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कोई प्राइवेट कंपनी से रिटायर, किसी की राशन की दुकान... जानें- PM मोदी के 'असली परिवार' में कौन-कौन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म दामोदरदास मूलचंद मोदी के घर पर हुआ था. उनके पिता चाय की दुकान चलाते थे. 1971 में पीएम मोदी ने अपना घर छोड़ दिया था. उनके चार भाई और एक बहन है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 4 भाई और एक बहन हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 4 भाई और एक बहन हैं.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 6:42 PM IST

लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले सियासी तकरार बढ़ गई है. सोमवार से बीजेपी ने नया कैंपेन शुरू किया. तमाम केंद्रीय मंत्रियों और बीजेपी नेताओं ने एक्स (पहले ट्विटर) पर अपना बायो बदल दिया. उन्होंने अपने नाम के आगे 'मोदी का परिवार' जोड़ दिया.

बीजेपी ने ये कैंपेन तब शुरू किया, जब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने प्रधानमंत्री मोदी पर पर्सनल अटैक किया था. लालू यादव ने पटना की रैली में कहा था कि मोदी के पास तो परिवार ही नहीं है. इसपर पलटवार करते हुए पीएम मोदी ने कहा थि कि 140 करोड़ देशवासी ही मेरा परिवार है. 

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इसके बाद बीजेपी ने सोमवार को 'मोदी का परिवार' कैंपेन शुरू कर दिया. अब तक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी के तमाम बड़े नेताओं ने अपनी एक्स प्रोफाइल में नाम के आगे 'मोदी का परिवार' जोड़ लिया.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के परिवार में कौन-कौन हैं? पीएम मोदी के पिता दामोदरदास मूलचंद मोदी ने हीरा बा से शादी की थी. दोनों की छह संतानें हुईं. पीएम मोदी तीसरे नंबर पर हैं. उनकी बाकी संतानों में सोमभाई, अमृतभाई, प्रह्लादभाई, वासंतीबेन और पंकजभाई हैं. वासंतीबेन पीएम मोदी की इकलौती बहन हैं. 

पीएम मोदी के बड़े भाई सोमभाई.

सबसे बड़े भाई सोमभाई मोदी

प्रधानमंत्री मोदी के सबसे बड़े भाई सोमभाई मोदी हैं. सोमभाई वडनगर में एक वृद्धाश्रम चलाते हैं. वडनगर मोदी परिवार का पैतृक गांव है.

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कुछ साल पहले इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में सोमभाई ने बताया था, 'मैं नरेंद्र मोदी का भाई हूं, न कि प्रधानमंत्री का. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए मैं सवा सौ करोड़ देशवासियों में से एक हूं.' सोमभाई कई सालों से पीएम मोदी से मिले नहीं हैं. बातचीत भी फोन पर ही होती है. 

उनके सबसे छोटे भाई पंकजभाई मोदी गुजरात सूचना विभाग में अफसर हैं. पंकजभाई नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद कई बार उनसे मिल चुके हैं. क्योंकि उनकी मां हीराबा पंकजभाई के साथ ही रहती थीं.

प्रधानमंत्री मोदी का जन्म चाय की दुकान चलाने वाले दामोदरदास मूलचंद मोदी के घर हुआ था. 2016 में एक रैली में पीएम मोदी ने कहा था, 'मेरे पास जो कुछ था, मेरा परिवार, मेरा घर... सबकुछ देश के लिए छोड़ दिया.'

अमृतभाई.

आम लोगों की तरह ही जीवन

प्रधानमंत्री बनने से पहले वो 12 साल गुजरात के मुख्यमंत्री रहे थे. लेकिन उनका परिवार तब भी आम लोगों की तरह ही जीवन जीता है.

पीएम मोदी के एक और बड़े भाई अमृतभाई मोदी अहमदाबाद में अपने बेटे संजय, बहू और दो पोतों के साथ रहते हैं. वो प्राइवेट कंपनी से रिटायर हो चुके हैं. अमृतभाई जब नौकरी करते थे, तब उनकी सैलरी 10 हजार रुपये महीने से भी कम थी.

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संजय घर के पास ही स्पेयर पार्ट्स की एक छोटी सी दुकान चलाते हैं. इसी से उनका घर खर्च निकलता है. उनके परिवार ने 2009 में पहली कार खरीदी थी. ये कार ज्यादातर समय कवर से ही ढंकी रहती है, क्योंकि परिवार आमतौर पर टू-व्हीलर का इस्तेमाल करता है.

आरएसएस से जुड़ने के बाद छोड़ा था घर

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ने के बाद नरेंद्र मोदी ने अपना जीवन देश को समर्पित कर दिया. वो प्रचारक बन गए और अपना घर छोड़ दिया.

उनके भाई अमृतभाई बताते हैं कि नरेंद्र मोदी से वो आखिरी बार फरवरी 1971 में मिले थे. तब नरेंद्र मोदी ने घर छोड़ने का फैसला लिया था. अमृतभाई याद करते हुए बताते हैं, 'जब उन्होंने मुझसे कहा कि वो हमेशा के लिए घर-परिवार छोड़ रहे हैं, तो मेरी आंखों में आंसू आ गए थे, लेकिन वो शांत और स्थिर थे.'

पीएम मोदी के छोटे भाई प्रह्लाद मोदी अहमदाबाद में राशन की दुकान चलाते हैं. वो अक्सर राशन के ज्यादा दाम का मुद्दा उठाते रहे हैं. मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब भी उन्होंने इस मुद्दे को उठाया था.

नरेंद्र मोदी की इकलौती बहन वासंतीबेन हैं. वासंतीबेन ने हसमुख भाई से शादी की थी. हसमुखभाई एलआईसी में थे.

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पूरा परिवार ही जीता है सादा जीवन

प्रधानमंत्री मोदी के चचेरे भाई और उनका परिवार भी सादा जीवन जीता है. उनके चचेरे भाई भरतभाई मोदी वडनगर से 60 किलोमीटर दूर एक पेट्रोल पंप पर काम करते हैं.

उनके एक और चचेरे भाई अशोकभाई वडनगर के घीकांता बाजार में पतंग, पटाखे और स्नेक्स बेचते हैं. उनकी यहां 8 बाय 4 फीट की एक छोटी सी दुकान है, जिसका महीने का किराया 1,500 रुपये है. इस दुकान से उनकी महीने की 4 हजार की कमाई ही हो पाती है. 

अशोकभाई और भरतभाई के भाई अरविंदभाई की कबाड़ की दुकान है. इससे उन्हें महीने के 6 से 7 हजार रुपये की कमाई हो जाती है.

उनके आलोचक कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाइयों और रिश्तेदारों को लेकर कुछ ज्यादा ही सख्त हैं. गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद 2003 में गांधीनगर में उन्होंने एक पारिवारिक कार्यक्रम किया था. लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं किया. 

हालांकि, पीएम मोदी ने एक बार कहा था, 'वास्तव में मेरे भाइयों और चचेरे भाइयों को इस बात का श्रेय जाता है कि उन्होंने साधारण जीवन जारी रखा और मुझे कभी भी किसी भी चीज के लिए परेशान नहीं किया. आज के समय में ये बहुत ही कठिन बात है.'

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