअसल, एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई होती है. हालांकि, सजा कितनी होगी, ये ड्रग्स की मात्रा पर निर्भर करता है.
- अगर आपके पास स्मॉल क्वांटीटी में ड्रग्स है तो एक साल की जेल या 10 हजार का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है. अगर स्मॉल क्वांटीटी से ज्यादा लेकिन कमर्शियल क्वांटीटी से कम ड्रग्स पाया जाता है तो 10 साल की जेल और एक लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा हो सकती है. वहीं, अगर कमर्शियल क्वांटीटी से ज्यादा ड्रग्स बरामद होता है तो 10 से 20 साल तक की कैद और दो लाख रुपये तक का जुर्माना लिया जाएगा.
- अब स्मॉल क्वांटीटी और कमर्शियल क्वांटीटी हर ड्रग्स की अलग-अलग होती है. केंद्र सरकार ने 239 ड्रग्स को प्रतिबंधित लिस्ट में डाला है. सरकार के मुताबिक, एसिट्रोफिन (Acetorphine) ड्रग्स की स्मॉल क्वांटीटी 2 ग्राम है, लेकिन मात्रा 50 ग्राम है तो ये कमर्शियल क्वांटीटी मानी जाएगी. इसी तरह एक किलो गांजे तक को स्मॉल और 20 किलो से ज्यादा को कमर्शियल क्वांटीटी में गिना जाता है.