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एंट्री होते ही पासपोर्ट जब्त, फोटो खींचने, रात में घूमने पर मनाही... उत्तर कोरिया ट्रैवल के लिए खतरनाक देश क्यों है?

उत्तर कोरिया और अमेरिका में लगातार तनाव बना रहता है. इस बीच एक अमेरिकी सैनिक बिना इजाजत लिए कोरिया पहुंच गया, जहां उसे हिरासत में ले लिया गया. फिलहाल सैनिक की वर्तमान लोकेशन की जानकारी अमेरिका तक के पास नहीं. ये तो फौजी था, लेकिन इस देश में सामान्य पर्यटकों का जाना भी सेफ नहीं माना जाता. यहां तक कि वहां बहुत से देशों की एंबेसी तक नहीं.

नॉर्थ कोरिया में पर्यटन बाकी देशों जितना आसान नहीं. सांकेतिक फोटो (Pixabay) नॉर्थ कोरिया में पर्यटन बाकी देशों जितना आसान नहीं. सांकेतिक फोटो (Pixabay)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 3:32 PM IST

अमेरिका लगातार अपने लोगों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी करता है. वो बताता है कि किन देशों की यात्रा की जा सकती है और कहां जाना जोखिम ला सकता है. यूएस स्टेट डिपार्टमेंट लगातार इस लिस्ट को अपडेट भी करता है, जिससे देश ऊपर-नीचे भी होते रहते हैं. वहीं एक देश ऐसा है जो दशकों से रिस्की जोन में रखा हुआ है. नॉर्थ कोरिया के बारे में स्टेट डिपार्टमेंट का कहना है कि अमेरिकी लोग वहां सैर-सपाटे के लिए जाने से बचें. 

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क्या कहती है ट्रैवल गाइड

उत्तर कोरिया अमेरिका में लेवल 4 पर है, यानी वो देश, जहां जाने पर फंसने का डर रहता है, और अमेरिका चाहकर भी तब अपने लोगों की खास मदद नहीं कर सकेगा. ऐसा एक मामला साल 2016 में काफी चर्चा में रहा, जब एक अमेरिकी कॉलेज स्टूडेंट ऑटो फ्रेडरिक को घूमने के दौरान उत्तर कोरियाई जेल में डाल दिया गया. छात्र पर आरोप लगा कि उसने कोरिया के होटल से सरकारी पोस्टर चुराया है. करीब 17 महीने बाद जब फ्रेडरिक जेल से छूटा तो कोमा में था. उसी हालत में उसकी मौत हो गई. 

टूरिस्ट हो जाते हैं गायब 

अमेरिका ने दावा किया कि उसके कई टूरिस्ट नॉर्थ कोरिया में अज्ञात जगहों पर कैद हैं. ये दावा सच भी निकला क्योंकि साल 2018 में कई सैलानी डिटेंशन सेंटरों से छोड़े गए. नॉर्थ कोरियाई सरकार का आरोप था कि सभी ने कोई न कोई नियम तोड़ा था, जिसकी उन्हें सजा काटनी पड़ी. 

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उत्तर कोरिया में गाइड के साथ ही घूम-फिर सकते हैं. सांकेतिक फोटो (Reuters)

नॉर्थ कोरिया और अमेरिका के संबंध इतने खराब हैं कि उस देश में अमेरिका की कोई एम्बेसी भी नहीं. अगर वहां अमेरिकी नागरिक फंस जाएं तो उन्हें स्वीडिश एम्बेसी से मदद लेनी होती है. कनाडा और ऑस्ट्रेलिया समेत ज्यादातर बड़े देश अपनी ट्रैवल एडवायजरी में उत्तर कोरिया जाने से मना करते हैं. 

क्यों मना करते हैं देश

उत्तर कोरिया अपने पड़ोसियों से लेकर दूर-दराज के देशों से संबंध खराब किए हुए है. ऐसे में वो हर वक्त आशंकित रहता है कि कहीं उसपर कोई हमला न हो जाए. काल्पनिक अटैक से बचने के लिए वो लगातार तैयारियां करता रहा. जैसे वहां मिसाइल टेस्टिंग होती रहती है. या फिर नए-नए आदेश जारी होते रहते हैं. ये हालात टूरिज्म के लिए सही नहीं. 

जानकारियां पर पहरा

विदेश घूमते हुए टूरिस्ट अगर न्यूज सुनना या पढ़ना चाहें तो वो यहां मुमकिन नहीं. वहां के बड़े होटलों में इंटरनेशनल न्यूज चैनल आते तो हैं, लेकिन जब-तब उनका ब्रॉडकास्ट बंद भी करा दिया जाता है. ऐसे में अगर नॉर्थ कोरिया की उसी देश से लड़ाई छिड़ जाए, जहां से सैलानी है तो भारी मुसीबत हो सकती है. 

इस देश में सूचनाओं पर कड़ा पहरा रहता है. सांकेतिक फोटो (Reuters)

अस्पताल भी नहीं हैं अच्छे

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उत्तर कोरिया से वैसे तो जानकारी नहीं आती, लेकिन माना जा रहा है कि फिलहाल वहां भुखमरी के हालात हैं, और क्राइम बढ़ रहा है. ये अस्थिरता भी एक बड़ी वजह है कि देश अपने लोगों को वहां जाने से रोक रहे हैं. इसके अलावा भी कई दिक्कतें हैं. जैसे पूरे देश में मेडिकल सुविधा काफी कमजोर है. यहां तक कि राजधानी प्योंगयांग में भी अच्छे अस्पताल नहीं. ऐसे में पर्यटक अगर गंभीर रूप से बीमार पड़ जाए तो उसे मेडिकल इवेकुएशन कराना होता है, जो काफी महंगा पड़ सकता है. 

उत्तर कोरिया के नियम आम दुनिया से काफी अलग

जानकारी न होने की वजह से टूरिस्ट इसमें फंसकर जेल पहुंच जाते हैं. मिसाल के तौर पर वहां किसी भी तरह का धार्मिक या राजनैतिक कंटेंट नहीं ले जा सकते. कोरियाई सरकार इसे अपने खिलाफ प्रचार की तरह देखती है. किम जोंग या उनके परिवार के किसी भी सदस्य का मजाक बनाना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है. इसके बाद का रास्ता सीधे डिटेंशन सेंटर में खुलेगा. यहां हर जगह फोटो भी नहीं खींची जा सकती. ऐसा करना जासूसी कहलाता है, जिसकी सजा काफी गंभीर हो सकती है. 

यहां लीडर्स या उनके परिवार पर कोई बात नहीं की जा सकती. सांकेतिक फोटो (Pixabay)

ऑफिशियल गाइडेड टूर ही अलाउड हैं

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उत्तर कोरिया का कहना है कि उनका देश बिल्कुल सेफ हैं, और वहां हर साल 4 से 6 हजार विदेशी पर्यटक आते हैं. हालांकि ये पर्यटक काफी नियम-कायदों में बंधे होते हैं. समय-समय पर उनका मोबाइल चेक होता है. शक होने पर इसे जब्त भी किया जा सकता है. टूरिस्ट्स को लोकल लोगों से बात करने या उनके साथ तस्वीरें लेने की इजाजत नहीं. ट्रैवलर वहां ऑफिशियल गाइडेड टूर के लिए ही जा सकते हैं, इसके अलावा वे शहर में अपनी मर्जी से नहीं घूम सकते. 

कैसे मिल सकता है वहां का वीजा

- इसके लिए आप खुद अप्लाई नहीं कर सकते, बल्कि ट्रैवल एजेंसी की मदद लेनी होगी. इस देश में स्वतंत्र तौर पर विजिटर्स अलाऊ नहीं हैं. 

- सफेद बैकग्राउंड पर पासपोर्ट साइज तस्वीर, पासपोर्ट और एक आवेदन फॉर्म भरकर एजेंट को देना होगा. 

- कुछ टर्म्स एंड कंडीशन भी होते हैं, जिसपर साइन जरूरी है वरना वीजा रिजेक्ट हो जाएगा. 

- अगर वीजा मिल जाए तो ये पासपोर्ट पर नहीं होगा, बल्कि एक अलग कागज मिलेगा. 

- इसपर ये भी लिखा होगा कि आप कहां से देश में एंट्री कर सकते हैं. इसके दो रास्ते हैं- रूस और चीन. वीजा पर स्फेसिफिक ढंग से सब बताया गया होगा. 

- यहां पासपोर्ट आप अपने पास नहीं रख सकते, बल्कि लोकल गाइड अपने पास जमा कर लेता है. देश छोड़ने के समय ही ये लौटाया जाता है.

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